कार्ड तो बन गया पर नहीं मिल रहा राशन, कोटेदारों की फजीहत, अधिकारी मौन 


जनसंदेश न्यूज़
करछना/प्रयागराज। वैश्विक महामारी के चलते संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान कोई भूखा न रहे। सरकार की इस मुहिम को लेकर सरकारी अमला कितना जिम्मेदार हैं, यह जानने के लिए सरकारी राशन की दूकान पर जाने से पता चल सकता है। करछना तहसील के 361 राजस्व गांवो में चयनित राशन की दुकानों पर यही हाल है। वैश्विक महामारी के चलते बड़ी संख्या में गरीबों के राशन कार्ड नही बने थे,  जिसको लेकर अधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि ईट भठ्ठो पर फंसे मजदूरों को राशन कार्ड बना कर उन्हें भी राशन उपलब्ध कराया जाये। 
करछना तहसील के विभिन्न गांवो और ईट भठ्ठो पर फंसे मजदूरों को राशन कार्ड ऑनलाइन कर दिया गया है, उन्हें कार्ड भी मिल गया है, लेकिन हजारों नए कार्ड धारकों को निःशुल्क खाद्यान्न नसीब नहीं हो सका। क्योंकि कार्डों कीं सख्या तो बढ़ा दी गई, लेकिन कोटेदारों को खाद्यान्न बढ़ा कर नही दिया गया। जिसके चलते नये कार्ड धारकों को निःशुल्क राशन नही नसीब हो पाया। वही बढे़ राशन कार्ड धारक अपना गुस्सा कोटेदारो पर उतार रहे हैं, और कहीं-कहीं विवाद की स्थिति का कारण भी बन रहे हैं।


 


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