बनारस पहुंची श्रमिक ट्रेन की बोगी से आ रही थी रोने की आवाज, पहुंचे अधिकारी तो उड़े होश, एक ही ट्रेन की दो बोगियों में मिले.....

घर लौट रहे दो श्रमिको की ट्रेन में मौत, हड़कम्प


यात्रियों से पूछताछ कर जांच में जुटी जीआरपी

जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। मुम्बई से मंडुआडीह के लिए चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन में बुधवार को दो श्रमिकों का शव मिलने से हड़कम्प मच गया। मौके पर पहुंची जीआरपी टीम ने दोनों शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम को भेज दिया। 


मुम्बई से मंडुआडीह के लिए चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन संख्या 01770 बुधवार की सुबह आठ बजे मंडुआडीह स्टेशन पर पहुंची तो ट्रेन के एसएलआर बोगी व शयनयान 15 में यात्री रो रहे थे। इसकी सूचना आरपीएफ को दी गयी। मौके पर पहुंची आरपीएफ टीम ने देखा तो एसएलआर बोगी में एक शव पड़ा था उसके परिजन रो रहे थे। आरपीएफ ने इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी। मौके पर पीपीई किट के साथ स्वास्थ्य विभाग के लोग पहुंचे और शव को ट्रेन से नीचे उतारा, इसके बाद शयनयान 15 में भी एक शव की सूचना मिली तो वहां भी विभाग के लोग पहुंचे, दोनों शव को जीआरपी ने पंचनामा कर पोस्टमार्टम को भेज दिया। 



एक शव की शिनाख्त 30 वर्षीय दशरथ प्रजापति निवासी जौनपुर के रुप में की गयी। उसके भाई लालमनि ने बताया कि प्रयागराज में भाई की तबियत थोड़ी बिगड़ी इसके बाद मंडुआडीह पहुंचने पर जब उसे जगाया तो वह उठा ही नही, वहीं एक दूसरे व्यक्ति का मिला शव अज्ञात था, उसके मुंह से झाग व कान से खून निकल रहा था। आरपीएफ व जीआरपी जांच में जुट गयी है। 
ट्रेन में सफर कर रहे अन्य यात्रियों का कहना था कि श्रमिको के लिए रेलवे की ओर से सात मई से स्पेशल ट्रेन चलायी जा रही है लेकिन इसके बाद भी श्रमिकों की परेशानी दूर नही हो रही है। गलत रुटों पर भटक जा रही ट्रेनों के कारण सफर कर रहे श्रमिक भूख प्यास से बेहाल हो जा रहे हैं। 25 घंटे का सफर 40 घंटों में परिवर्तित हो रही है। 


 


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