प्रधान सिर्फ ‘इंजन’, मित्र ही कर रहे ‘पायलटी’, मंगारी ग्रापं के विकास कार्यों का ‘टेकऑफ’ और ‘लैंंडिंग’ दोस्त के हाथ

- इन पांच वर्षों में गांव को नहीं मिला एक भी आवास, कच्चे घरों में रह रहे हैं पात्र


- ग्रामीण लगा रहे एसबीएम और पीएमवाई में उपेक्षा का आरोप, लोगों में है नाराजगी


- दो माह से ध्वस्त बाबतपुर रेलवे स्टेशन का फुटओवर ब्रिज, यात्रियों को है समस्या


- खाता है सीज तो विकास कार्य भी हो रहे प्रभावित, आयुुर्वेद अस्पताल में मरीज कम


- गंगापुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज कराना बेहतर समझते हैं गांव के लोग



जनसंदेश न्यूज


बाबतपुर। स्थानीय एयरपोर्ट के निकट स्थित मंगारी ग्राम पंचायत के लोग प्रतिदिन आसमान में उड़ते हवाई जहाज देखा करते हैं। लेकिन इस ग्राम पंचायत में भी एक ऐसा ‘पायलट’ है जिसका ‘इंजन’ यहां के ग्राम प्रधान हैं। प्रधानजी के विकास कार्यों का ‘टेक आॅफ’ और ‘लैंडिंग’ इन्हीं ‘पायलट’ के भरोसे चल रहा है। ग्राम प्रधान नंदलाल जायसवाल की प्रधानी उनके मित्र कमलकांत शर्मा संभालते हैं। दूसरी ओर, गांव के अधिकांश मरीज यहां उपलब्ध के सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल के बजाय गंगापुर ग्राम पंचायत के सीएचसी पर जाना ज्यादा पसंद करते हैं।



पिंडरा विकास खंड के इस ग्राम पंचायत की तमाम जमीन व तालाबों पर अवैध कब्जे हैं। कई परिवारों को आवास की जरूरत है। निकट स्थित बाबतपुर रेलवे स्टेशन का ध्वस्त फुटओवर ब्रिज अबतक नहीं बना है। इलाके में झोलाछाप डॉक्टर धड़ल्ले से क्लिनिक चला रहे हैं। कारोबारी एवं ग्राम प्रधान नंदलाल जायसवाल पूछे गये सवालों पर लगातार जवाब तलाशते रहे जबकि उनके मित्र कलकांत शर्मा के पास प्रत्येक प्रश्न का उत्तर था। नंदलाल सटीक तौर पर अपनी ग्राम पंचायत की आबादी और वोटरों की संख्या नहीं बता सके। उनकी मानें तो इस ग्राम पंचायत की जनसंख्या लगभग छह हजार और वोटर करीब चार हजार 200 हैं।



201 मतों से जीतकर ग्राम प्रधान ने यह तो बताया कि यहां आवास जरूरत है लेकिन पक्के तौर पर यह नहीं बता सके कि आवास के लिए पात्रों की संख्या 70 है या 72। उन्होंने कहा कि आप 70 पात्र ही मानकर चलिए। शिकायतों के आधार पर नंदलाल के खिलाफ हुई के बाद इस ग्राम पंचायत का खाता सीज चल रहा है। दूसरी ओर, मंगारी के ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मेन मार्केट में बिछी खड़ंजे के नीचे मनमाने ढंग से सीवर लाइन बिछा दिया गया।



न तो उस सीवर लाइन के दोनों छोर को किसी सिरे तक पहुंचाने की जरूरत समझी गयी और न ही किसी घर से उसे जोड़ा है। रोड पर नालियां न होने के चलते घरों का पानी भी सड़कों पर बहता रहता है। फलस्वरूप प्राय: मार्ग पर जलभराव और कीचड़ के कारण आमलोगों को आवागमन में में भारी समस्या का सामना करना पड़ता है। इधर, मंगारी के मुख्य बाजार में स्थित खंडहर हो चुके पंचायत भवन जानवरों का आश्रय स्थल बना हुआ है। उसी में नशेड़ी भी अड्डा जमाते हैं।



विकास खंड मुख्यालय के निकट स्थित मंगारी बाजार में अतिक्रमण है। गांव की पंचायतों की बैठकें प्राथमिक विद्यालय आदि स्थलों पर की जाती हैं। गांव के तालाबों पर अवैध कब्जे किये जा रहे हैं। बाजार स्थित एक मंदिर से सटे दूसरे के आवास में जीवन व्यतीत कर रहीं रीता देवी ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान इस घर के खाली कराने के लिए कई स्तर से दबाव डलवा रहे हैं।


उधर, कई जगह झोलाछाप डॉक्टर अपनी-अपनी दुकानदारी चला रहे हैं। दलित बस्ती में पहले ही कई लोगों को इंदिरा आवास मिल चुका है लेकिन बाद में उन्हें स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय उपलब्ध कराये गये हैं। इस बस्ती के निवासी इरविंद को भी इंदिरा आवास मिला था लेकिन उनमें प्लास्टर, छत, खिड़की और दरवाजा नहीं है। इस बारे में पूछे जाने पर उसने आरोप लगाया कि तत्कालीन ग्राम प्रधान और बीडीसी ने कमीशन के तौर पर धनराशि ली इस कारण आवास बनाने के लिए पैसे की कमी पड़ गयी।



मेन मार्केट में अतिक्रमण : कवींद्र कुमार


- पिंडरा विकास खंड के मंगारी ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान कवींद्र कुमार को वर्तमान ग्राम प्रधान नंदलाल जायसवाल से कोई शिकायत नहीं है। वह कहते हैं कि मंगारी मेन मार्केट में तमाम लोगों ने अपने-अपने घर और दुकान को रोड तक बढ़ाकर अतिक्रमण कर लिया है। इन सड़क पर बिछा खड़ंजा हटाकर सीसी रोड बनवाने की जरूरत है। बाबतपुर रेलवे स्टेशन का ध्वस्त फुटओवर ब्रिज न होने से यात्रियों को समस्या हो रही है। स्टेशन के निकट की रेलवे क्रॉसिंग पर जाम की समस्या खत्म करने के लिए आरओबी की अवश्यकता है।



जांच अधिकारी ने की गलत कार्रवाई : नंदलाल जायसवाल


- मंगारी के वर्तमान ग्राम प्रधान नंदलाल जायसवाल ने आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत में मेरे विरोधियों ने हमें गलत ढंग से फंसाया है। ऐसे लोगों ने मेरी ओर से किये गये विकास कार्यों को लेकर सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत 40 से अधिक अर्जी दे रखी है। उसके लिए बार-बार लखनऊ का चक्कर लगाना पड़ता है। ग्रामीणों के सभी आरोप निराधार हैं। लोगों की शिकायत पर गांव में पहुंचे जांच अधिकारी को हम खुश नहीं कर सके। इसलिए उन्होंने लाइट और जल भंडारण के बिंदु पर गलत तरीके से ग्राम पंचायत का खाता सीज किया गया। मेरे कार्यकाल में अबतक पात्रों के लिए एक भी पीएम आवास जारी नहीं हुआ है। जिनके पास पक्की छत नहीं है, उन लोगों में मैंने खुद अपनी जेब से खर्च कर तिरपाल, प्लास्टिक आदि उपलब्ध कराया। दूसरी ओर, लगभग 2.50 करोड़ रुपये के विकास कार्य करा चुका हूं। एसबीएम में शौचालयों के निर्माण खुद खड़े होकर कराए हैं।  ग्राम समाज की तमाम जमीनों पर लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है।



पिछले प्रधान ने किया गोलमाल : कमलकांत शर्मा


- चोलापुर ब्लाक के मंगारी ग्राम पंचायत निवासी और वर्तमान ग्राम प्रधान नंदलाल जायसवाल के मित्र कमलकांत शर्मा ने आरोप लगाया कि पिछले प्रधान के कार्यकाल में स्वीकृत 75 इंदिरा आवासों में से लकभग 15 आवास पात्रों को दिये ही नहीं गये। दलित बस्ती में एक ही परिवार के पांच लोगों को आवास बांटे गये थे। कई आवास अधूरे बनाकर छोड़ दिये गये। गांव में सर्वाधिक समस्या गरीबों के पास आवास न होना है। पटेल बस्ती के विक्की और किशन के आवास बेहद जर्जर हाल में हैं। तालाब पर अवैध कब्जे हैं।



उपेक्षित है दलित बस्ती : बदामा देवी


- मंगारी की दलित बस्ती में इंदिरा आवास का लाभ प्राप्त कर चुकीं बदामा देवी ने आरोप लगाया कि वर्तमान ग्राम प्रधान इस बस्ती की उपेक्षा करते हैं। विकास खंड मुख्यालय से भी कोई अधिकारी या कर्मचारी बस्ती के लोगों का हालचाल लेने तक की जरूरत नहीं समझता।



झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार : डॉ. आरएस राय


- पिंडरा पीएचसी के सेवानिवृत्त होकर मंगारी बाजार में अपनी क्लिनिक चला रहे डॉ. रमाशंकर राय ने कहा कि इलाके में कई झोलाछाप डॉक्टर हैं। सरकारी नौकरी में अपनी सेवाकाल के दौरान मैंने इस बारे में आला अफसरों को लिखित तौर पर रिपोर्ट देकर कार्रवाई करने की मांग की थी लेकिन आजतक इस बारे में किसी प्रकार की पहल नहीं हुई।



कई गांवों ने आते हैं रोगी : डॉ. शैलेश कुमार


- गंगापुर ग्राम पंचायत में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शैलेश कुमार के मुताबिक मंगारी समेत तमाम गांवों के मरीज गंगापुर ग्राम पंचायत के इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आते हैं। जबकि मंगारी में ही एक सरकारी आयुर्वेदिक चिकित्सालय है। रोगी तो रोगी ही है। इस सीएचसी में चाहे कहीं से भी मरीज आये, उनका इलाज करना मेरी जिम्मेदारी है। यहां आने वाले रोगियों का न सिर्फ दवा आदि देकर उपचार किया जाता है बल्कि तमाम मरीजों को टेली मेडिसिन सेंटर का भी लाभ मुफ्त मिलता है।



सरकार करे पहल : खंजाटी


- ग्राम पंचायत मंगारी की दलित बस्ती निवासी खंजाटी ने बताया कि उसका इंदिरा आवास बारिश के दिनों में टपकता है। इतनी आमदनी नहीं है कि घर की मरम्मत करा सकें। इस दिशा में सरकार को पहल करनी चाहिए।



आवास के लिए हुई उगाही : निर्मला


- मंगारी की दलित बस्ती में रहने वाली निर्मला ने आरोप लगाया कि पूर्व में मिले इंदिरा आवास के एवज में तत्कालीन ग्राम प्रधान और बीडीसी ने आवास के लिए जारी धनराशि में से दस हजार रुपये ले लिये। इसलिए मैं अपना आवास पूरी तरह नहीं बनवा सकी। वर्तमान ग्राम प्रधान से कभी भी हमलोगों की सुध लेने की जरूरत नहीं समझी।


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