कोरोना ही नहीं मलेरिया और डेंगू की जद में बीएचयू


पूरे परिसर में हास्टल, आवास और कार्यालय पर खतरा


कैंपस में पेयजल के रिसाव बढ़ी चुनौती


आईआईटी सहित पूरा विश्वविद्यालय मच्छरों से  परेशान

जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। बीएचयू परिसर में इन दिनों आईआईटी बीएचयू सहित आवास और छात्रावास में रह रहे लोगों का दावा है कि कोरोना और अन्य संक्रमण के लिए कोइ उपाय नहीं किया गया है। आलम यह है कि बीएचयू के अस्पताल के अंदर तो जैसे साफ-सफाई छिडकाव किए गए जा रहे हैं। उधर परिसर में रहने वालों का आरोप है कि परिसर में कोरोना के इतर डेंगू, मलेरिया, डायरिया जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। 
फिलहाल कोरोना से अस्पताल परिसर संक्रमित है ऐसे में अगर मच्छरों की भरमार से पटे पड़े परिसर में ना तो फागिंग की गयी है ना जिला प्रशासन की ओर से साफ सफाई और सुरक्षा को लेकर कोई तैयारी है। खाना पूरी के लिए जो अधिकारी आ रहे हैं वह दिन में तो हाल जान लेते हैं लेकिन शाम को महामारी के बराबर  खतरा बने हुए मच्छरों के लिए कोई उपाय नहीं किए जा रहे है। बताते चलें कि परिसर में इन दिनों वीसी, रजिस्ट्रार, सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, कर्मचारी और मेहमान तक रहते हैं। 
बीएचयू कर्मी  बताते हैं कि परिसरर में पेयजल की बर्बादी से जगह-जगह पानी भरा है। यह पानी अंडरग्राउंड वाटर सप्लाई लाइन के रिसने से होता है। फिलहाल बीएचयू परिसर कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण जिला प्रशासन के हाथों में ऐसे में नगर के कई क्षेत्रों में सेनेटाइजेशन और फागिंग की जा रही है। इसके इतर बीएचयू पूरी तरह उपेक्षित है। महत्वपूर्ण है कि बीएचयू परिसर में सामुहिक (कम्यूनिटी) समाधान के प्रयास बजटिंग के कारण लंबे समय से  बंद है। अस्पताल के बजट से वीसी लाज और एलडी गेस्टहाउस जैसे क्षेत्र में गत वर्ष फागिंग की जाती रही है। इन दिनों वह भी लगभग बंद है। 


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