कोरोना के चलते निर्यात में सबसे बड़ी गिरावट, फियो ने की निर्यात बढ़ाने को मेगा आर्थिक पैकेज की डिमांड
जनसंदेश न्यूज
वाराणसी। मासिक निर्यात में अब तक की सबसे बड़ी दो अंकों की भारी गिरावट पर प्रतिक्रिया देते हुए फियो के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने कहा कि पूरी दुनिया में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए हुए लॉकडाउन की वजह से न सिर्फ वैश्विक कारोबारी धारणा प्रभावित होकर अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। बल्कि इससे आपूर्ति शृंखला भी बाधित हुई है और पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है। बीते अप्रैल में निर्यात 60.28 प्रतिशत गिरकर 10.36 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया है। यह पिछले ढाई दशकों में सबसे बड़ी गिरावट है।
फियो अध्यक्ष शरद सराफ ने कहा कि इस माह के दौरान आपातकालीन और जरूरी वस्तुओं जैसे दवाओं तथा औषधीय उत्पादों के निर्यात में मामूली बढ़ोतरी हुई है। पूरी दुनिया में लॉकडाउन इसकी प्रमुख वजह है, जिसके कारण आपूर्ति शृंखला बाधित हुई है। दवा व फार्मा को छोड़कर सभी बड़े निर्यात आॅर्डर रद्द हो गए हैं। उन्होंने निर्यात के रोजगार केंद्रित क्षेत्रों में तेज गिरावट को लेकर चिंता जताई है। जिसका देश में नौकरियों पर बुरा असर पड़ा है, क्योंकि वस्तुओं की घरेलू मांग भी तेज नहीं है।
फियो प्रमुख का मानना है कि हम चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में निर्यात बहाल होने की उम्मीद कर सकते हैं, यह अंतरराष्ट्रीय बाजार की मांगों पर निर्भर करेगा। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जापान, जर्मनी, फ्रांस आॅस्ट्रिया, स्पेन, नीदरलैंड, इटली, स्वीडन और बांग्लादेश जैसे प्रमुख वैश्विक कारोबारियों ने अपने उद्योगों को बड़े बेलआउट या वित्तीय पैकेज दिए हैं, जिससे इस खराब दौर से उद्योगों को उबारा जा सके। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि करीब 70 से 80 प्रतिशत आॅर्डर रद्द होना धूमिल तस्वीर दिखाती है। इसके अलावा बड़े पैमाने पर नौकरियां जाने और निर्यात इकाइयों में एनपीए बढ़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति देखते हुए हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि जमीनी स्तर पर तत्काल आर्थिक कदमों की घोषणा की जानी चाहिए, जिससे इस मुश्किल भरे और परीक्षा के दौर में देश भर में कारोबार व व्यवसाय शुरू हो सके। उन्होंने निर्यात को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से मेगा आर्थिक पैकेज देने की मांग की है।