पुलिस पर एकपक्षीय कार्रवाई का आरोप, तीन फ्रैक्चर वाले का एनसीआर तक नहीं और दूसरे पक्ष से......


पुलिस दूसरे पक्ष की तहरीर पर पीड़ित पर ही दर्ज कर लिया है मुकदमा

जनसंदेश न्यूज़
जौनपुर। मछलीशहर पुलिस ग्राम कटाहित खास में बीते 26 अप्रैल को हुई एक घटना को लेकर इन दिनों चर्चा में है। शरीर पर कई फ्रैक्चर लिए एक पक्ष का व्यक्ति गंभीर चोटों के कारण जिला अस्पताल मे बीते चार दिनों से भर्ती है। जबकि नामजद तहरीर के बावजूद आरोपी को हिरासत में लेने के बाद छोड़ दिया गया है। जो व्यक्ति जिला अस्पताल मे भर्ती किया गया है उसके ऊपर पुलिस ने 307 और आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। 
वहीं तीन फ्रैक्चर की पुष्टि के बाद इसके पक्ष की तरफ से पुलिस ने अभी तक एनसीआर तक नहीं लिखी है। क्योंकि पुलिस का कहना है कि उसनेे कमलेश यादव की जेब से कारतूस बरामद किया है। जिसकी वीडियो रिकॉर्डिग भी शायद पुलिस ने की है। लेकिन पुलिस ने कमलेश यादव की तहरीर पर गौर क्यों नही किया? जिसमें उसने अवैध कट्टे के बारे मे स्वयं लिखा है कि विपक्षी ने जब बुरी तरह लाठियों से मारने के बाद कट्टे से गोली चलाकर मारने के उद्देश्य से निकाला तो जान जाने के भय से कट्टा झीनने की कोशिश की जो गिर गया। लेकिन इसी कोशिश मे टूटे घुटने से उठने के कारण बेतहाशा दर्द उठा, जिसके कारण वह थोड़ी देर के लिए अर्धमूर्छित हो गया और इसके बाद विपक्षी ने मौके का फायदा उठाकर कारतूस उसकी जेब मे डाल दी होगी। 
कहा कि उसकी पत्नी ने ही फोन करके पुलिस को बुलाया था। पुलिस के आने तक वह होश मे आ चुका था। अगर उसे पता होता कि कारतूस उसकी जेब में है तो वह पुलिस को बुलाने से पहले निकाल न लेता।  पुलिस की मिलीभगत इतनी ज्यादा थी कि जब पुलिस मौके पर पहुँची तो विपक्षी को डाटकर कट्टा नीचे फेंकने को कहा। तब वीडियो बनाया। पुलिस ने मौके से रमाशंकर यादव और कमलेश यादव को पकड़ा। कमलेश को गंभीर चोटे आने के कारण जिला अस्पताल रेफर किया गया जबकि विपक्षी रमाशंकर को मेडिकल कराकर थाने से छोड़ दिया गया। 
अगर पूरे घटनाक्रम पर गौर किया जाये तो मछलीशहर पुलिस की एक पक्ष के साथ संलिप्तता दिखाई पड़ती है। पहली तो यह कि कमलेश के खिलाफ बिना समुचित जॉच पड़ताल और गवाहों के बिना बयान लिए पुलिस ने यह मान लिया कि उसने अवैध असलहे से फायर कर जान लेने की कोशिश की। और विपक्षी की तहरीर पर 307, 323, 504, 506 तथा 25 आर्म्स एक्ट का मुकदमा तत्काल लिख दिया, लेकिन कमलेश को गंभीर चोटे होने के बावजूद पुलिस ने उसकी तरफ से एनसीआर तक दर्ज नही की। 
पुलिस अगर निष्पक्ष होती तो एक पक्ष के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा लिखती तो दूसरे पक्ष की तहरीर के आधार पर भी मुकदमा दर्ज की होती। कमलेश का कहना है कि मौके पर कोई फायर नहीं हुआ। इस संबंध में पूछने पर कोतवाल पंकज पाण्डेय ने कहा सिर्फ इतना कहा कि वह न्यायोचित कार्यवाही कर रहे है।


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