करछना में महिला प्रधान अधिकार से वंचित! शपथ ग्रहण के बाद से ही विकास कार्यों व बैठकों से कोसों दूर महिला प्रधान
जनसंदेश न्यूज़
करछना/प्रयागराज। विकास खण्ड करछना में पूर्व में हुए पंचायत चुनाव में 33 प्रतिशत आरक्षण के तहत विकास खण्ड करछना के 80 ग्राम पंचायतों में से 36 ग्राम पंचायतों में महिला प्रधान निर्वाचित हुई थी। उस दौरान निर्वाचित होने के बाद शपथ ग्रहण के बाद से करछना ब्लाक में महिला सशक्तिकरण का माखौल उड़ाया जा रहा है। निर्वाचित हुई महिला प्रधानों नें कभी भी विकास खण्ड में आयोजित विकास से संबन्धित बैठकों में भाग नही लिया। उनके स्थान पर प्रतिनिधि के रुप में पति, बेटा या ससुर अथवा अन्य पड़ोसी ही प्रतिनिधित्व करते रहे हैं।
इसके बावजूद कभी भी सक्षम अधिकारी महिला प्रधान की अनुपस्थिति पर कभी कोई दिशा निर्देश नही दिये गये। यही तक नही अब तक कराये गये विकास कार्याे के लेन-देन बैंकों में बैंको में उनके प्रतिनिधि ही हस्ताक्षर बनाकर पैसा निकालते रहे और इस पर बैंक के कर्मचारी व अधिकारियों पर सवालिया प्रश्नचिन्ह लगना लाजमी है। अगर इसकी जांच कराई जाय तो फर्जी हस्ताक्षर पर निकाली गई लाखों की रकम का लेनदेन भी नियम विरुद्ध है। जिससे भ्रष्टाचार को बल मिल रहा है।
हेराफेरी में माहिर बैंको में भी फ्राड किया है। कुछ महिला प्रधानों के हस्ताक्षर परिजनों या रिश्तेदारों के हस्ताक्षर पर खाते खुले हैं। जिस प्रतिनिधियों के द्वारा ही संचालित हो रहा है और यह सब बैंक के मिली भगत से चल रहा है। जो अपने आप में भी यह बचाता है कि कहने को सरकार महिला सशक्तिकरण का का दंभ भर रही है, लेकिन करछना विकास खण्ड में महिला ग्राम प्रधान अपने अधिकारों से उपेक्षित हैं। जिससे गांव के विकास के साथ ही गांवों में महिलाओं को योजनाओं का समुचित लाभ नही मिल पा रहा है।