कोरोना का भय: दर्द से तड़प-तड़प कर निकल गई जान, ना पत्नी पहुंची नजदीक और ना इंसान!
जनसंदेश न्यूज़
लालापुर/प्रयागराज। मौत का डर इतना भयावह होता है कि इंसान अपनों से नज़दीक जाने से डरने लगता है। यही हाल पंडुवा के क्वारंटाइन सेंटर में शनिवार को देखने को मिला। मुम्बई से तीन दिन पहले लौटे व्यक्ति की क्वारेटाइन सेंटर पर मौत हो जाने से ग्रामीणों व अन्य क्वारेटाइन व्यक्तियों में हड़कंप मच गया। मौत की सूचना अधिकारियों को दी गयी। जिस पर अधिकारियों ने मृतक की बॉडी को जांच के लिए प्रयागराज भेज दिया ।
बता दें कि मृतक मो. मुश्लमीन (40) पुत्र मो.नाईम 13 मई को अपने पत्नी नूरजहां व पुत्र मो. आमान तथा दो अन्य लोगांे के साथ उल्लास नगर महाराष्ट्र से अपने गांव पंडुआ थाना लालापुर आये थे। गांव में आने के बाद घर पर जगह न होने के कारण स्वेच्छा से वे लोग परिषदीय विद्यालय के प्रांगण के आंगनबाड़ी केंद्र में क्वारेटाइन हो गए। शुक्रवार रात 11 बजे मुश्लमीन को सीने में थोड़ा दर्द हुआ तो मौसम के कारण समझ कर ध्यान नहीं दिया। परंतु रात में दर्द धीरे-धीरे इतना बढ़ गया कि वह ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने और तड़पने लगा।
कोरोना के डर से पत्नी के अलावा कोई नज़दीक नहीं गया। इसके बाद भोर में लगभग दो बजे एम्बुलेंस को सूचना दी गयी। लेकिन जब तक एम्बुलेंस पहुंची तब तक क्वारेटाइन सेंटर पर ही मुश्लमीन की दर्द से तड़प कर मौत हो गयी। मुश्लमीन कि मौत से क्वारेटाइन सेंटर पर मौजूद अन्य लोगों के साथ साथ ग्रामीण भी दहशत में आ गए। मुश्लमीन की मौत की सूचना पर उपजिलाधिकारी बारा संदीप भागिया के निर्देश पर नायब तहसीलदार रवीकांत द्विवेदी, राजस्व निरीक्षक तेज़ नारायण शुक्ल, जैसवार हंसराज, संतोष मिश्र, क्षेत्राधिकारी बारा आरपी दोहरे, थानाध्यक्ष लालापुर संतोष कुमार सिंह, उमेश यादव, अलोक सिंह के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शंकरगढ़ की टीम मौके पर पहुंच कर जांच पड़ताल किया।
उसके बाद स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने एंबुलेंस से लाश को कोरोना जांच के लिए प्रयागराज भेज दिया गया। बताया जाता है कि इस गांव में कुल 105 लोगों को क्वारेटाइन किया गया है। जिसमे से 55 विद्यालय में शेष अपने-अपने घरो में होम क्वारेटाइन है।