अदलहाट के पेट्रोल पंप मालिक के मौत की जांच हुई पुलिसिया घपले की शिकार

सियासी रूप से कमजोर थे इसलिए चली गई शिवपाल सिंह पटेल की जान


न्याय की आस धूमिल------------


कट्टर भाजपाई होने के बावजूद नहीं मिल पा रहा विधवा को न्याय, कौन सुनेगा फरियाद?


लाकडाउन की वजह से खामोश है पब्लिक, पुलिस और प्रशासन को मिल रहा लाभ



जनसंदेश न्यूज


मीरजापुर। अदलहाट में दो पंपों के मालिक शिवपाल सिंह की मौत ने हर किसी को झकझोरकर रख दिया है। इनके पैतृक गांव रामलक्ष्मणपुर के लोग मानते हैं कि पेट्रोल पंप अगर किसी सफेदपोश का होता तो पुलिस कब की कार्रवाई चुकी होती। अब यह जांच घपले की शिकार हो गई है। लाकडाउन की वजह से पब्लिक खामोश है। पुलिस और प्रशासन को इसी का लाभ मिल रहा है। आरोपित एचपी के सेल्स आफिसर प्रशांत शर्मा की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।


पंप मालिक शिवपाल सिंह कट्टर भाजपाई रहे हैं। इनकी मौत के दस दिन पूरे हो गए। पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। घटना हुई तो पहले चुप्पी साध ली। ऊपर शिकायत हुई तो मामला दर्ज हुआ। कार्रवाई और गिरफ्तारी की बात आई तो अफसर चुप होकर  बैठ गए। मीरजापुर जिले की यह पहली घटना है जब पुलिस की चुप्पी पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। अदलहाट और रामलक्ष्मणपुर गांव के लोग मानते हैं कि शिवपाल सिंह पटेल बिरादरी से ताल्लुक रखते है। अनुप्रिया पटेल इलाके की सांसद हैं। विधायक भी इसी बिरादरी से ताल्लुक करते हैं। मगर सब के सब बेबस और लाचार हैं।


सोमवार को शिवपाल सिंह का दसवां था। बड़ी संख्या में लोग जुटे। सबका सवाल एक था। पुलिस के साथ इलाके के सांसद और विधायक चुप क्यों हैं? वो कौन सा डर है जिसने नेताओं की जुबां पर ताले डाले दिए हैं। सिर्फ नेताओं की ही नहीं, पुलिस अफसरों की जुबान बंद है।


मीरजापुर के एसपी का कहना है कि अभी जांच चल रही है। पुलिस को अपने ढंग से काम करने दीजिए। अपराधी नहीं बच पाएंगे। चार दिन बाद रिपोर्ट दर्ज किए जाने के मामले में भी वो इसी तरह का गोलमोल जवाब दे रहे हैं। 


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