राशन-पानी खत्म तो पैदल ही घर रवाना हुए मजदूर, किसी के पैर सूजे तो कहीं पड़े छाले, कौन सुने इनका दर्द?


जनसंदेश न्यूज़
घूरपुर/प्रयागराज। अन्य प्रदेशों-जनपदों में फंसे मजदूर राशन पानी खत्म होते ही लॉकडाउन तोड़ पैदल ही घर रवाना होने का सिलसिला नही थम रहा है। तीन माह पूर्व अपने घर सिद्धार्थनगर से मध्यप्रदेश के रीवा के लिए निकले दर्जनों मजदूर कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद लगे लॉकडाउन में बुरी तरह से फंस गए। जब तक इनके पास भोजन पानी की व्यवस्था रही तब तक तो रुके रहे। जैसै ही राशन पानी खत्म हुआ पैदल ही घर के लिए निकल पड़े। 
सिद्धार्थनगर जनपद के थाना भवानीगंज निवासी रमेश, दीपक यादव, आकाश, मौलहू, दीपक आदि कई मजदूर, घरों की पुट्टी, पुताई आदि का काम करते हैं। तीन माह पूर्व सभी कमाई के लिए निकले थे। उस बीच इन्हें काम भी अच्छा मिल गया। जिससे मेहनत करके अच्छी कमाई भी कर ली, लेकिन इधर 23 मार्च से कोरोना संक्रमण के चलते लगे देशव्यापी लॉकडाउन से जहां मजदूरों को काम मिलना बंद हो गया। वहीं महीनों बैठकर खाने में सब कमाई खर्च हो गई तो सभी पैदल ही घर के लिए निकल पड़े। सभी गुरुवार के दिन से निकले थे और शुक्रवार की दोपहर घूरपुर हाईवे पर पैदल ही जाते दिखाई दिए। 
पैदल चलते चलते ही सभी के पांव बुरी तरह से सूज आये थे और कुछ के पैरों में छाले भी पड़ गए थे। फिलहाल वह पैदल ही आगे रवाना हो गए। कहने को तो शासन ने लॉकडाउन मे फंसे मजदूरों के लिए बहुत कुछ व्यस्थाऐ की गई है। लेकिन उन व्यवस्थाओं को जरूरतमंदों तक पहुंचाने वाले जिम्मेदार यदि अपनी जिम्मेदारी सही ढ़ग से निभाते तो शायद लॉकडाउन मंे फंसे मजदूर जान जोखिम में डाल इतनी लंबी दूरी पैदल भला क्यो जाते।


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