चकिया किले में संदिग्ध जानवर दिखने से मचा हड़कंप, वन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में सर्च अभियान जारी, मिले पैरों के निशान



जनसंदेश न्यूज़
चकिया/चंदौली। अपने ऐतिहासिक महत्व के कारण चकिया के लोगों के बीच हमेशा चर्चित रहने वाला चकिया स्थित काशी नरेश का किला शनिवार को एक बार फिर चर्चा के केन्द्र में आ गया। जहां किला परिसर में किसी संदिग्ध जानवर होने की सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया। सूचना पर अपने टीम के साथ पहुंचे डिप्टी रेंजर आनंद दूबे द्वारा सर्च अभियान चलाने पर किले में किसी संदिग्ध जानवर के होने की आहट मिली। इसके बाद डीएफओ, एसडीएम, एसडीओ, रेंजर सहित कई आला अधिकारी मौके पर पहुंच कर उक्त जानवर की खोज खबर में जुट गये। हालांकि खबर लिखे जाने की तक जानवर का पता नहीं चल सका है, लेकिन वन विभाग का सर्च आपरेशन जारी है। 



सूचना के मुताबिक चकिया स्थित ऐतिहासिक महाराजा के किला में पिछले कई दिनों से किसी संदिग्ध जानवर के होने की चर्चा थी। लालपुर प्रधान अवधेश मौर्या सहित कई प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक वह जानवर पिछले कई दिनों से किले के आसपास देखा जा रहा था। शनिवार की सुबह किले के रहवासियों ने उसे परिसर के अंदर देखा तो सकते में आ गये। किला की देखभाल करने वाले पिंटू सोनकर ने तत्काल इसकी सूचना वन विभाग को दी। जहां डिप्टी रेंजर आनंद दूबे अपनी टीम के साथ पहुंच कर सर्च आपरेशन शुरू किया। 



वन विभाग द्वारा थाली बजाकर झाड़ियों में छिपे जानवर को निकालने का प्रयास किया। इसी बीच तेज गुर्राहट के साथ झाड़ियों में किसी के भागने की भनक लगते ही वन विभाग कर्मी चौकन्ने हो गये। हालांकि जानवर कौन था कोई बता न सका।



वही दूसरी तरफ सूचना मिलते ही डीएफओ महावीर कौजलगी, एसडीएम सीपू गिरी व चकिया रेंजर इकबाल बहादुर, रेंजर चन्द्रप्रभा बृजेश पाण्डेय, एसडीओ चकिया धर्मेन्द्र सिंह, नौगढ़ दिनेश सहित वन विभाग की अन्य टीम भी वहां पहुंच गई। किले के चप्पे-चप्पे पर चले सर्च आपरेशन के दौरान ठाकुर बाग से सटे जर्जर पड़ चुके रानी के महल में किसी संदिग्ध जानवर के पैरों के निशान दिखाई पड़े। 
वन विभाग के कर्मी भी ठीक तरह से उस पैरों के निशान की पहचान नहीं कर पा रहे है। काफी देर तक चले सर्च अभियान में कुछ हाथ नहीं लग पाया। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार शायद लोगों की आहट सुन कर वह कहीं सुरक्षित स्थान पर छुप गया है या फिर भाग गया है। वन विभाग की टीम जाल, रबर बुलेट सहित विभिन्न हथियारों के साथ मुस्तैद है। हालांकि खबर लिखे जाने तक वन विभाग का सर्च अभियान जारी रहा। 



तत्काल बाउड्री तत्काल जोड़े जाने का निर्देश
इस मौके पर डीएफओ रामनगर महाव महावीर कौजलगी ने सम्पत्ति सुरक्षा अधिकारी वीर बहादुर सिंह से फोन पर वार्ता कर किले के जर्जर पड़ चुके बाउड्री को जोड़े जाने की बात कहीं। जिससे जानवर अगर अंदर है तो वन विभाग की टीम उसे पकड़ सके। 
टीम में वन विभाग के अधिकारियों सहित वन कर्मी जेपी, रामशाीष, देवेन्द्र, यशवंत, टून्नू, राजेन्द्र सोनकर सहित अन्य मौजूद रहे। 



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