15 जून से मजदूरों को मिलेगा रोजगार, पूर्वांचल के इन-इन जनपदों में अधिकारियों को इतने श्रमिकों का टारगेट 


मनरेगा: अबतक उदासीन रहे विभाग भी देंगे रोजगार


लोनिवि, रेशम, पंचायती राज, मत्स्य आदि महकमे भी करेंगे रोजगार सृजन


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलों को दिया श्रमिकों का पूरा टार्गेट


वाराणसी समेत पूर्वांचल के सभी जिलों में श्रमिकों का लक्ष्य दोगुना



सुरोजीत चैैटर्जी
वाराणसी। कोविड-19 महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों ने काफी कुछ बदलाव लाने के लिए बाध्य कर दिया है। इस महामारी की चपेट में आने वालों में श्रमिक और प्रवासी मजदूर भी है। उन्हें आर्थिक रूप से सहारा देने के लिए प्रदेश सरकार ने मनरेगा जॉब कार्डधारकों सहित प्रवासी श्रमिकों को ज्यादा से ज्याद रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में अब प्रत्येक उन सभी कार्यदायी विभागों को रोजगार सृजित करने को कहा है जो ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण कार्य आदि कराते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपदों मनरेगा के तहत कार्यदिवस का टार्गेट देते हुए सभी जिलों में प्रत्येक दशा में 15 जून से उतने मजदूरों को काम पर लगाने का निर्देश दिया है, जितने श्रमिकों का लक्ष्य रखा गया है। इस प्रकार सिर्फ वाराणसी जनपद में ही वर्तमान में चल रहे मानव दिवस की तुलना में लगभग दोगुना श्रमिकों को मनरेगा के माध्यम से कार्य आरंभ कराना है। बीते बुधवार की शाम सीएम की ओर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में मिले इस निर्देश के बाद गुरुवार को रेशम विभाग, लोक निर्माण विभाग, भूमि एवं जल संरक्षण, कृषि, उद्यान, पंचायती राज, मृदा संरक्षण, वन, मत्स्य, सिंचाई, लघु सिंचाई आदि महकमे कार्ययोजना, प्रस्ताव और इस्टीमेट बनाने में जुटे रहे।
इस प्रकार की पहल के माध्यम से यूपी में एक करोड़ मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने का टार्गेट रखा गया है। इसके लिए शासन ने सूबे के जनपदों के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य कराया जाना है। जिसके तहत कुल 826 विकास खंडों के लिए जिलेवार मानव दिवस का लक्ष्य भी निर्धारित कर दिया गया है। सभी जनपदों के लिए यह टार्गेट लगभग दोगुना है। चर्चा के मुताबिक वर्तमान में सिर्फ वाराणसी में ही औसतन 30 हजार श्रमिक प्रतिदिन मनरेगा के कार्य कर रहे हैं। लेकिन 15 जून से इस जिले में 54 हजार 50 मजदूरों को काम पर लगाना है।
सीएम की ओर से दिये गये लक्ष्य पूर्वांचल के अन्य जनपदों में देखें तो जौनपुर में एक लाख 24 हजार 653 मजदूर, चंदौली में एक लाख एक हजार 129 श्रमिक, गाजीपुर में एक लाख 34 हजार 274 मजदूर, गोरखपुर में एक लाख 12 हजार 63, आजमगढ़ में एक लाख 52 हजार 977, सोनभद्र में एक लाख 11 हजार 702 श्रमिक, प्रयागराज में एक लाख 40 हजार 390, बलिया में 91 हजार 958, देवरिया में 73 हजार 507, कुशीनगर में 96 हजार 668, महराजगंज में एक लाख 55 हजार 31, मऊ में एक लाख चार हजार 269, मीरजापुर में एक लाख 40 हजार 197, प्रतापगढ़ में 94 हजार 239, संत रविदास नगर में 45 हजार 901 मजदूरों को मनरेगा में काम देकर हर हाल में 15 जून से रोजगार मुहैया कराना है।
शासन स्तर पर इसकी न सिर्फ प्रतिदिन निगरानी होगी बल्कि जनपदों के इस बारे में कई स्तर पर लगातार अपनी-अपनी रिपोर्ट भी देनी है। महकमों के अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि 15 जून से मनरेगा के तहत निर्धारित लक्ष्य के अनुसार मजदूरों को कार्य उपलब्ध कराने के लिए तत्काल कार्ययोजना और इस्टीमेट बनाकर जिले में ही स्वीकृत कराते हुए कार्य आरंभ करा दिये जायं।


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