मुंबई से आया 10 लोगों का गु्रप, सभी कोरोना संदिग्ध, प्रशासन ने खड़े किये हाथ तो भाजपा जिलाध्यक्ष की पहल पर.....



जनसंदेश न्यूज़
मछलीशहर/जौनपुर। स्थानीय विकास खंड के अहियापुर गांव में बीते सोमवार को मुंबई से घर आये दस लोगों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने क्वारनटीन कर दिया। यह सभी मुंबई से आने के बाद बिना जांच कराये ही घरों में प्रवेश कर गये थे। जिसके बाद भाजपा के जिलाध्यक्ष की पहल पर गांव मे पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी को क्वारनटीन कर दियागया।
गांव के कोटेदार सियाराम यादव ने सुबह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ आर पी विश्वकर्मा को फोन करके बताया कि उनके पड़ोस में सोमवार को दस लोग मुंबई से आये है। सभी खॉसी-जुकाम से पीड़ित है। इनमें से एक डॉ राजेश कुमार यादव मुबई के अंधेरी मे प्राइवेट प्रैक्टिस करते है। उनके साथ दिनेश कुमार यादव (32), रंजू देवी (38), अनुराग (15), अतुल यादव (20), अर्जुन (12) भी वापस आये है। ये सभी लोग निजी वाहन से गांव पहुंचे है। 
इसी तरह एक दूसरा परिवार भी सोमवार को ही ट्रेन से आया है। जिसमें रामबहाल सिंह (52), सुजीत सिंह (24), राकेश सिंह (25), देवेन्द्र सिंह (26), अरुण कुमार (22) भी साथ ही आये है। सियाराम ने बताया कि अधीक्षक ने सभी को जॉच के लिए स्वयं अस्पताल आने को कहा। जिसपर पीड़ितों ने कहा कि इस तरह खुले मंे अस्पताल तक पहुंचने से तो कई किलोमीटर तक का पूरा रास्ता संक्रमित हो सकता है। 
इस पर अधीक्षक ने हाथ खड़ा कर लिया और किसी मदद से इनकार कर दिया। इसके बाद संबंधित लोगों ने अखबार मे दिये नोडल अधिकारी के नम्बर पर फोन किया तो वह बन्द था। 05452 260501 पर बात हुई, लेकिन उन्होंने आधे घंटे बाद स्वयं फोन करने का आश्वासन जरूर दिया, लेकिन बाद मे फिर फोन नही आया। 
इसके बाद पीड़ितो को किसी ने भाजपा जिलाध्यझ रामविलास पाल का नम्बर दिया। उन लोगों ने जिलाध्यझ से सारी परिस्थिति बताते हुये मदद का अनुरोध किया। जिलाध्यक्ष ने तत्काल उच्च अधिकारियों को अवगत कराते हुये सीएचसी के अधीक्षक डॉ आर पी विश्वकर्मा और कोतवाल पंकज पांडेय को मौके पर जाने को कहा। 
खंड विकास अधिकारी राजन राय के साथ पहुँची डॉक्टर ने सभी को क्वारंटाइन रहने को कहा जो कि लोग पहले से ही थे। खाना भी उन लोगों को लोहे के बंद चैनल गेट से दिया जा रहा है। डॉ विश्वकर्मा ने बताया कि डॉ राजेश यादव जो कि स्वयं एमबीबीएस डॉक्टर है। मुंबई मे उनकी क्लीनिक पर एक कोरोना पाजिटिव पेंशेट आया था। जो इलाज के दौरान मर गया। जिससे घबराकर डाक्टर परिवार सहित निजी वाहन से परसो भागकर घर आ गये। ब्लड सैंपल न लेने के बाबत कहा कि अभी लक्षण स्पष्ट नही हो सकेगा। सैंपल बाद में लिया जायेगा।
आपको बता दें कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या महाराष्ट्र में ही सबसे अधिक देखी जा रही है। वहां पर अभी तक प्राप्त ताजा आंकड़ों के मुताबिक 112 केस सामने आ चुके है। 


 


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