ऑफिस-ऑफिस का पुनः प्रसारण देख भावुक संजय मिश्रा, बोले, सिनेमा में आने से पहले का बेहतरीन अभ्यास
जनसंदेश न्यूज़
इंदौर। सोनी सब मशहूर टीवी शो ऑफिस-ऑफिस का दोबारा प्रसारण कर दर्शकों को एक शानदार अनुभव दे रहा हैं। साल 2001 में आये इस शो को दर्शकों ने पसंद किया था और इसने काफी लोकप्रियता हासिल की थी। हर किसी के दिल पर अपनी छाप छोड़ने वाला यह शो दमदार किरदारों और बेहतरीन कलाकारों के साथ लौट आया है।
अब ऑफिस-ऑफिस का प्रसारण सोनी सब पर वीकडेज पर शाम 6 बजे और रात 10.30 बजे किया जा रहा है। शुक्ला जी का चर्चित किरदार निभाने वाले संजय मिश्रा, एक बार फिर टीवी पर अपना शो देखने के लिये बेहद उत्सुक हैं। उन्होंने ऑफिस-ऑफिस के अपने उन यादगार दिनों के बारे में बात की। उन्होंने कहा, इस बात की मुझे खुशी है कि ऑफिस-ऑफिस टीवी पर वापस लौट आया है और यह बिलकुल सही समय पर वापस आया है। ऑफिस-ऑफिस से पहले मैंने फिक्शन में बहुत ज्यादा काम नहीं किया था। इस शो की बदौलत ही मुझे इंडस्ट्री में वह मुकाम पाने का मौका मिला, जहां पर आज मैं हूं।
ऑफिस-ऑफिस में, खासकर पंकज कपूर जैसे अद्भुत कलाकार के साथ काम करना, एक बेहतरीन अनुभव था। सिनेमा में आने से पहले वह मेरे लिये बहुत ही अच्छा अभ्यास था। सोनी सब पर इस शो को देखकर वे सारी खूबसूरत यादें फिर से ताजा हो गयी हैं। ऑफिस-ऑफिस के शूटिंग के उन दिनों को याद करते हुए, संजय मिश्रा कहते हैं, पंकज जी का एक्टिंग का तरीका काफी अलग और अनूठा है। शुरूआत में उनके साथ काम करने को लेकर मैं थोड़ा डरा हुआ था, क्योंकि वो थोड़े सख्त थे। पहले के कुछ दिन हर बार मैं जब भी एक डायलॉग बोलता था और पीछे की तरफ मुड़ता था, पंकज सर को देखकर थोड़ा डरा रहता था। लेकिन बाद में जब हम उन्हें जानने लगे, उनके साथ हमारा रिश्ता वाकई अच्छा बन गया था और चीजें बहुत अच्छी हो गयी थीं। सारे कलाकार देवेन भोजानी, हेमंत पाण्डे, मनोज पाहवा, असावरी जोशी और बाकी कलाकार काफी जोश से भरे हुए थे। हम सबको एक-दूसरे से काफी कुछ सीखने को मिला।
पूरी टीम एक साथ रिहर्सल करती थी क्योंकि हम 3 पन्नों के सीन एक साथ ही किया करते थे। उस समय यह अपने आपमें सीखने का बहुत ही अच्छा अनुभव था। शूटिंग के दिनों के सबसे अच्छे पलों के बारे में पूछे जाने पर, संजय मिश्रा ने कहा, शुक्ला जी का पान का थूकना ही अपने आपमें एक यादगार पल था। उस किरदार के लिये मुझे काफी सारे पान खाने पड़े थे। इसके अलावा हमें सेट पर लंच टाइम का बेसब्री से इंतजार रहता था। डायरेक्टर सहित सभी लोग अपने घर से खाना लाया करते थे और हम सभी एक-दूसरे का खाना चखने के लिये उत्सुक रहते थे।