नहीं मिला गेहूं तो बढ़ गया आटे का संकट, सख्ती के बावजूद मुनाफाखोरों ने ब्लैक में बेचा आटा


सतना से गेहूं आने पर रोक तो पूर्वांचल की फसल होगी 15 दिन में तैयार


पश्चिमी यूपी में गेहूं मिल रहा पर ट्रांसपोटेशन की दिक्कत से नहीं आ रहा


अधिकांश फ्लोर मिलों में गेहूं नहीं, जो चल रहे वह भी बंद होने के कगार पर

जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। फ्लोर मिलों को समय से गेहूं नहीं मिला तो जिले में आटे का संकट बढ़ गया। जिला प्रशासन के नकेल कसने के बावजूद मुनाफाखोरों ने इसका फायदा उठाते हुए ब्लैक में आटा बेचा। कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की अवधि में घरों में कैद लोगों ने मजबूरी में अधिक दाम देकर आटा खरीदा। हालांकि जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की पहल पर शनिवार को फ्लोर मिलों को एक हजार मीट्रिक टन गेहूं मिला। उम्मीद की जाती है कि रविवार से जिले में आटे का संकट थोड़ा कम हो जाएगा।
कोरोना वायरस के संक्रमण से आम नागरिकों के बचाव के लिए काशी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने समूचे देश में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित कर दिया। ऐसे में थोक व खुदरा बाजार में अन्य खाद्य सामग्रियों के साथ ही आटे का संकट उत्पन्न हो गया। मालवाहनों का आवागमन प्रतिबंधित होने के कारण यह संकट और गहरा गया। पूर्वांचल में अभी गेहूं की पैदावार होने में एक पखवारे से अधिक का समय है। ऐसे में सतना-मध्य प्रदेश से गेहूं की आवक ठप सी पड़ गयी। पूर्वांचल फ्लोर मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय कपूर ने बताया कि 23 मार्च को सतना-मध्य प्रदेश से चला गेहूं लदा वाहन 26 मार्च को उनके फ्लोर मिल तक पहुंचा। यह सब वाहनों के आवागमन प्रतिबंधित किये जाने से हुआ। शनिवार को सतना से पुनरू गेहूं आना था, लेकिन वहां की सरकार ने गेहूं को मध्य प्रदेश से बाहर जाने पर रोक लगा दी। इससे संकट बढ़ गया था। हालांकि जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के संज्ञान में पिछले दिनों ही गेहूं संकट की बात ला दी गयी थी। लिहाजा, उनकी पहल पर शनिवार को बनारस के फ्लोर मिलों को एक हजार मीट्रिक टन गेहूं मिल गया। 
उन्होंने बताया कि बनारस में करीब 25 फ्लोर मिलें हैं। इसमें से अधिकांश बंद चल रही थी। जो चल रही है, वह भी गेहूं की उपलब्धता न हो पाने के कारण बंद होने के कगार पर पहुंच गयी थी। लेकिन अब दो-तीन दिनों के लिए राहत हो गयी है। उनका कहना है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश का गेहूं भी नहीं आ पा रहा है। ऐसे में संकट बढ़ गया था। दूसरी तरफ, व्यापारी नेता बदरुद्दीन अहमद ने बताया कि सरैया और आसपास के इलाके में पिछले दो दिनों से आटे का भयंकर संकट उत्पन्न हो गया है। इलाके के लोग काफी परेशान है। मंडुवाडीह व्यापार मंडल के अध्यक्ष विनय गुप्ता का कहना है कि उनके क्षेत्र में भी आटे की किल्लत से लोग जूझ रहे हैं। कई फ्लोर मिल संचालकों से बात हुई तो उनका कहना है कि मौजूदा समय में डिमांड बढ़ने के कारण गेहूं भी बहुत महंगा मिल रहा है। जबकि सरकार ने आटा का दाम तय कर दिया है। आटा से महंगा गेहूं मिलने से फ्लोर मिल चलाने में दुश्वारियां ही दुश्वारियां है।


 


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