लॉक डाउन से घबराएं नहीं, यह होता है मतलब, पढ़िएं लॉक डाउन के बारे में जरूरी बातें.......
जनसंदेश न्यूज़
नई दिल्ली। देश में रविवार को कोरोना को लेकर जनता कर्फ्यू का सकारात्मक रूप देखने को मिला। लोगों ने बड़ी संख्या में इसमें अपनी सहभागिता दिखाई। वहीं दूसरी तरफ कोरोना का प्रकोप भी तेजी से बढ़ रहा है। रविवार को कोरोना संक्रमण से पीड़ित मरीजों की संख्या 370 हो गई। वहीं तीन लोगों की मौत भी हो गई। इस प्रकार कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 8 हो गई। जिसको देखते हुए रविवार को कई राज्यों की सरकारों ने अहम फैसला करते हुए लॉक डाउन का निर्णय लिया। जिसमें राजस्थान, उत्तराखंड, पंजाब सहित देश के 75 जिलों में 31 मार्च तक लॉक डाउन कर दिया गया। वहीं यूपी के 15 जिलों को 25 मार्च तक लॉक डाउन कर दिया।
लॉक डाउन को लेकर लोगों के मन में कई तरह से सवाल पनप रहे है। आमतौर में भारत में आपात स्थिति से निपटने के लिए धारा 144 और कर्फ्यू जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। और लोगों को घरों में कैद करने के लिए इसका सहारा लिया जा रहा है। वहीं लॉक डाउन अभी देश के लिए नया शब्द है, इसलिए इसको लेकर लोगों के मन में तरह-तरह पर सवाल उठ रहा है।
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क्या है लॉकडाउन
लॉकडाउन शब्द का सीधा सा मतलब है कि जरूरी सेवाओं को छोड़कर सब कुछ बंद रहेगा। इस दौरान सिर्फ जरूरी या आपात स्थिति होने पर ही आपको घर से निकलने की अनुमति रहेगी। आमतौर पश्चिमी देश अपने यहां आपात स्थिति से निपटने के लिए लॉक डाउन करते है। अमेरिका में 9/11 हमले के बाद तीन दिन तक लॉक डाउन किया गया।
कौन-कौन दुकानें खुलेगी
लॉक डाउन के दौरान दूध, सब्जी और दवा की दुकानें खुली रहेगी। इसके साथ ही अस्पताल और क्लीनिक भी खुलेंगे। राशन की दुकाने भी खुलेगी। वहीं सरकार ने पेट्रोल पंपों और एटीएम को आवश्यक श्रेणी में रखा है। इसलिए जरूरत के हिसाब से इन्हें खोला जा सकता है।
बहुत जरूरी होने पर ही घर से निकले बाहर
लॉक डाउन के दौरान अगर बहुत जरूरी हो तब ही घर से बाहर निकले। बहुत जरूरी हो तो निजी वाहनों का प्रयोग करें। इस दौरान अगर आप बिना वजह घूमते नजर आये तो सरकार कार्रवाई कर सकती है। आपात व्यवस्था में एंबुलेंस को भी बुला सकते हैं। लॉक डाउन के दौरान सरकारी और निजी कंपनियां बंद रहेगी। केवल बहुत जरूरी विभाग के कार्यालय खुलेंगे।