आरोपी अधिकारी स्वयं की कर रहे जांच, न्याय कटघरे में! 



जनसंदेश न्यूज़
जौनपुर। भ्रष्ट्राचार मुक्त और सुशासन का दावा करके केंद्र और प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने वाली मोदी और योगी की जोड़ी सरकारी कार्यालयों से ना तो भष्ट्राचार समाप्त कर पाई और ना ही सुशासन आया। अलबत्ता भष्ट्राचार एक पायदान ऊपर ही पहुंच गया। जिसकी बानगी अगर देखनी हो तो जौनपुर आकर देखिये। यहां सरकारी पद के नशे में चूर अधिकारी खुद अपने ऊपर लगे आरोपों की जांच स्वयं ही कर रहे हैं। ऐसे में वादी की कौन सुनेगा जब न्याय खुद ही कटघरे में खड़ा है।
सोमवार को मामले की शिकायत सामुदायिक आयोजक ने जिलाधिकारी को पत्रक समस्त प्रमाण के साथ देते हुये निष्पक्ष जांच की मांग की है। मामला जनपद की डूडा विभाग का हैं। जहां फरवरी माह के दूसरे पखवारे में परियोजना अधिकारी अनिल वर्मा के द्वारा सामुदायिक आयोजक ऊषा रॉय को प्रधानमंत्री आवास योजना में वसूली के आरोप में बर्खास्त करने की सुर्खियां अखबारों में छाई थी। मामले में ऊषा राय ने लखनऊ मुख्यालय के साथ ही जिलाधिकारी को पत्रक देकर अपने साथ हुए अन्याय की गुहार लगाई, लेकिन लगभग पंद्रह दिनों तक किसी ने उनकी नही सुनी। जिसपर उन्होंने दो मार्च 2020 को जिलाधिकारी को पुनः अपनी समस्या से अवगत कराते हुए राज्य महिला आयोग को भी पत्र भेजा। 
हालांकि इसके दो दिन बाद ही जनपद दौरे पर पहुंची राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष स्वाति सिंह के समक्ष जब यह मामला आया तो उन्होंने परियोजना अधिकारी को जमकर लताड़ते हुए तुरंत ऊषा राय को नौकरी पर लेने का आदेश देकर जॉइन करवाया। सोमवार को दिए पत्रक में ऊषा राय ने शिकायत की है कि 24 अप्रैल को राज्य महिला आयोग की तरफ से उक्त मामले की जांच करने हेतु सम्मन आया था। जिसे जिलाधिकारी कार्यालय से जांच हेतु जिला प्रोबेशन अधिकारी को भेज गया था। उक्त जांच को जिला प्रोबेशन अधिकारी ने अपने कार्यालय पत्रांक संख्या  88-91/जि0बा0सं0ई0/2020-21 दिनांक 28 अप्रैल 2020 के द्वारा परियोजना अधिकारी डूडा को ही जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु भेज दिया।
हद तो तब हो गयी जब जिस परियोजना अधिकारी के विरुद्ध जांच के लिये राज्य महिला आयोग से सम्मन आया। उसी परियोजना अधिकारी ने मामले की जांच दो दिन में ही करके 30 अप्रैल 2020 को ही प्रेषित कर दिया। स्वयं पर लगे आरोपों की जांच करते हुए परियोजना अधिकारी ने उषा राय की शिकायत को ताक पर रख अपने को पाक साफ बताते हुए आरोपों को ही सत्य बताते हुए रिपोर्ट भेज दिया। इस संदर्भ में जिला प्रोबेशन अधिकारी से पूछने पर उन्होंने कल कार्यालय आकर जवाब लेने की बात कही। वंे लगातार मामले को टालते रहे।
जिलाधिकारी की छवि की धूमिल
जौनपुर। सोमवार को डूडा की सामुदायिक आयोजक उषा राय ने पीओ डूडा पर एक गंभीर आरोप लगाया कि उन्होंने राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष के समक्ष झूठ बोलकर जिलाधिकारी की छवि धूमिल करने का प्रयास किया था। उन्होंने अपने द्वारा स्वयं की किये गये जांच में यह स्वीकार किया है कि पीओ द्वारा ही उषा राय को कार्यमुक्त करने का आदेश दिया गया था। जिलाधिकारी को कोई मौखिक आदेश नही था।


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