यूपी में दो निरीह पुजारियों की हत्या पर खामोशी क्यों? कांग्रेस नेता ने लचर कानून व्यवस्था पर साधा निशाना


जनसंदेश न्यूज़ 
वाराणसी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक अजय राय ने बुलंदशहर के अनूपशहर में हुए दो पुजारियों की हत्या पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने पगोना गांव में दो निरीह पुजारी साधुओं की हत्या को दुखद बताते हुये कहा है कि उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन के बीच भी लगातार हत्या की आपराधिक घटनाओं के साथ औंधे मुंह हुई कानून व्यवस्था शर्मनाक है। 
श्री राय ने कहा है कि बुलंदशहर के पगोना गांव में जिस तरह दो साधुओं संत गरीब दास एवं उनके शिष्य सेवादास की धारदार तलवार के प्रहार से सोमवार की रात हत्या की गई, वह संकेत करती है कि प्रदेश में अपराध की मनोवृत्ति वालों के मन में कानून व्यवस्था का भय खत्म हो गया है। दो दिन पहले ही एटा में एक ब्राह्मण परिवार के पांच सदस्यों की हत्या और गोरखपुर में एक साधु की पुलिस द्वारा हत्या के आरोप की घटना के बाद बुलंदशहर की यह गंभीर घटना सूबे की कानून व्यवस्था की खस्ताहाली का नमूना हैं। पगोना में साधुओं की हत्या महज एक लड़के द्वारा चिमटा चुराये जाने के उलाहने के कारण कर दी गई। जंगल की ओर भागे आरोपी संतोष को गांव वालों ने ही पकड़ा।
पूर्व विधायक ने कहा कि पालघर और बुलंदशहर की घटनायें समान रूप से दुर्भाग्यपूर्ण रही हैं, लेकिन पालघर मामले में राजनीतिक रोटी सेंकने वाले राजनीति, पत्रकारिता एवं समाज के लोगों का मौन भी दुर्भाग्यपूर्ण है। पालघर मामले पर बढ़ चढ़ कर बोलने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी को उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की दयनीय हालात को संभालने को प्राथमिकता देनी चाहिए।


 


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