निर्यात में राहत नहीं मिला तो 1.5 करोड़ नौकरियों पर संकट, इन चार मुद्दों पर सरकार से डिमांड


कोरोना वायरस संकट के कारण जा सकती है 1.50 करोड़ नौकरियां


काम करने की इजाजत नहीं मिली तो कई कारखाने हो सकते हैं बंद

जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। फियो के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने कहा है कि कोरोना वायरस संकट के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था का भार गरीबों पर गिरने का खतरा उत्पन्न हो गया है, जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। यदि निर्यात में राहत नहीं मिली तो नौकरियों पर भी संकट उत्पन्न हो सकता है।
विश्व व्यापार संगठन और आईएलओ की रिपोर्ट में 2020 में वैश्विक व्यापार के लिए बेहद कम पूर्वानुमान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए फियो के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने कहा कि जीवन और आजीविका के बीच एक बेहतर तालमेल की आवश्यकता है। किसी एक का चयन देश के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है। 
उन्होंने कहा कि हमारे पास काफी कम ऑर्डर बचे हैं और अगर कारखानों को समय पर न्यूनतम कार्यबल के साथ काम करने की इजाजत नहीं दी गई तो कइयों को अपूरणीय क्षति होगी, जो उन्हें बंदी के कगार पर ला खड़ा करेगी। इनमें से कई की लागत पहले से निर्धारित है पर काम नहीं होने पर भी उन्हें वह लागत चुकानी होगी। 
फियो अध्यक्ष ने कहा कि 50 फीसदी से अधिक ऑर्डर रद्द होने एवं भविष्य में निराशाजनक पूर्वानुमान के साथ हमें निर्यात क्षेत्र में 1.5 करोड़ नौकरी जाने की आशंका है। इन सब वजहों के साथ निर्यात इकाइयों के एनपीए होने की उम्मीद से अर्थव्यवस्था पर बहुत ही खराब असर पड़ेगा। उन्होंने सरकार से निर्यात के लिए तुरंत राहत पैकेज की घोषणा करने का आग्रह किया, क्योंकि इस काम में और देरी विनाशकारी साबित होगा। 
उन्होंने कहा कि निर्यात के लिए विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं द्वारा अपने निर्यात को बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, जो भारतीय निर्यात के लिए काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि जब ऑर्डर सीमित होगा तो प्रतिस्पर्धात्मक कीमतों पर ध्यान बढ़ जाता है।
सरकार से डिमांड
1. मार्च से मई तक तीन महीने के लिए ईपीएफ और ईएसआईसी की छूट मिले।
2. कोविड ब्याज मुक्त कार्यशील पूंजी सावधि ऋण मिले ताकि निर्यातकों मजदूरी, किराये और अन्य उपयोगिताओं की लागत को निकाल सके।
3. सुरक्षा, स्वच्छता और सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन करने वाली इकाई को न्यूनतम कार्य बल के साथ निर्यात से संबंधित विनिर्माण की तत्कल अनुमति मिले।
4. प्री-पोस्ट शिपमेंट क्रेडिट की परिपक्वता के लिए 90-180 दिनों का विस्तार, ब्याज और जुर्माने के बिना फॉरवर्ड कवर की शुरूआत, लिक्विडिटी चुनौतियों से निपटने के लिए लिमिट में 25 फीसदी की बढ़ोतरी हो।


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