रामकथा में बोले वेदांती जी महाराज, रामकथा से ही सीखा जा सकता है मर्यादित जीवन के सूत्र 



जनसंदेश न्यूज़
शहाबंगज/चंदौली। मानस परिवार सेवा समिति मसोई द्वारा संकट मोचन हनुमान मंदिर के प्रांगण में आयोजित श्री राम कथा महायज्ञ के तीसरे दिन डा. रामकमल दास वेदांती जी महाराज ने कहा कि श्री रामकथा आदर्श पथ पर चलने की प्रेरणा देती है, भगवान राम का चरित्र जहां एक ओर पारिवारिक रिश्तों की अहमियत को दर्शाता है। वहीं दूसरी ओर जाती-पाती के भेदभाव को मिटाकर मानव मात्र में सौहार्द की भावना जागृत होता हैं। 
भगवान श्रीराम ने अहिल्या का उद्धार करके यही बताया कि जाने-अनजाने में हर  एक इंसान से कोई ना कोई त्रुटि हो ही जाती है। महान वो है जो पतित प्राणियों को पावन बनाकर मुख्यधरा मे जोड़ दें। पत्थर दिल इंसान भी अच्छे लोगों की सत्संगति से देव तुल्य बन सकते हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने मिथिलापुरी का भ्रमण बड़ी शालीनता के साथ किया। 
स्वामी जी ने बताया कि मिथिलापुरी में रहने वाले समस्त नर नारी भक्त थे, इसलिए उन्हें जैसे ही राम और लक्ष्मण के मिथिलापुरी में आगमन की सूचना मिली तो वे सारे काम व धाम छोड़कर भाव विवहल होकर राम के दर्शनों के लिए दौड़ पड़े। इससे हमें यह प्रेरणा मिलती है कि मनुष्यों को घर गृहस्थी की जिम्मेदारियों का पालन करते हुए भगवत भजन व सत्संग द्वारा भक्ति पथ पर भी चलना चाहिए।
मिथिला की नारियां भी प्रेम रस में सराबोर थी, लेकिन वे मर्यादा में रहते हुए अपने -अपने भवनों की खिड़कियों से राम और लक्ष्मण के ऊपर पुष्प वर्षा कर के अपने और आकृष्ट करने का प्रयत्न करती हैं। स्वामी श्री वेदांती जी ने पश्चात् संस्कृति से भारत में आए वैलेंटाइन डे जैसे पर्वों को भारतीय संस्कृति व युवा पीढ़ी के चारित्रिक पतन का कारण बताया है। जहां होली और दिवाली जैसे पर्व खुशियों के रंग और आध्यात्मिक प्रकाश की ऊर्जा को बढ़ाते हैं। वही पाश्चात् संस्कृति से आए पर्व हमारी युवा पीढ़ी को भ्रमित कर रहे हैं। मर्यादित जीवन के सूत्रों को रामकथा से ही सीखा जा सकता है।


Popular posts from this blog

'चिंटू जिया' पर लहालोट हुए पूर्वांचल के किसान

लाइनमैन की खुबसूरत बीबी को भगा ले गया जेई, शिकायत के बाद से ही आ रहे है धमकी भरे फोन

नलकूप के नाली पर पीडब्लूडी विभाग ने किया अतिक्रमण, सड़क निर्माण में धांधली की सूचना मिलते ही जांच करने पहुंचे सीडीओ, जमकर लगाई फटकार