मजिस्ट्रेट ने इलिया के पत्रकार को फोन पर दी धमकी, बिहार सीमा पर ड्यूटी से गायब रहने पर खबर लिखने से थे नाराज
बिहार बॉर्डर पर थर्मल स्क्रीनिंग में लगे कार्यकारी मजिस्ट्रेट ने पत्रकारों को हड़काया
जनसंदेश न्यूज़
शहाबगंज/चंदौली। कोविड-19 की भयानक बीमारी को नियंत्रण करने तथा वायरस की पहचान के लिए यूपी-बिहार की सीमा मापदह (महदाईच) में थर्मल स्क्रीनिंग के लिए लगे अधिकरियों व कर्मचारियों के गायब होने क़ा समाचार लिखना कार्यकारी मजिस्ट्रेट को इतना नागवार गुजरा की पत्रकारों को फोन पर ही हड़काना शुरू कर दिया। इसके बाद दूसरे दिन थर्मल स्क्रीनिंग की सच्चाई जानने पहुँचे पत्रकारों के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग के साथ ही अपने सहयोगियों को धक्का मारने तक का आदेश दे दिया। नाराज अधिकारी ने कहा कि हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
रविवार को स्थानीय थाने में दो पत्रकारों के विरूद्ध मुकदमा लिखने के लिए तहरीर भी दे दी है। जिससे पत्रकारों में रोष व्याप्त है। जिला मजिस्ट्रेट श्री नवनीत सिंह चहल द्वारा चंदौली से लगने वाले दूसरे प्रांतों व जिलों की सीमा पर निगरानी बढ़ा दी गयी है। इलिया थाना क्षेत्र के माल्दह गांव से सटे बिहार प्रांत को जोड़ने वाले रास्ते पर चेकिंग प्वाइंट पर डीएम ने स्क्रीनिंग व जांच के लिए मनोज कुमार मिश्रा असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्य कर विभाग चंदौली को कार्यकारी मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी सौंपी। जिनकी ड्यूटी महदाइच (माल्दह) चेक प्वाइंट पर सुबह छह बजे से दोपहर दो बजे तक है।
बीते 24 अप्रैल यूपी-बिहार सीमा पर तैनात अफसरों व कर्मियों की ड्यूटी के बाबत पत्रकार खबर कवरेज करने गए थे। उस वक्त कार्यकारी मजिस्ट्रेट मनोज कुमार मिश्रा मौके पर मौजूद नहीं मिले। जिसका समाचार 25 अप्रैल को प्रकाशित हुआ था इस बात की जानकारी होने पर मनोज कुमार मिश्रा ने पत्रकार सद्दाम खान को फोन करके ऐसी खबरें प्रकाशित करने से पहले पूछ लेने की बात कही, यहीं नहीं गुस्से में आकर उन्होंने पत्रकार को देख लेने की धमकी भी दी।
इसके बाद जब हिंदी दैनिक अखबार के संवाददाता लोकेश पांडेय, ज्ञान प्रकाश द्विवेदी, राकेश केशरी एवं सद्दाम खान पुनः चेक प्वाइंट पर दूसरे दिन पहुंचे तो वहां मौजूद कार्यकारी मजिस्ट्रेट मनोज कुमार मिश्रा ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों से पत्रकारों को धक्के मारकर हटाने का आदेश दिया। उन्होंने धमकी दी कि तुम लोग एक मजिस्ट्रेट की पावर नहीं जानते हो, सुधर जाओ नहीं तो सरकारी काम में बाधा डालने के फर्जी मुकदमें में फंसाकर जीवन बर्बाद कर दूंगा। उन्होंने स्थानीय थाने में दो पत्रकारों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी है। जिससे पत्रकारों में रोष व्याप्त। थाने में तहरीर पड़ने की सूचना पर दर्जनों पत्रकार रविवार को थाने पर पहुंचकर मजिस्ट्रेट के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की। इस दौरान पत्रकारों ने कहा कि लॉकडाउन में पत्रकार पूरी तरह प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं, फिर भी मजिस्ट्रेट ने डयूटी गायब होने के बाद भी पत्रकारों के साथ जो दुर्व्यवहार किया वो काफी गलत है।
उपजा जिलाध्यक्ष ने जताई नाराजगी
उपजा जिलाध्यक्ष दीपक सिंह ने इलिया में पत्रकारों को फर्जी मामले में फंसाने की घटना को लेकर गम्भीर नजर आए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पत्रकार कोविड-19 संक्रमण काल मे अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों तक सही जानकारी और सूचनायें पहुंचाने का काम कर रहे हैं। ऐसे यदि सरकारी तंत्र की खामियों को उजाकर करने वाले पत्रकारों का उत्पीड़न किया गया तो उसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। जिस तरह मालदह में तैनात कार्यकारी मजिस्ट्रेट द्वारा पत्रकारों को सरकारी काम मे बाधा डालने जैसे फर्जी मुकदमे में फंसाना पद और पावर का दुरुपयोग है। चेताया कि यदि पत्रकारों पर फर्जी मामले दर्ज हुए तो उपजा आंदोलन का रुख करेगा। निष्पक्ष पत्रकारिता में किसी तरह का दवाब बर्दाश्त नहीं है।उपजा इस लॉक डाउन में भी पत्रकार हित के लिए आर पार की लड़ाई लड़ेगी।