निर्यात को बढ़ावा देने को निर्माण को मिले छूट, निर्माता कंपनियों को 50 फीसदी कर्मचारियों के साथ दी जाए काम करने की अनुमति


निर्यात में कमी के फलस्वरूप चीन को होगा लाभ तो देशी कंपनियों को होगा नुकसान


(DEMO PIC)


जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। फियो ने केंद्र सरकार से अपील की है कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से देश की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हो रहा है। निर्माता कंपनियों के लिए यह समय घाटे का सौदा साबित हो रहा है। निर्यात में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। ऐसे में फियो ने गृह मंत्रालय से अपील है कि वह निर्यात को बढ़ावा देने के लिए निर्माता कंपनियों को निर्माण की छूट प्रदान करें।
फियो ने गृह मंत्रालय से अपील की है कि निर्यात में सभी विनिर्माण कंपनियों को 50 फीसदी कर्मचारियों के साथ काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए। शर्त होगी कि इस दौरान पूर्ण स्वच्छता और सुरक्षा के साथ पर्याप्त दूरी रखने के मानदंडों के साथ काम होगा। निर्यात में कमी के परिणामस्वरूप बाजार का नुकसान होगा, जिसे फिर से हासिल करना बहुत मुश्किल होगा। हमारे नुकसान से चीन को लाभ होगा, जो निर्यात में छूट के साथ अधिक से अधिक बाजार में पहुंच हासिल करने के लिए सभी साधनों का उपयोग कर रहा है। कल-कारखानों में पर्याप्त सुरक्षा उपायों को श्रम मंत्रालय की तरफ से निर्धारित और उसकी निगरानी किया जा सकता है।
फियो ने विदेश व्यापार महानिदेशालय से अपील की है कि 31 मार्च 2021 तक स्टेट होल्डर सर्टिफिकेट के विस्तार किया जाए और एक वर्ष तक विदेश व्यापार नीति 2015-2020 का विस्तार किया जाए। इतना ही नहीं, एक अप्रैल से 2020-2025 के लिए ब्याज समानकरण योजना को विस्तार दिया जाए या उसे फिर से लागू किया जाए। उद्योग पर वित्तीय बोझ कम करने के लिए बिना ब्याज और जुर्माने के केवल सीमा शुल्क के भुगतान द्वारा डिफॉल्ट के नियमितीकरण के लिए पुराने अग्रिम, ईपीसीजी और ईओयू के लिए माफी योजना की घोषणा की जाए। फियो ने अनुरोध किया है कि सभी मौजूदा प्राधिकरणों की आयात वैधता को एक मार्च 2020 से लेकर 31 मार्च 2021 तक या उनकी मौजूदा वैधता अवधि जो भी बाद में हो, विस्तार दिया जाए। सभी अग्रिम/ईपीसीजी प्राधिकरणों के निर्यात दायित्व (ईओ) को वैध ईओ के साथ एक मार्च 2020 से 31 मार्च 2021 तक या ईओ की मौजूदा वैधता तक, जो भी बाद में हो, तक बढ़ाया जाए।
दस्तावेज बांद में प्रस्तुत करने को मिले छूट
फियो ने वाणिज्य मंत्रालय से अपील की है कि आयात, निर्यात, सीएचएएस, फ्रेट फारवर्डर्स, ट्रांसपोर्टर्स, शिपिंग लाइन्स, कूरियर कंपनियां, प्लांट क्वारंटाइन, ईआईसी, ओरिजिन ऑफ सर्टिफिकेशन जारी करने वाली सभी एजेंसियां एवं एडी बैंक्स आदि को न्यूनतम कर्मचारियों के साथ कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए, क्योंकि उनमें से किसी एक के काम नहीं करने से पूरी चेन टूट जाती है। वैकल्पिक रूप से आधिकारिक ईमेल से भेजे गए दस्तावेजों की स्कैन की गई कॉपी को ऐसी गंभीर स्थिति में सभी देशों द्वारा स्वीकार किया जाना चाहिए। देशों को प्रमाणीकरण के अभाव में बाद में दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा जा सकता है।
फियो ने इन मंत्रालयों व एजेंसियों का किया ध्यान आकृष्ट
बैंकिंग/आरबीआई रू पूर्व और बाद में शिपमेंट क्रेडिट में न्यूनतम 180-270 दिनों तक विस्तार, ब्याज से छूट और देय तिथि पर बिलों के क्रिस्टलीकरण पर जुर्माना, आगे के कवर में नुकसान को ब्याज मुक्त ऋण में परिवर्तित करने के लिए 90-180 दिनों के बाद भुगतान करने की सुविधा और क्रेडिट सीमा में 10 फीसदी की स्वतरू बढ़ोतरी जैसी सुविधाएं बिना अतिरिक्त दस्तावेजों की दी जा सकती है। कई बैंक यह शुरू कर चुके हैं। प्रत्यावर्तन अवधि को नौ से 15 महीने तक बढ़ाया जा सकता है और ईडीपीएमएस के तहत सावधानी सूची से छूट 31 मार्च 2021 तक दी जा सकती है।
वित्त मत्रांलय रू निर्यातकों को मिलने वाले सभी प्रकार के निर्यात लाभ की तुरंत मंजूरी मिलनी चाहिए, जिनमें आईजीएसटी/जीएसटी, ड्यूटी ड्राबैक, आरओएसएल, आरओएससीटीएल आदि शामिल हैं। कम कर्मचारियों की वजह से जोखिमपूर्ण निर्यातकों (एक बॉन्ड के बदले) को वहां उपस्थित होने की छूट भी मिलनी चाहिए। 
श्रम मंत्रालय रू पीएफ/ईएसआई शुल्क मार्च से जून 2020 तक सभी उद्योगों के लिए माफ किए जाने चाहिए, क्योंकि उद्योग लॉकडाउन की अवधि के दौरान नकदी प्रभावित होने से उद्यमी को व्यवसाय की लागत को सहना पड़ेगा। 
ईसीजीसी रू बैंकों की तरफ से अगले तीन महीनों के लिए प्री-शिपमेंट क्रेडिट पर ईसीजीसी प्रीमियम की छूट को बढ़ाया जाना चाहिए, अगर वारंट किया गया हो।
बिजली रू बिजली कनेक्शन पर लगाए गए निर्धारित शुल्क को माफ किया जाना चाहिए। केवल बिजली की वास्तविक खपत पर उद्योग से शुल्क लिया जाए।


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