लॉकडाउन के कारण हनुमंत दरबार में कलाकारों ने दी डिजिटल स्वरांजलि, इस लिंक पर देख सकते है ऑनलाइन संगीत
नही टूटी परंम्परा 97वें वर्ष भी मंदिर में गूंजा संगीत
जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। संकट मोचन मंदिर में विगत 96 वर्षाे से संचालित हो रहें छह दिवसीय संकट मोचन संगीत समारोह अपने 97वें वर्ष में भी पूरे उल्लास के साथ शुरू हुआ। लॉकडाउन के चलते लोगों का बंद आवागमन से इस बार मंदिर में एक नई परंम्परा के साथ डिजिटल समारोह शुरू किया गया। कलाकारों ने अपने स्थानों से ही हनुमंत दरबार में स्वरांजलि अर्पित की।
12 से 17 अप्रैल तक चलने वाले इस समारोह का मंदिर के महंत प्रो.विश्वम्भर नाथ मिश्र व डा.वीएन मिश्र ने हनुमान जी के आराधना के साथ शुरूआत की। पहले दिन का आरम्भ पं. राममोहन महाराज ने राधा के गत भाव व पं. किशन मोहन महाराज ने तीन ताल की रचना और सूफी कलाम पर भाव नृत्य प्रस्तुत कर किया। इसके साथ ही पहले दिन कुल सात कलाकार विभिन्न भजन व नृत्य प्रस्तुत करेंगे। श्रोता के रुप में मंदिर में प्रो.विश्वम्भर नाथ मिश्र व मंदिर के कई अन्य सेवादार उपस्थित रहें। 17 अप्रैल तक चलने वाले इस समारोह में कई दिग्गज कलाकार हनुमान जी के चरणों में भावपूर्ण प्रस्तुति पेश करेंगे।
कौन-कौन से कलाकार कहां से किया प्रस्तुति
पं. कृष्ण मोहन व पं. राम मोहन ने कथक नृत्य की प्रस्तुति दिल्ली से की, वहीं देवाशीष डे ने वाराणसी से गायन की प्रस्तुति की, प. रोनू मजूमदार ने बांसुरी की प्रस्तुति मुम्बई से की, कोलकाता से तबला पर पं. समर साहा ने, चेन्नई से गृगंदम पर अनंत कृष्णन ने, पुणे से सितार पर शाकिर खान, व गायन पं. उल्लास कशालकर ने स्वरांजलि प्रस्तुत किया।
संगीत समारोह को सुनने के लिए दर्शक इस लिंक को ओपेन कर सकते हैं।
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गैलेरी को भी बनाया गया वर्चुअल
संकट मोचन संगीत समारोह डिजिटल होगा तो इस दौरान सजने वाली गैलरी भी वर्चुअल होगी। इसमें हनुमत प्रभु के विभिन्न स्वरूपों की झांकी सजेगी। लॉकडाउन के कारण इस बार गैलरी को आनलाइन आर्ट एक्जीबिशन का रूप दिया गया है। इसमें घर बैठे ही कलाकार चित्रकला, मूर्तिकला व रेखांकन के जरिए कलांजलि समर्पित करेंगे। इसके लिए मूर्तिकार राजेश कुमार,और चित्रकार मानती शर्मा, व पंकज वर्मा,को समन्वयक बनाया गया है। परिकल्पनाकार ख्यात न्यूरोलाजिस्ट प्रो. वीएन मिश्रा ने बताया कि आर्ट एक्जीबिशन में कोई भी आनलाइन प्रतिभाग कर सकेगा। चयनित कृतियां आनलाइन प्रदर्शित की जाएंगी। सर्वश्रेष्ठ कृतियों को डिजिटल प्रमाण पत्र दिए जाएंगे।
इस संबंध में मंदिर के महंत प्रो.विश्वम्भर नाथ मिश्र संगीत समारोह केवल हनुमान जी को सुनाने के लिए विगत वर्षाे से आयोजित होता आ रहा है। इस बार लॉकडाउन के चलते सही में संगीत सिर्फ हनुमान जी को ही सुनाया जा रहा है।