गरीबों के राशन डकारने वाले दो कोटेदारो पर गिरी गाज, नोटिस के बार कोटा निलंबन की संस्तुति, मचा हड़कम्प



जनसंदेश न्यूज़
मड़िहान/मीरजापुर। तहसील क्षेत्र के खण्डवर मझारी गांव के कोटेदार द्वारा गरीबों के राशन डकारने का मामला प्रकाश में आते ही उपजिलाधिकारी विमल कुमार दुबे ने मामले को गंभीरता से लेते हुये जांच हेतु आपूर्ति निरीक्षक विनोद तिवारी को भेजा था। जाँच में मामला सही पाये जाने पर उपजिलाधिकारी ने कोटे के दुकान को निरस्त करने हेतु जिलाधिकारी को पत्र भेज दिया। 
बताया जाता है कि कोटेदार रामफल मौर्या द्वारा वर्षाे से मृतक के नाम पर खाद्यान्न उठाकर डकार जाता था। गांव के कार्डधारकों को भी यूनिट कम करके ही खाद्यान्न वितरण करता था। बुधवार को गांव के ही मालती पत्नी स्व0 रघुनाथ ने उपजिलाधिकारी को दूरभाष पर बताया कि कोटेदार द्वारा पैसे लेकर गल्ला दिया जा रहा है। जिसे संज्ञान में लेते ही उपजिलाधिकारी ने गुरुवार को गांव में कोटे की जांच करने हेतु आपूर्ति निरीक्षक को भेजा था। जहां जांच के दौरान पता चला कि मृतक के नाम पर भी कोटेदार द्वारा खाद्यान्न सामग्री उठाकर डकार जाता रहा। 
वही राजगढ़ विकास खण्ड के कोन गढ़वा में भी कोटेदार अमृत लाल गुप्ता द्वारा ग्रामीणों के अंगूठा लगवाने के बाद खाद्यान्न वितरण नहीं करने का मामला प्रकाश में आया था। जिसकी जांच हेतु खण्ड विकास अधिकारी को सौंपा गया था। जाँच में मामला सही मिला था जिसके निरस्तीकरण हेतु उपजिलाधिकारी ने जिलाधिकारी को पत्र भेज दिया है। 
बताया जाता है कि इसके पूर्व भी ग्रामीणों के शिकायत पर कोटे की दुकान निलंबित हो चुकी है। शुक्रवार को उपजिलाधिकारी ने कोटे के दुकान के निरस्तीकरण हेतु जिलाधिकारी को पत्र लिखकर यह दिखा दिया कि उनके क्षेत्र में कोई भी कोटेदार गरीबों का हक नहीं डकार सकता। उपजिलाधिकारी की कार्रवाई से हड़कंप मच गया।



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