अनाज वितरण को लेकर फूलपुर के थाने गांव में जमकर बवाल, दरोगा समेत कई घायल

डीएम बोले, कराई जायेगी उच्चस्तरीय जांच, नहीं बचेंगे वारदात को अंजाम देने वाले लोग


इंस्पेक्टर का सिर फटा, कई पुलिसकर्मी घायल


एसपीएआरए ने घटना को बताया जातीय संघर्ष, थाने गांव सील, फोर्स तैनात



जनसंदेश न्यूज
वाराणसी। 
फूलपुर पुलिस थाना क्षेत्र के थाना गांव में शनिवार की शाम अनाज वितरण को लेकर दो पक्षों के बीच हुए विवाद के बाद मुसहर समुदाय के लोग उग्र हो गए। आरोप है कि उन्होंने पुलिस पर पथराव किया। इस हमले में फूलपुर के इंस्पेक्टर समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। खबर है कि उग्र भीड़ ने पुलिस का टियर गन और एक मोबाइल छीन लिया है। पुलिस की एक बाइक भी कूंच दी गई है। इसी बीच हुए संघर्ष में कई मुसहरों की मड़इयां फूंक दी गई हैं। मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है। समूचे इलाके को सील कर दिया गया है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि ग्राम प्रधान से मूसहर समुदाय के लोगों से जमीन के पट्टे को लेकर तनातनी चल रही थी। यही ंविवाद जातीय संघर्ष का सबब बन गया।
घटनाक्रम के मुताबिक फूलपुर थाना क्षेत्र के थाना गांव में शनिवार की शाम करीब साढ़े सात बजे अनाज आदि बांटे जाने को लेकर दो पक्षों के बीच जमकर विवाद हुआ। इसमें एक पक्ष गांव के दबंगों का था और दूसरा मुसहरों का। बताया जा रहा है कि विवाद का असली कारण मुसहरों को अनाज देने में आनाकानी की जा रही थी। मुसहर समुदाय का कहना था कि वो भी बीजेपी के अनन्य समर्थक हैं। ग्राम प्रधान उनके साथ भेदभाव की नीति अपना रही थी। 



अनाज की दिक्कत को लेकर परेशान मुसहर अर्जी लेकर फूलपुर थाने पहुंचे। बाद में दोनों पक्षों को समझाने के लिए थाने के दरोगा लक्ष्मण शर्मा और सिपाही अमित व एक अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पहले मुसहर समुदाय के लोगों को समझाया और बाद में दूसरे पक्ष को शांति बरतने को कहा। इसी बीच दोनों पक्षों के बीच दोबारा विवाद शुरू हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि पुलिस कर्मियों की एक बाइक ईंटों से कूंच दी गई। इसी बीच मुसहरों की मड़इयों को आग के हवाले कर दिया गया। दरोगा व सिपाहियों के साथ भी मारपीट की गई। आरोप लगाया गया कि मुसहर समुदाय के लोगों ने पुलिस के वाहनों को क्षतिग्रस्त किया है।


प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक दरोगा लक्ष्मण शर्मा ने फूलपुर के इंस्पेक्टर सनवर अली को घटना की सूचना दी तो वो रात करीब पौने आठ बजे मौके पर पहुंचे। वो भी विवाद को सुलझा पाने में नाकाम रहे। विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया कि मौके पर ईंट-पत्थर चलने लगे। इस घटना में इंस्पेक्टर सनवर अली और सिपाही आनंद सिंह समेत कई लोग घायल हो गए। खबर है कि पुलिस की एक टियर गन और मोबाइल फोन भी गायब है।



इस घटना को आगामी प्राधानी के चुनाव को भी जोड़कर देखा जा रहा है। इस गांव में दो मुसहर बस्तियां हैं। दोनों दोनों बस्तियों के लोग गोलबंद होकर दूसरे पक्ष से भिड़ गए थे। घटना के बाद मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। इस बीच मुसहर समुदाय के लोग गांव छोड़कर भाग गये है। दोषियों को पकड़ने के लिए पुलिस बड़े पैमाने पर दबिश दे रही है।
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) मारतंड प्रताप सिंह समेत तमाम पुलिस अफसर व कई थानों फोर्स  आरोपितों को पकड़ने में जुटी हुई है। समूचे इलाके को सील कर दिया गया है। एसपीआरए मारतंड प्रताप सिंह ने इस घटना को जातीय संघर्ष बताया है। वो यह नहीं बता सके कि विवाद किस बात शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि घटना की गहन जांच-पड़ताल की जा रही है। 



आपसी रंजीश का मामला-डीएम 
घटना की गहन पड़ताल करने के बाद जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने देर रात जनसंदेश टाइम्स को बताया कि मुसहर समुदाय का ग्राम प्रधान से पट्टे को लेकर विवाद चल रहा था। शनिवार को अनाज के वितरण की बात आई तो तनातनी बढ़ गई। बात इतनी बढ़ गई कि दोनों पक्ष संघर्ष करने लग गये। उन्होंने बताया कि इलाकाई थाना पुलिस कोरोना के चलते परेशान हाल लोगों को राहत पहुंचाने और लॉकडाउन व कानून व्यवस्था में जुटी हुई थी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। जिलाधिकारी श्री शर्मा ने कहा कि मोदी किट बांटे जाने की बात कोरी अफवाह है। इसमे कोई सत्यता नहीं है। उन्होंने कहा कि मामला आपसी रंजीश का प्रतीत हो रहा है। इसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जायेगी और दोषियों के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई अमल में लाई जायेगी। 


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