प्रेरणा एप का विरोध, शिक्षकों को पड़ेगा भारी बायोमीट्रिक हाजिरी की तैयारी


टैबलेट से शिक्षा व्यवस्था में होगा सुधार

जनसंदेश न्यूज 
गाजीपुर। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों का सरकार ने प्रेरणा ऐप के जरिए फोटो यानी सेल्फी के मार्फत हाजिरी लेने का आदेश जारी किया था। शिक्षकों के विरोध के बाद हाजिरी मॉड्यूल को टाल दिया था। लेकिन अब स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को दिए जाने वाले टैबलेट में हाजिरी के लिए बायोमीट्रिक अटेंडेंस की व्यवस्था की जा रही है।
प्रदेश सरकार परिषदीय स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था सुधार करने के लिए प्रधानाध्यापकों, खण्ड शिक्षा अधिकारियों और अकादमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) को टैबलेट देने की तैयारी कर रही है। टैबलेट में शिक्षकों को बायोमीट्रिक हाजिरी देनी होगी। विद्यार्थियों का भी 15 दिन में एक बार इसके माध्यम से हाजिरी लगानी होगी। इस प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए  छात्रों का आधार का ब्यौरा लिंक किया जाएगा। बायोमीट्रिक स्कैनर की व्यवस्था होगी। टैबलेट के साथ न्यूनतम 2 जीबी का डाटा प्लान भी दिया जाएगा। 
वहीं विभाग के अन्य मॉड्यूलों के सॉफ्टवेयर इसमें डाले जाएंगे। मसलन प्रेरणा पोर्टल, मानव सम्पदा इत्यादि। वहीं जिले के 1950 प्राथमिक , 801 उच्च प्राथमिक  स्कूल में 7000 शिक्षक कार्यरत है। 2600 शिक्षा मित्र तथा 450 अनुदेशक भी स्कूलों में  शिक्षा दे रहें है। बावजूद शिक्षा में सुधार न होने को लेकर शासन काफी गंभीर बना हुआ है। अभिभावकों द्वारा लगातार गैरहाजिर होने की शिकायत सामने आती रहीं है। विभागीय अधिकारी भी राजनीतिक दबाव में कड़ा एक्शन नहीं ले पाते थे। लेकिन सरकार की टैबलेट से ऐसे शिक्षकों पर लगाम कैसे लगता है यह लागू होने के बाद पता चलेगा।  
बेसिक शिक्षा अधिकारी श्रवण कुमार गुप्ता ने कहा कि शासन से पत्र के माध्यम से रिपोर्ट मांगी गई है। जिले में इस व्यवस्था को लागू करने के लिए शासन से ही अधिकारियों की टीम गठित कर दिया गया है। जिसके लिए अफसर कार्य करना शुरू कर दिए है। शिक्षा के अगले सत्र से शिक्षको की हाजिरी टैबलेट के माध्यम से लगनी शुरू हो जाएगी। सरकार की इस पहल से लापरवाह शिक्षकों पर लगाम लगेंगी।
हेल्पडेस्क भी होगी
टैबलेट के इस्तेमाल व अन्य दिक्कतों को दूर करने के लिए जिम्मेदार कम्पनी हेल्पडेस्क बनाने की भी तैयारी कर रही हैं। इसके लिए कम्पनी दो टोलफ्री नंबर भी जारी करेगी। हर ब्लॉक में एक-एक, जिला स्तर पर एक-एक आईटी कोआर्डिनेटर भी होंगे। टैबलेट में जो भी डाटा होगा वह राज्यस्तर पर देखा जा सकेगा। इसके लिए क्लाउड आधारित स्टोरेज होगा। टैबलेट की लोकेशन को ट्रैक किया जा सकेगा।


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