वाई-फाई और टेली मेडिसिन सुविधा से लैस होंगी ग्राम पंचायतें, मॉडल विकास खंड बनाने को डीएम ने की तैयारी बैठक


पेयजल, सोकपिट, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन और मृदा परीक्षण आदि की सहूलियत


हर प्रकार की पेंशन योजनाएं, शादी अनुदान व सेवायोजन, सड़कों से जुड़ जाएंगे गांव


अन्य ब्लाकों से स्टाफ लेकर सेवापुरी में पूरी करेंगे विभिन्न पदों पर कर्मचारियों की कमी


दो महीने में विकास खंड को सभी सरकारी योजनाओं से संतृप्त करने का दिया टार्गेट

जनसंदेश न्यूज
वाराणसी। नीति आयोग के निर्देश पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के सेवापुरी विकास खंड को मॉडल ब्लॉक बनाने की कवायद शुरु हो चुकी है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने इस बारे में गुरुवार को बैठक कर दो महीने के भीतर इस कार्य को मूर्त रूप देने की समय सीमा तय की। ब्लाक को आदर्श विकास खंड बनाने के लिए अलग से धनराशि जारी होगी। ब्लॉक में खाली पड़े पदों को अन्य विकास खंडों से कर्मचारी लेकर भरपाई करेंगे।
कलेक्ट्रेट स्थित जिला रायफल क्लब में यह मीटिंग बुलायी गयी थी। इस मौके पर डीएम ने संबंधित विभागों के अफसरों से कहा कि सेवापुरी ब्लॉक को दो माह में सभी योजनाओं से संतृप्त कर दिया जाय। उन्होंने बताया कि नीति आयोग के निर्देश पर इस विकास खंड के प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्राथमिकता के आधार पर इंफ्रास्ट्रक्चर के सभी कार्य होंगे। उसके बाद अन्य ब्लाकों को भी संतृप्त किया जायेगा।
श्री शर्मा ने अधिकारियों को बताया कि सेवापुरी ब्लॉक के हरएक ग्राम पंचायत में सभी पात्र परिवारों को समस्त विभागीय योजनाओं से संतृप्त करना है। सो, संबंधित स्कीमों की कार्ययोजना बनाकर शुक्रवार तक पेश करें। उन्होंने बताया कि आबादी के अनुसार बीडिंग, स्टाफ व अन्य जो भी विभागीय आवश्यकताएं हैं, उनका आंकलन कर रिपोर्ट दें। ग्राम पंचायतों में पेयजल, सामुदायिक शौचालय, सोकपिट, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, सॉलिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (एसएलडब्ल्यूएम) आदि की सुविधाएं भी रहेंगी।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा शासन की पेंशन योजनाएं, शादी अनुदान, सेवायोजन और प्रत्येक गांव को सड़कों से जोड़ने जैसे कार्य प्राथमिकता में हैं। सेवापुरी को मॉडल ब्लाक बनाने के लिए ग्राम पंचायतों में वाई-फाई सुविधा, टेलीमेडिसीन, वनीकरण, मृदा परीक्षण आदि कार्य भी संबंधित विभागों के जरिये होंगे। इसमें विभागीय लक्ष्य से अलग हटकर सभी कार्य कराए जाएंगे। इसके लिए धन आवंटन भी अलग से होगा।
डीएम ने चेताया कि इसमें किसी भी विभाग की योजनाएं छूटीं तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिन महकमों में स्टाफ की कमी हो उनकी शत-प्रतिशत पूर्ति अन्य विकास खंडों से कर ली जाए। ग्राम पंचायतों में भूमि विवाद के मामलों के निस्तारण में श्रावस्ती मॉडल पर टीम गठित कर कार्रवाई करें।


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