डीएम ने चेताया, तबलीगी जमात से लौटकर आए लोग करा लें अपनी जांच, वरना लगेगी रासुका! 


जिलाधिकारी ने धर्म गुरुओं के साथ हुई बैठक में साफतौर पर दी चेतावनी


कहा: चिकित्सालय में जाकर खुद परीक्षण न कराने पर रपट भी करेंगे दर्ज


धर्मगुरु बोले : शब-ए-बारात के दौरान घर से निकलने की नहीं है इजाजत

जनसंदेश न्यूज
वाराणसी। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने साफतौर पर कहा है कि तबलीगी जमात से लौटकर वाराणसी आकर रह रहे लोगों को अब भी मौका दिया जा रहा है। ऐसे लोग खुद अस्पताल पहुंचकर अपनी सेहत की जांच करा लें, अन्यथा उनमें बाद में एनएसए के तहत बेहद कड़ी कार्रवाई होगी। वहीं, धर्मगुरुओं ने कहा है कि आगामी दिनों पड़ रहे शब-ए-बारात के दौरान किसी को भी घर से निकलने की परमिशन नहीं है।
श्री शर्मा शनिवार को कैंप कार्यालय सभागार में धर्म गुरुओं के साथ हुई बैठक के दौरान यह कहा। इस मौके पर मुफ्ती-ए-बनारस अब्दुल बातिन नोमानी, अखलाक अहमद, ए. मलिक और एसएम यासीन मौजूद थे। डीएम ने धर्मगुरुओं के साथ कोविड-19 के संबंध में चर्चा की और अब तक जिला प्रशासन की ओर से किये गये इंतजामों के बारे में बताया। साथ ही धर्म गुरुओं से सहयोग की अपील की।
उन्होंने धर्म गुरुओं से खाने-पीने की सामग्री से जुड़ी समस्या की जानकारी ली और कहा कि जहां कहीं भी जिला प्रशासन के सहयोग की जरूरत हो तुरंत बताएं। डीएम ने धर्मगुरुओं से कहा कि जो लोग तब्लीगी जमात से होकर जिले में आएं हैं और जहां-जहां भी रह रहे हैं, वह स्वयं आकर अपनी जांच करा लें। यदि वह स्वयं सामने आकर अपनी जांच नहीं कराते हैं तो ऐसे लोग अपने परिवार और समाज के लिए खतरा हैं।
डीएम ने कहा कि उनको अभी भी मौका दिया जा रहा है कि ऐसे लोग आकर अपनी-अपनी जांच करा लें अन्यथा उनके साथ सख्ती की जाएगी। ऐसे लोगों के खिलाफ रपट दर्ज करायी जाएगी और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को बीमारी के लक्षण हैं, वह कंट्रोल रूम के नंबर 1077 पर सूचना दें और पांडेयपुर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में जा कर अपनी स्क्रीनिंग कराते हुए इलाज कराएं और उपचार में पूरा सहयोग दें।
श्री शर्मा ने कहा कि अस्पताल में डॉक्टरों और कर्मचारियों से किसी प्रकार का दुर्व्यवहार न करें। उन्होंने धर्म गुरुओं से कहा कि वह अपनी ओर से समाज के लोगों से अपील करें। साथ ही बीमारी के खतरों से लोगों को आगाह कर जिला प्रशासन की ओर से कड़ी कार्रवाई किये जाने की चेतावनी भी दें। मीटिंग में धर्मगुरुओं ने कहा कि इस खतरनाक बीमारी से बचने और लोगों को बचाने के लिए जरूरी है कि आगामी आठ से 11 अप्रैल के बीच पड़ने वाले पर्व शब-ए-बारात पर कोई भी व्यक्ति अपने घर से न निकले। उन्हें किसी भी जगह आने-जाने की अनुमति नहीं होगी। सभी लोग लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करें।


 



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