कहीं कोरोना वायरस के फैलाव का कारण ना बन जाये बायोमेट्रिक मशीन! रोक के बावजूद हो रहे इस्तेमाल
स्टेट बैंक की ग्राहक सेवा केंद्र बन रहा मुसीबत
जनसंदेश न्यूज़
गाजीपुर। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पीएम मोदी के आह्वान पर लागू लाकडाउन एक सफल मुहिम हो सकती हैं। लेकिन कुछ ऐसे कारण भी है जो पीएम के प्रयास को असफल साबित कर सकती है। और वें है एसबीआई द्वारा ग्रामीण स्तर पर खोले गए ग्राहक सेवा केंद्र। जहां पर सोशल डिस्टेसिंग बनाना मुश्किल हो गया है। हर केंद्रो पर इस महामारी में बायोमैट्रिक डिवाइस का प्रयोग किया जा रहा है। जबकि सरकार ने डिवाइस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी हैं।
ग्राहक सेवा केन्द्र संचालक ने बताया कि बैंक अधिकारियों की इस आदेश से आने वाले समय मे बहुत से लोग महामारी का शिकार हो सकते हैं। जिससे देश की हालत बहुत खराब हो सकती है और महामारी को कंट्रोल करना मुश्किल हो जायेगा। हालांकि बैंको ने खुद के कर्मचारियों को सुरक्षित कर लिया है। बैंको ने बायोमैट्रिक डिवाइस हटा दी है। लेकिन ग्राहक सेवा केंद्र संचालक के यहां लागू है। केन्द्र पर सुरक्षा की कमी है और इनका कोई अधिकारी सुरक्षा की जिम्मेदारी नही ले रहा है। और न ही संचालकों की कोई गारंटी बीमा ही है।
दरअसल इस वैश्विक महामारी में भी ग्राहक सेवा केंद्र संचालकों को बंद नही करने का फरमान जारी है। जबकि इन सेवा में लगे कर्मचारियों का कोई बीमा भी नही किया गया है। इस संबंध में भारतीय स्टेट बैंक आरबीओ के फैसिलेटर बेचू राम ने सभी फैसिलिटेटर से अनुरोध है किया है कि सभी सीएसपी आज से सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक प्रतिदिन खुलेंगे। ग्यारह बजे तक अपनी रिपोर्ट भी भेजना सुनिश्चित करें।
उधर, ग्राहक सेवा संचालक संघ ने आवाज उठाई है कि इतना खतरा उठा कर काम करने वाले लोगो की सुरक्षा, बीमा या बैंककर्मियों के बराबर समान कार्य के बराबर समान वेतन और सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाए। विभागीय अधिकारी बेचू राम ने बताया कि सभी केंद्रों को 1500 रुपए के हिसाब से दिया गया हैं। निर्देश है कि सभी उपभोक्ताओं को अंगूठा लगाने से पहले सेनिटाइज करना हैं।