क्वांरटाइन किये गये 136 लोगों को छोड़ा, रोडवेज बसों से अपने-अपने घरों की तरफ हुए रवाना, डीएम ने दी हिदायत
जनसंदेश न्यूज़
बलिया। जिला मुख्यालय के करीब क्वॉरेंटाइन सेंटर 136 लोगों को छोड़ा गया। इन सभी को इस निर्देश के साथ छोड़ा गया कि अपने घर जाकर भी 14 दिन तक क्वारंटाइन में रहेंगे। केंद्रीय विद्यालय में जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने 75 व्यक्तियों को आगामी 15 दिन का राशन सामग्री देकर विदा किया। इसमें 55 सीतापुर के, 14 लखीमपुर खीरी, 5 जालौन और एक-एक मऊ व आज़मगढ़ के थे। डीएम ने सभी लोगों से व्यवस्था संबंधी जानकारी ली तो सभी ने संतोषजनक बताया।
इस अवसर पर रोडवेज की तरफ से बसों की व्यवस्था की गई थी। एक बस में 25 से 30 के बीच सवारी बैठाकर भेजा गया, ताकि सब आराम से सोशल डिस्टेंस का अनुपालन करते हुए अपने गंतव्य तक पहुंच जाएं। इस मौके पर लाइन लगाकर सभी लोगों को जिलाधिकारी ने जिला प्रशासन की ओर से जारी एडवाइजरी वितरित की। बस में बैठने से पहले उनको राहत सामग्री दी गई, ताकि घर जाने के बाद खाने-पीने में कोई दिक्कत ना हो। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी लोग यहां से जाने के बाद भी घर पर कम से कम और 14 दिन अकेले में ही रहेंगे।
व्यवस्था पर सब थे खुश, डीएम ने कहा, यही हमारी उपलब्धि
एकांतवास में रखे गए सीतापुर, जालौन, लखीमपुर खीरी समेत बाहरी जिलों के लोगों ने अपना अनुभव साझा किया। उनका कहना था कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में हम लोगों के मनोरंजन के लिए कैरमबोर्ड, विभिन्न प्रकार की किताबें, लूडो जैसी सामग्री उपलब्ध कराई गई थी। टीवी के साथ प्रतिदिन अखबार भी मिल रहा था। स्थानीय पुलिस-प्रशासन के सहयोग से समय से खाना पानी पाकर ऐसा लग ही नहीं रहा था कि हम अपने घर से कहीं दूर किसी सेंटर में है। इस तरह क्वॉरेंटाइन में रखे गए उन लोगों की यह बात क्षेत्रीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर गर्व करने लायक थी। जिलाधिकारी ने भी सभी प्रवासियों से कहा कि हमारी व्यवस्था से आप सब खुश हैं, यही हमारी उपलब्धि है।
एसडीएम, नायब तहसीलदार व एसओ को सराहा
क्वारंटाइन सेंटर से लोगों को विदा करने के बाद जिलाधिकारी ने एसडीएम अश्वनी कुमार श्रीवास्तव, नायब तहसीलदार जया सिंह व अजय कुमार सिंह के अलावा थानाध्यक्ष सुखपुरा वीरेंद्र यादव की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि आप लोगों की बेहतर व्यवस्था के दम पर आज ये दूर-दराज जनपद के रहने वाले लोग पूरी तरह संतुष्ट हैं। निश्चित रूप से इन सभी लोगों को खुश रखना चुनौतीपूर्ण था। हालांकि, यहां से विदा होते समय सभी प्रवासी लोगों ने भी क्षेत्रीय अधिकारियों को बड़ी विनम्रता के साथ प्रणाम नमस्कार किया।