बनारस से भेजा गया पीएम मोदी के अजीज दोस्त अमेरिकी राष्ट्रपति को बनारसी ललका गमछा
जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। सांसद एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवाह्न पर कोरोना संकटकाल में बनारसियों ने गमछे को कोरोना के खिलाफ जंग में एक मारक हथियार के रूप में उपयोग करना शुरू कर दिया है। व्यापक स्तर पर बनारसियों ने गमछे का प्रयोग मॉस्क के रूप में करना शुरू कर दिया है। यहीं नहीं लोगों को गमछे के प्रयोग के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। इसी बीच वाराणसी के दिव्यांग बंधु डा. उत्तम ओझा ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ललका गमछा भेज कर इसका प्रयोग करने का आग्रह किया गया है।
जिस तरह बनारस का अंदाज निराला है, उसी तरह से बनारस के लोगों का अंदाज भी निराला है। अमेरिकी राष्ट्रपति को गमछा भेजने के बाद डा. ओझा ने उनको संबोधित एक पत्र भी लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत अमेरिका का मित्र देश है। इसलिए संकट के समय में हम अमेरिका के साथ अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं तथा मृतक अमेरिकी लोगों के प्रति हम अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। पत्र में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को सलाह दी है कि ट्रंप जी को भी इस गमछे का प्रयोग करना चाहिए।
दिव्यांग बंधु डॉ उत्तम ओझा ने बताया कि बनारसी गमछा पूरी तरह सुरक्षित है। यह सूती और खादी का गमछा मास्क से कहीं बेहतर है और पूरी तरह से सुरक्षा प्रदान करता है। कहा कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति इसका उपयोग करते हैं तो वाराणसी गमछे को एक विश्वव्यापी मान्यता प्रदान होगी। गमछा बनारस का एक परंपरागत वस्त्र है और वाराणसी के लोग इस गमछे का प्रयोग विभिन्न कार्यों में करते हैं।
जिसका प्रयोग मल्टीपरपज के रूप में किया जाता है। आज कोरोना संकट आया है तो यही गमछा है, जो संकटमोचक के रूप में मास्क बन गया। उन्होंने उम्मीद जताई कि अमेरिकी राष्ट्रपति इसे सकारात्मक रूप से लेंगे तथा इसका प्रयोग करेंगे। कहा कि मॉस्क की कमी को देखते हुए अगर अमेरिकी राष्ट्रपति गमछे का आर्डर देते हैं तो वाराणसी से गमछा भेजा जाएगा। उन्होंने गमछे को नईदिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के माध्यम से डोनाल्ड ट्रम को भेजा है। जिसकी पार्सल स्पीड पोस्ट रजिस्ट्री वाराणसी से कर दी गई है। खास बात यह है कि दिव्यांग बंधु डॉक्टर उत्तम ओझा स्वयं गमछे का उपयोग करते हैं और पीएम के आवाह्न के बाद इसे अधिक से अधिक लोगों को अपनाने के लिए प्रेरित भी करते है।