सात महीने बाद भी सामूहिक विवाह में हुए भ्रष्टाचार से नहीं उठा पर्दा, कुछ के बच्चे तो कुछ गर्भवती.......


कुछ के बच्चे तो कुछ गर्भवती महिलाओं भी हुई थी शादी 


पैसों का लालच देकर सामूहिक विवाह योजना में अधिकारियों ने करा दी थी शादीशुदा जोड़ों की शादी


भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारी बेखौफ कर रहें कार्य

जनसंदेश न्यूज 
गाजीपुर। एक बार फिर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना चर्चा में है, लेकिन इस बार मामला विवाहित जोड़ों की दोबारा शादी कराने का नहीं बल्कि विवाह में हुए घोटाले का खुलासा नहीं करने को है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत प्रदेश भर में हजारों जोड़ों की शादी कराई गई, मगर जिले के मनिहारी ब्लाक में ऐसा मामला सामने आया, जिससे अधिकारियों के होश उड़ गये। 
मनिहारी ब्लॉक में कई ऐसे जोड़े भी पहुंचे थे, जिनकी पहले शादी हो चुकी थी। मनिहारी ब्लॉक में 110 में से 57 जोड़े फर्जी निकले, ऐसे मामले ने एक बार फिर इन योजनाओं में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है। वहीं जिला प्रशासन बीते सात माह में भी जांच पड़ताल पूरी नहीं कर पाया। जिससे घोटालेबाजों पर कार्रवाई की जा सके। 
मनिहारी ब्लॉक में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना कार्यक्रम विगत 14 नवंबर को आयोजित किया गया था। जिसमें कुल 110 पात्र व्यक्तियों का रजिस्ट्रेशन किया गया। रजिस्ट्रेशन ब्लॉक व समाज कल्याण विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों ने किया। लेकिन ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि योगेंद्र सिंह को इस बात की जानकारी हुई कि जिन लोगों का रजिस्ट्रेशन किया गया है, उसमें आधे से अधिक फर्जी है। इस फर्जीवाड़े की सत्यता की जांच के लिए उन्होंने एक दिन पूर्व विभाग से शादी के रजिस्ट्रेशन की लिस्ट मनिहारी ब्लॉक से लिया और उसका खुद अपने ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य से जब वेरिफिकेशन कराना आरंभ किया, तब पता चला कि इसमें से बहुत सारे जोड़ों का शादी पहले ही हो चुकी है।  
इतना ही नहीं कुछ लोगों के बच्चे भी हैं, तो कुछ गर्भवती है, इसके बाद जब वे कार्यक्रम में पहुंचे तब उन्होंने इसकी शिकायत विभाग के अधिकारियों से किया। इतना जानने के बाद विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों के हाथ-पांव फूलने लगे और सभी ने मौके पर अपने को पाक साफ दिखाने के लिए जांच करना शुरू कर दिया। इस जांच प्रक्रिया में 53 दूल्हा दुल्हन सामूहिक शादी से पहले निकल लिए थे। इसके अलावा पूरे जिलें में इस भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद सामुहिक विवाह का कार्यक्रम को रोक दिया गया था।  
वही कार्यक्रम में शादी कराने पहुंचे पंडित ने भी कहा था कि इस तरह से दोबारा विवाह करना शास्त्रों के साथ खिलवाड़ है। जिला प्रशासन द्वारा मनिहारी में हुए शादी समारोह में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ जांच पड़ताल कराते हुए दो सप्ताह में रिपोर्ट देने का फरमान जारी किया गया था। मगर सात माह बाद भी जांच पड़ताल हवा हवाई साबित हुआ। आश्चर्य की बात यह है कि अभी भी ब्लॉक पर सामुहिक विवाह से जुड़े काफी सामान पड़ा हुआ है। साथ ही इस भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारी बेखौफ कार्य कर रहे हैं। 


 


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