खनन अनियमितता की शिकायत पर जांच करने पहुंची उच्च स्तरीय टीम, कलई खुलने के डर से सकते में दिखे दो-दो रेंजर


टीम ने खनन क्षेत्र में जीपीएस रीडिंग कर किया नोट


साक्ष्य के रूप में बड़े-बड़े गढ्ढ़ों की कराई फोटोग्राफी

जनसंदेश न्यूज़
दुद्धी/सोनभद्र। कोरगी बालू साइट पर नियमों को ताख पर रख कर भारी अनियमितताओं के साथ हो रहे खनन की शिकायत पर प्रशासन द्वारा गठितएक उच्च स्तरीय टीम बुधवार की सुबह साढ़े 10 बजे कनहर नदी बालू साइट पर जांच हेतु पहुंची। टीम ने करीब 3 घंटे कोरगी व पिपरडीह साइट के स्वीकृत खनन रकबे व वन भूमि को नक्शे से ट्रेस कर सभी कोनों से जीपीएस रीडिंग ली गयी और चीफ नोडल ने प्रत्येक रीडिंग को स्वयं नोट किया। वहीं नदी में चल रहे करीब आधे दर्जन चल रहे पोकलेन की विडियोग्राफी भी कराई।
टीम ने खान क्षेत्र में नदी के धार में बनाये अस्थाई मार्ग व रेत खनन से नदी में बने बड़े-बड़े गढ्ढों की भी फ़ोटोग्राफी साक्ष्य के रूप में की। करीब तीन घंटे चले गहन जांच के बाद टीम वापस चली गई। इस दौरान संबंधित रेंज के दोनों रेंजर कलई खुलने की डर से सकते में दिखे जो इधर से उधर भागते फिर रहे थे।
लखनऊ मुख्यालय के चीफ नोडल पंकज मिश्रा व कंजर्वेटर प्रयागराज राजीव मिश्रा के नेतृत्व में कोरगी पहुँची। टीम ने संबंधित रेंज के सभी वन कर्मियों को नदी से बाहर रहने को हिदायत दे दी। इसके बाद पूरे नदी को घूमकर प्रत्येक फारेस्ट की  सीमांकन चिन्हों से खनन की स्थिति से अवगत हुए। अनियमितताओं को देखकर व पूछताछ में गोलमटोल जबाब सुनकर एकाएक बिफरे चीफ नोडल श्री मिश्रा ने  विंढमगंज रेंजर विजेंद्र श्रीवास्तव को जमकर फटकार लगाई। 
उनके तैनाती के बावत भी पूछा जिस पर रेंजर ने बताया कि रेंज में दो साल से तैनात है। नदी में जगह-जगह खनन कर बनाये गए बड़े-बड़े गढ्ढों के बावत पूछने पर साइट संचालक ने बताया कि नदी में तीन मीटर गहरा खनन की अनुमति है। पूरे नदी की वीडियो ग्राफी व तस्वीर लेकर जीपीएस रीडिंग के साथ टीम जाबर गांव की तरफ से पिपरडीह साइट पहुंचकर फारेस्ट की प्रत्येक सीमा से जीपीएस रीडिंग लेकर, खनन से नदी में बने बड़े गढ्ढे व अस्थाई रपटे की जांच कर टीम यहां से वापस हुई। 
मीडिया से बातचीत में नोडल चीफ पंकज मिश्रा ने बताया कि यह जांच शासन के निर्देश पर एक शिकायत पर की जा रही है। सारी रीडिंग ली गयी है, गूगल से वन क्षेत्र में हुए खनन की वास्तिवक स्थिति का पता लगाकर रिपोर्ट शासन को भेजी दी जाएगी। उन्होंने माना कि और भी अनियमिताएं है जो उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है, जिसे दूर करना खनन व राजस्व विभाग की नैतिक जिम्मेदारी है। मैं वन क्षेत्र की स्थिति की जांच में आया था। 
इस मौके पर डीएफओ सोनभद्र संजीव कुमार, डीएफओ रेनुकूट एमपी सिंह, एसडीओ काशी दिनेश कुमार सिंह, रेनुकूट वन प्रभाग के एसडीओ मनमोहन मिश्रा, एसडीओ कुंजमोहन वर्मा के साथ कई रेंज के रेंज अफसर मौजूद रहे। उधर लोगों का कहना है कि देखना यह है कि जांच रिपोर्ट के बाद शासन कितना प्रभावी कार्रवाई करती है।


 


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