कोरोना और जिंदगी के बीच मजबूत दीवार बने ये अफसर, जनसंदेश टाइम्स की ग्राउंड रिपोर्ट


ग्राउंड रिपोर्ट


विश्व को कोरोना वायरस ने अपनी चपेट में लेकर तबाही मचा दी है। चीन और इटली सहित कई देशों में कोरोना वायरस के चलते भारी संख्या में लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी है। साथ ही इस वायरस की चपेट में आने वाले लोगो की संख्या में दिन पर दिन इजाफा हो रहा है। कोरोना वायरस के प्रकोप से हिंदुस्तान भी अछूता नहीं है। यहां भी कई मरीज इस वायरस से ग्रसित मिले हैं। जिसको देखते हुए पूरे देश मे केन्द्र सरकार और प्रदेश सरकारों ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए युद्ध स्तर तैयारियां शुरू दी है। कई राज्यो की सरकारों ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए स्कूलों की छुट्टी भी कर दी है। इसी के चलते यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी स्कूल और कॉलेजों में अवकाश घोषित करते हुए स्वास्थ्य विभाग सहित प्रशासनिक अधिकारियों को युद्ध स्तर पर लोगों को जागरूक करने और अस्पताल में समुचित व्यवस्था रखने के निर्देश दिए है।



आजमगढ़ः कोरोना व भूख से लड़ने का जज्बा कोई एनपी सिंह से सीखे


   कोरोना से लड़ने का तरीका किसी को सीखना हो तो वो आजमगढ़ के कलेक्टर नागेंद्र प्रसाद सिंह से सीखे। लगातार काम, हर खबर पर बारीक नजर, सख्त प्रशासन और आम जनता के लिए सुलभ, काम करने का यह अंदाज है आरपी सिंह का। कोरोना ही नहीं, इस डीएम ने अपने कर्तव्य पथ को साधना बना दिया है।


जिलाधिकारी एनपी सिंह कोरोना महामारी से निपटने की कोशिशों में दिन-रात जुटे हैं। उनकी कोशिश है कि लोग इस महामारी से महफूज रहें। जो लोग विदेशों से लौटे हैं उन्हें चिह्नत करा लिया है। गरीबों के लिए खाने-पीने का इंतजाम खुद देख रहे हैं। इस बाबत वो खुद लगातार भ्रमण कर रहे हैं।


जिलाधिकारी ने चार ब्लाक क्षेत्रों में भ्रमण कर सब्जी फल व खाद्यान के भाव की जानकारी ली। सामानों की कालाबाजारी नहीं होने दे रहे हैं। बहरुपिया की तरह नाटक रचने की वजाय, अपने अनुभवों के दम पर कालाबाजारियों को नाथने में कामयाबी हासिल की है। डीएम ने लाटघाट में कोरोंटाइन सेंटर बनवाया है। रोजाना यहां जा रहे हैं और सुविधाओं की जानकारी भी हासिल कर रहे हैं। सब्जी और अनाज बेचने वालों को सख्त हिदायत है कि वो रेटलिस्ट टांगकर ही सामान बेचें। कोई बगैर रेटलिस्ट के पाया जा रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी अमल में लाई जा रही है। 



जिलाधिकारी आरपी सिंह रोजाना सुबह समस्याग्रस्त इलाकों में निकल रहे हैं। बुधवार को उन्होंने चार ब्लाकों का दौरा किया। दुकानदारों से सब्जियों के भाव की जानकारी ली। सगड़ी तहसील क्षेत्र के लाटघाट बघावर में बने कोरोंटाइन सेन्टर का निरीक्षण किया और वहां रखे गए लोगों से सुविधाओं के बारे में जानकारी हासिल की। बाद में अपने मातहत अफसरों को जरूरी निर्देश दिया। यह एक दिन का भ्रमण नहीं, बल्कि यह सब इनकी दिनचर्या में शामिल है। खास बात यह है कि कलेक्टर लोगों से उनकी भाषा में बातचीत कर रहे हैं। चाहे वो भोजपुरिया हो या फिर अंग्रेजी बोलने वाला। वो लोगों को यह भी बता रहे हैं कि जिनके पास कार्ड है उन्हें मुफ्त में राशन दिया जाएगा। डीएम ने कई स्थानों पर खाने के लिए मोहताज लोगों को राशन भी बांटा। साथ ही जिन लोगों के पास अभी राशन कार्ड नहीं है, उनके लिए भी राशन व  भोजन का इंतजाम करा रहे हैं। डीएम के मुताबिक जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है उन्हें आधार कार्ड के आधार पर राशन मुहैया कराया जाएगा।


जिलाधिकारी एनपी सिंह बताते हैं कि आजमगढ़ में 2172 जगहों पर अनाज बांटा  जा रहा है। अफसरों व कर्मचारियों को हिदायत दी गई है कि अगर कहीं भी गड़बड़ी मिली तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कोरोना के खिलाफ लड़ने वाले अफसरों के लिए भी कलेक्टर ने सैनेटाइजर और मास्क की व्यवस्था कराई है। आजमगढ़ के कलेक्टर की कार्य प्रणाली सबसे सजग मानी रही है। ऐसी व्यवस्था समूचे पूर्वांचल में कहीं नहीं है। कारण-डीएम एनपी सिंह की तेज-तर्रार कार्यप्रणाली। हर जगह, हर मुद्दे पर नजर। चौकस चिकित्सा व्यवस्था और खाद्यान की उपलब्धता। इनके दमखम और सेवा भाव को प्रदर्शित करता है।



मीरजापुरः वनवासियों पर मेहरबान सुशील पटेल


मीरजापुर के कलेक्टर सुशील कुमार पटेल बेहद सुलझे हुए अफसर हैं। इन्होंने वनवासियों को राहत पहुंचाने और बीमारी से लड़ने के लिए पुख्ता योजना बनाई है। ऐसी योजना, जिसके चलते मुहसर और अन्य वनवासी समुदाय को भूख से लड़ने की समस्या खत्म हो गई है। बता दें कि समूचे पूर्वांचल में सबसे ज्यादा मुसहर समुदाय के लोग इसी जिले में रहते हैं। इन्होंने हर मुसहर बस्ती को सूचीबद्ध करके अफसरों को इनके घरों पर दौड़ा रहे हैं। रोजाना तड़के खुद निकल रहे हैं। डीएम पटेल वनवासियों के घरों पर सुबह पहुंचते हैं तो लोग भौचक्का रह जाते हैं। इनका दौरा लगातार जारी है। रोजाना कमाने और खाने वाले लोगों के लिए ये कलेक्टर भगवान साबित हो रहे हैं। डीएम रोजाना गरीबों के लिए अपने साथ नाश्ता और लंच पैकेट भी लेकर जा रहे हैं। इनके साथ अफसरों की एक टीम खद्यान लेकर जा रही है। कोई भी पीड़ित मिल रहा है उन्हें भोजन-राशन तत्काल मौके पर दिया जा रहा है।


डीएम सुशील कुमार पटेल लोगों को भरोसा दिला रहे हैं कि करोना के खिलाफ शुरू हुई लड़ाई के अंत तक किसी को भूखे नहीं सोना पड़ेगा। सरकार मदद कर रही है, इसके साथ साथ जिला प्रशासन कर्मचारी के सहयोग से उन तक खाना पहुंचाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। डीएम पिछले दो दिनों से इस कोशिश में जुटे हैं कि गरीबों तक हर हाल में मुफ्त वाला खाद्यान पहुंच जाए। इसके लिए अच्छी तैयारी की गई है। मीरजापुर के कलेक्टर ने कोरोना वायरस के संबंध में सूचना एकत्र करने के लिए विधिवत नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया है।



चंदौलीः आदिवासियों की भूख की दवा बने नवनीत


चंदौली के डीएम नवनीत सिंह चहल चंदौली के वनवासियों के लिए भूख की दवा बन गए हैं। वो लगातार वनवासियों की बहुलता वाले इलाके नौगढ़ का दौरा कर रहे हैं। गांव-गांव जा रहे हैं। हर वनवासी से पूछताछ कर रहे हैं। जिन लोगों के पास भोजन-पानी नहीं है, उन्हें फौरी राहत पहुंचा रहे हैं। गांव-गांव में राशन वितरण व्यवस्था की समीक्षा भी कर रहे हैं।


चंदौली का प्रशासनिक तंत्र पूरी शिद्दत से जुटा है। महामारी के संक्रमण को रोकने के दायित्व पुलिस व प्रशासन आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता, कालाबाजारी व जमाखोरी पर अंकुश लगाने की दोहरी जिम्मेदारी निभा रहा है। साथ ही दूरस्थ ग्रामीणों इलाकों के बाशिदों तक मदद पहुंचाने का काम भी युद्ध स्तर पर किया जा रहा है, ताकि कोई भी नागरिक भूखा ना सोए।


चंदौली में छिपकर बैठे दो कोरोना रोगियों को अपने घेरे में लेकर इलाज शुरू करा दिया है। साथ ही उनके गांवों के लोगों को बाहर जाने से पूरी तरह रोक दिया गया है।


सहायक खंड विकास अधिकारी सदर ब्रजेश कुमार सिंह बताते हैं कि डीएम की बेहतरीन कार्य प्रणाली से समस्याएं हद तक काबू में हैं। वो खुद भी दिन-रात गांव-गांव घूमकर कोरोना से लोगों को बचाने की कवायद में जुटे हैं। चंदौली में कलेक्टर के निर्देश पर बाहरी लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। कुछ लोग जांच से बच रहे हैं, उन्हें चिन्हित कर अस्पतालों में भेजवाया जा रहा है।


डीएम ने पुलिस और प्रशासनिक दल को बिहार सीमाओं पर भी तैनात किया है। इन सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया गया है। बिहार के अलग-अलग हिस्सों से लौट रहे भूखे-प्यासे लोगों को भोजन-पानी का बंदोबस्त एनजीओ व समाजसेवियों की मदद से कराई जा रही है।


डीएम चहल का फोकस नौगढ़ इलाके पर है। वो कहते हैं कि सोशल डिस्टेंशिंग के प्रति जागरूकता के साथ ही मजदूर व गरीब वर्ग का पेट भरना बेहद चुनौतिपूर्ण काम है। लेकिन किसी को भूखे रहने की समस्या अभी नहीं आई है।



वाराणसीः बेहतरीन टीम मैनेजमेंट का कौशल दिखा रहे कौशल राज


वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा कोरोना वायरस संक्रमण महामारी की विश्वव्यापी मानवीय त्रासदी की इस घड़ी में अपनी कार्यशैली से मिसाल कायम कर रहे हैं। वह न सिर्फ अपने मातहतों का अलग-अलग दल बनाकर जनता की जरूरतों और परेशानियों से जुड़ी सभी बिंदुओं पर नजर रखी है बल्कि बेहतरीन टीमवर्क दिखाते हुए प्रत्येक उस व्यक्ति तक पहुंच रहे हैं जो वर्तमान में चल रहे लॉकडाउन के चलते परेशान है। कौशल राज के कौशल का ही कमाल है कि शहरी इलाकों से लेकर गांव के दूर दराज के क्षेत्र से मिल रही सूचनाओं को बेहद गंभीरतापूर्वक ले रहे हैं। जरूरतमंदों की आवश्यकताएं पूरी करने के लिए आधी रात के बाद तक फीडबैक लेते हुए खुद आमजनता तक वह पहुंचकर रात सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं। नागरिकों की सुविधा के लिए उन्होंने व्यापक स्तक पर हेल्पलाइन खोल दिया है। खास यह भी जारी हेल्प लाइनों के अलावा यदि कोई उन्हें खुद भी फोन पर अपनी समस्या बता रहा है तो डीएम स्वयं पहल करते हुए उसके दरवाजे तक भोजन व अन्य सामग्री मुहैया करा रहे हैं। कालाबाजारी और मुनाफाखोरी के खिलाफ गठित टीमों में सुस्ती बरतने वालों पर उन्होंने सख्ती बरती व स्वयं एसएसपी के साथ आम ग्राहक बनकर सड़कों पर उतरे और नौ दुकानकानदारों को रंगेहाथ पकड़ते हुए जेल भी भेजा।



गाजीपुरः संकट से निपटने की हैं सभी तैयारियां


गाजीपुर के डीएम ओम प्रकाश आर्य  ने सुरक्षा कवच की तरह जिले को सील कर दिया हैं। किसी भी संकट से निपटने के लिए जिले में तेजतर्रार अधिकारियों की टीम गठित किया हैं। गरीब मजदूरों के लिए स्वयं स्थल पर जाकर मदद करने में लगे हुए हैं। जिसको लेकर जिले भर के भूख से संकट वालों परिवारों की सूची बनाई गई हैं।वहीं आमजन को इस महामारी के खतरे से बचाव के लिए लाउडस्पीकर से सुझाव देने में लगे हुए हैं। साथ ही लोगों को लाकडाउन के समय खाने-पीने की कोई परेशानी न हो इसके लिए जरूरी बाजार को खोलने और उचित मूल्य पर समान देने के लिस्ट जारी किए हुए हैं। दूर-दराज से आए हुए फंसे हुए लोगों को आवश्यकतानुसार उनके जिलों में सरकारी आदेश पर आपके द्वारा वाहनों से भेजा गया हैं।


देश मे कोरोना वायरस की संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए लाकडाउन के बाद जिलाधिकारी ने अफसरों की एक टीम बनाई है जो चौबीस घंटे काम कर रही है।


जिले की  सम्पूर्ण सीमा सील कर सभी संस्थानों सहित सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ भाड़ वाले इलाकों को सख्ती के साथ बंद कर दिया। साथ ही  होटल, लॉज, गेस्ट हाउस से  विदेशी लोगों की पूरी रिपोर्ट लिया। सभी थानों व सचिव के माध्यम से किसी व्यक्ति के बीमार होने की सूचना तुरंत देने को कहा है। गाजीपुर के डीएम भले ही भोजन के संकट से जूझ रहे लोगों के पास नहीं पहुंच पा रहे हैं, लेकिन बैठक करके अपने मातहतों को वहां भेजने की कवादय में जुटे हुए हैं।



जौनपुरः भले भूखा रहें, पर गरीबों को भूखा नहीं रहने देंगे दिनेश कुमार


जौनपुर के जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह उन लोगों पर चाबुक चला रहे हैं जो बीमारी लेकर धार्मिक स्थलों और शिक्षण संस्थाओं में छिपे हुए हैं। गैर देश के लोगों पर नजर रखने की इनकी पुरजोर कोशिशें रंग ला रही हैं, तभी तो बुधवार को उन्होंने एक जगह से दर्जन भर से अधिक बंगलादेशियों को पकड़वा लिया।


नवरात्रि में लगातार नौ दिनों तक व्रत के बावजूद डीएम दिनेश कुमार सबके लिए भोजन का इंतजाम करा रहे हैं। वो कहते हैं कि हम भले ही भूखे रहें, पर गरीबों को भूखा नहीं रहने देंगे। सरकारी गल्ले की दुकानों पात्रों को निर्देश दिया है कि वो पात्र लोगों को अनाज हर हाल में वितरित कर दें। जौनपुर में कालाबाजारी करने वाले कई लोगों के खिलाफ रपट दर्ज हुई है।



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