अस्पतालों में हो इंफेक्शन प्रिवेंशन प्रोटोकॉल का पालन, प्राइवेट अस्पतालों, नर्सिंगहोमों और पैथोलॉजी सेंटर में अपनाएं सुरक्षात्मक उपाय

कोविड-19 के लगातार बढ़ते केस देखते हुए जिलाधिकारी ने जारी किए निर्देश


संस्थान में आने वालों को प्रवेशद्वार पर ही करें सेनेटाइज, फिर दर्ज करें विवरण



जनसंदेश न्यूज


वाराणसी। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने निजी चिकित्सालयों, नर्सिंगहोम और पैथोलॉजी सेंटरों पर इमर्जेंसी प्रोटोकाल का पालन कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि जनपद में कोविड-19 पॉजिटिव रोगियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने वाली सभी इकाइयों में ऐसा प्रबंध किया जाए ताकि संबंधित परिसर, वहां के स्टाफ समेत अन्य लोगों में कोरोना वायरस का प्रसार न हो सके। इसके लिए इंफेक्शन प्रिवेंशन प्रोटोकाल का पालन कराना अनिवार्य है।


डीएम ने कहा है कि प्राइवेट हॉस्पिटल व नर्सिंगहोम में आईपीसी ट्रेनिंग के बाद टेली मेडिसिन कंसल्टेशन ओपीडी, इमर्जेंसी ओपीडी एवं इमर्जेंसी आईपीडी सेवाओं का संचालन सुचारु रूप करने के लिए ऐसे प्रोटोकाल की बेहद अवश्यकता है। निजी चिकित्सालय, नर्सिंगहोम तथा पैथालॉजी सेंटर अपनी-अपनी इकाईयों पर इमर्जेंसी प्रोटोकाल के तहत सेंटर के इंट्री गेट पर ही ऐसा स्टाफ तैनात करे जो मौके पर आने वाले प्रत्येक व्यक्ति द्वारा ट्रिपल लेयर मास्क पहनाना सुनिश्चित करें।


उन्होंने कहा है कि परिसर में प्रवेश से पहले उनके हाथ आदि सेनेटाइज कर दिये जाएं या कम से कम 20-30 सेकेंड तक साबुन से उनके हाथ धुलवाया जाय। उस केंद्र पर आने वाले रोगियों, उनके सहयोगियों, कर्मचारियों, चिकित्सक आदि सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का शत-प्रतिशत अनुपालन करें। विशेषकर वेटिंग प्लेस पर बैठने की व्यवस्था सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों के अनुरूप हो। वहां के सभी स्टाफ एन-95 मास्क का उपयोग करें और समय-समय पर उनके हाथ आदि सेनेटाइजशन किये जाएं।


श्री शर्मा ने कहा है कि आमलोगों या मरीजों के प्रत्यक्ष संपर्क में आने वाले डॉक्टर-कर्मचारी स्वयं को प्रोटोकॉल के अनुसार, पीपीई किट के जरिये सुरक्षित रखें। केंद्र के प्रत्येक पटल पर सेनेटाइजर रखवाएं और वहां के कर्मचारी समय-समय पर यह सुनिश्चित करें कि परिसर में मौजूद सभी व्यक्ति फेस मास्क पहने हुए रहें। वह अपने हाथों को सेनेटाइज कर रहे हों तथा केंद्र पर सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन किया जा रहा हो। उस केंद्र के प्रत्येक पटल को ग्लास, ग्लासशीट या हार्ड ट्रांसपैरेंट प्लास्टिक शीट से इस प्रकार ढकें ताकि मौके पर पहुंचे रोगियों एवं उनके सहयोगियों का परिसर के स्टाफ से प्रत्यक्ष संपर्क संभव न हो सके।


जिलाधिकारी ने कहा है कि पैथालॉजी सेंटर की गैलरी को इस प्रकार व्यवस्थित हो जिससे पैथालॉजी, सिटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड आदि जांच के लिए आने वाले व्यक्ति अलग-अलग ही रहें। सेंटर इंचार्ज द्वारा जांच के लिए आने वाले ऐसे व्यक्तियों की संख्या पर लगातार नियंत्रण रखा जाय और वहां किसी भी दशा में भीड़ न जुटे। प्रवेशद्वार पर ही आने वाले हरएक रोगी और उनके सहयोगी समेत अन्य व्लोगों की पूरी स्क्रीनिंग हो। जिसके तहत उनका नाम, पता, मोबाइल नंबर आदि का पूर्ण विवरण निर्धारित प्रारूप में छपे रजिस्टर में दर्ज किया जाय।


तय रजिस्टर में दर्ज करें पूरा ब्योरा


- पैथोलॉजी सेंटर, निजी अस्पतालों और नर्सिंगहोमों में कोविड-19 संबंधी सुरक्षात्मक उपाय तय करने के लिए डीएम कौशल राज शर्मा ने यह भी कहा है कि सेंटर पर आने वाले रोगी, उसके सहयोगी या अन्य लोगों के बारे में निर्धारित रजिस्टर पर यह भी दर्ज करें कि वह कोविड-19 संक्रमित परिवार के हैं अथवा नहीं। पूर्व में किसी कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आये हैं या नहीं। हॉट स्पॉट घोषित क्षेत्र के निवासी हैं अथवा नहीं। केंद्र पर आने वाले लोगों की पूर्व यात्रा विवरण, तिथि, समय और संपर्क में आये लोगों के नाम आदि हर हाल में दर्ज करें।


पीपीई किट में रहकर करें आॅपरेशन


- डीएम कौशल राज शर्मा ने कहा है कि निजी क्षेत्र के सभी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य इकाइयों को शसन-प्रशासन से जारी निर्देशों का प्रत्येक दशा में अक्षरश: पालन करना होगा। ऐसे सभी संस्थान अपनी इकाई पर एक ऐसा इमर्जेंसी आइसोलेशन वार्ड बना लें जिसमें वह अपनी इकाई में आपात चिकित्सा के लिए आने वाले मरीजों को यह मानकर भर्ती करें कि वह कोविड-19 से संक्रमित हैं। इस वार्ड में सभी स्टाफ पीपीई से लैस रहकर इंफेक्शन प्रिवेंशन प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित कर रोगी का इलाज करें। आपात स्थिति में ऐसे मरीजों के आॅपरेशन के लिए एक ऐसा ओटी बनाएं जिसमें सभी स्टाफ पीपीई किट में रहकर तय प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आॅपरेशन का कार्य कर सकें। यदि किसी रोगी का आॅपरेशन 24 घंटे तक रोका जा सकता है तो उसके लक्षणों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण कर जरूरी होने पर कोविड-19 की जांच कराने के बाद ही आॅपरेश्न किया जाय। इन निर्देशों में किसी भी स्तर पर सुस्ती पाये जाने पर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।


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