जमीन की हेराफेरी में आरोपित तहसीलदार को शासन ने किया बर्खास्त, छह वर्षों तक चली जांच प्रक्रिया


मामला प्रयागराज जनपद के मंझनपुर तहसील से संबंधित


तहसीलदार मडियाहू सुदर्शन राम को मिला मछलीशहर का कार्यभार

जनसंदेश न्यूज़
मछलीशहर/जौनपुर। तहसीलदार सन्तोष कुमार सोनकर को शासन द्वारा बर्खास्त कर दिया गया है। आरोप है कि वर्ष 2014 में कौशांबी जनपद के मंझनपुर तहसील में तहसीलदार के पद पर तैनाती के दौरान ग्राम समाज की भूमि में हेराफेरी किया। जांचोपरान्त दोषी पाये जाने पर बर्खास्तगी की कार्रवाई शासन द्वारा की गई।
बताया जाता है कि वर्ष 2014 में अपनी तैनाती के दौरान मंझनपुर के तहसीलदार सन्तोष सोनकर असंक्रमणीय से संक्रमणीय भूमिधर घोषित किये जाने हेतु विहित प्रक्रिया का पालन न करने, ग्राम सभा की भूमि अतिकारित करने, कर्मचारी आचरण नियमावली के विरुद्ध कार्यवाही करने सम्बंधी प्रकरण पर सम्यक विचारोप रान्त राजस्व परिषद ने सन्तोष सोनकर को विभागीय कार्यवाही के तहत बर्खास्त किया। 
बताया जाता है कि उक्त तहसील के करारी परगना के पाता मौजा निवासी इन्द्रपाल पुत्र दशरथ के नाम धारा 132 श्रेणी की अति कीमती जमीन पट्टा हो गई थी। जिसे वर्ष 2009 में अपर जिलाधिकारी वित्त/राजस्व ने निरस्त कर ग्राम सभा में निहित कर दिया था। उक्त आदेश का तहसील में अमलदरामद नहीं किया गया। इसी बीच वर्ष 2014 में उक्त पट्टा शुदा जमीन के स्वामी को नियम विरुद्ध संक्रमणीय भूमिधर घोषित कर दिया गया और जमीन का विक्रय भी कर दिया गया। अपर आयुक्त के यहां अपील हुई।
इस प्रकरण की जांच अपर आयुक्त प्रशासन प्रयागराज द्वारा कर आख्या राजस्व परिषद को सौप दी गई थी। तहसीलदार की नोटिस जारी कर अपना पक्ष प्रस्तुत करने का मौका भी दिया गया था। 6 वर्षों चली जांच पड़ताल के बाद अन्ततः तहसीलदार संतोष सोनकर दोषी करार किये गये। शासन का आदेश मिलते ही जिलाधिकारी ने मछलीशहर तहसील का कार्यभार तहसीलदार मडियाहुं सुदर्शन राम को सौंप दिया।


 


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