स्कूल बंदी में मम्मी-पापा बने बच्चों के दोस्त 



जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। कोरोना संक्रमण फैलने के बाद लाकडाउन के बीच कई बच्चे के दोस्त बदल गए हैं। कुछ पडोसियों के अंकल-आंटी के साथ बातें कर बताते हैं मन की बात। समय से पढ़ाई इसलिए कर रहे हैं कि उनको खेलने के लिए मनमर्जी की छूट मिले। छतों पर खेलते हुए पड़ोस के दोस्तों को बताते हैं अपने घर की दिन भर की बात। यह उन बच्चों की बेदना है जो कोरोना बंदी में स्कूल तो नहीं जा रहे। पर आन लाइन पढ़ाई और होमवर्क को खेलने के लिए छूट मिले इसलिए जीतोड़ पढ़ाई करते हैं। इन दिनों इनकी मनमर्जी भी खूब चलत है गार्डेन में घुमना, पेट्स के साथ खेलने, साइकिल चलाना, पडोस के दोस्त के साथ धमाचौकड़ी मिलने जुलने की छूट मिल सके। यह छूट मम्मी और डैडी से लेनी पड़ रही है। कुछ दिन तो ठीक चला पर अब पढ़ाई खेलना और घूमना सब साथ-साथ करते हैं। 



‘आनलाइन पढ़ाई के साथ मम्मी-पापा के बताए काम करके खेलने के लिए टाइम निकालती हूं। इसके साथ ही गार्डेन और लान में साइकिल चलाती हूं।’ -साम्राज्ञी, सेंट जांस क्लास 3 डीएलडब्ल्यू 



मम्मी-पापा के साथ दिन की शुरूआत पूजा और प्रार्थना से करते हैं। आनलाइन कक्षाओं के साथ घर पर पढ़ाई करती हूं। पास के अंकल आंटी के घर खेलने जाती हूं। -अलंकृता, सेंट जांस यूकेजी वाराणसी



घर में मम्मी के अलावा पास के दोस्तों का स्कूल से कोरोना छुट्टी में साथ है। इनके साथ खेलना मम्मी के साथ दोस्तों के घर जाना होता है। जहां खेल और  पढ़ाई होती है। -अजीत शर्मा, लिटिल फ्लावर क्लास 3 


 


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