कई डीएम आए और गये नहीं संवार सके आयर की सूरत, पंचायत भवन को बना दिया चिकन शॉप, दरवाजे पर बह रहा नाला
- आंगनवाड़ी में गंदगी का ढेर, छोटे बच्चों के साथ हो रहा खिलवाड
- सीडीओ के हुए निर्देश हवा-हवाई, मुसहरों को नहीं मिला शौैचालय
- मौत को दावत देते बिजली के तार, ग्राम ज्योति योजना में बेइमानी
- सब्जी मंडी नहीं हुयी चालू, बांध रहे हैं पशु, गोबर से पट चुकी मंडी
- उद्घाटन के बाद से अबतक गोवंश आश्रय स्थल में नहीं कोई पशु
जनसंदेश न्यूज
चांदमारी। हरहुआ ब्लाक के आयर ग्राम पंचायत में विकास कार्य कम और गोलमाल करने तथा पक्षपात के आरोप अधिक मिलते हैं। अधिकांश लोग ग्राम प्रधान की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हैं। डीएम ने इस गांव को पोषण मिशन के तहत गोद लिया ताकि यहां की सूरत संवारी जा सके। इससे ग्रामीण उत्साहित हुए कि चलो अब आयर की तस्वीर बदल जाएगी। उसके बाद एक के बाद एक जिलाधिकारी बदलते रहे लेकिन इस गांव की तस्वीर बदलने के बजाय बिगड़ती ही चली गयी।
लगभग 87 सौ की आबादी और 4350 वोटर वाले तमाम शिक्षण संस्था, थोक मार्केट, अस्पताल, मोबाइल टावर और बैंक आदि से संपन्न इस गांव का हाल देखना है तो शुरु करें आयर के मासूम बच्चों से। यहां के बाजार स्थित किसानों के लिए स्थापित और वर्तमान में बंद खंडहर बन चुके निगम के एक कमरे का रंग-रोगन व प्लास्टर कर में आंगनबाड़ी केंद्र खोला गया। लेकिन तत्कालीन डीएम विजय किरण आनंद ने आंगनबाड़ी केंद्र को निकट के मंडलीय युवा केंद्र परिसर में चलाने का निर्देश दिया। उसके बाद खंडहर से बच्चे आ गये स्वर्ग जैसे इस युवा केंद्र में।
इस पहल पर बच्चे बेहद खुश किये। लेकिन उनकी खुशी दो साल में ही छीन ली गयी। उस युवा केंद्र में अब केंद्रीय विद्यालय चल रहा है। फलस्वरूप आंगनबाड़ी के बच्चे न घर से रहे न घाट के। युवा केंद्र को ठप हुआ ही, आंगनबाड़ी केंद्र भी नहीं रहा। वहां अब पशुओं के गोबर का ढेर लगा है। बच्चों की सेहत की सुरक्षा ताक पर रखते हुए उन्हें उसी गंदगी में रहने के लिए बाध्य कर दिया गया है। आयर में संचालित कुल छह आंगनबाड़ी केंद्रों में से किसी के पास विभागीय भवन नहीं है।
गांव के विकास की बात करें तो गांवों के लिए पंचायतें प्रमुख कड़ी होती हैं। आयर में उपलब्ध पंचायत भवन पर ताला बंद रहता है। ग्रामीणों का आरोप है कि इस पंचवर्षीय योजना में किसी भी दिन ग्राम प्रधान या सचिव यहां बैठे ही नहीं। न्याय और विकास की खाका खींचने वाला यह भवन अब चिकन शॉप बन गया है और यहां मुर्गे बेचे जा रहे हैं। पंचायत भवन के सामने नाले का पानी बह रहा है। दूसरी ओर, स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) में मुसहर बस्ती में गुजरात मॉडल के 50 टॉयलेट दिये गये हैं। इन इज्जत घरों को लाभार्थियों ने स्टोर रूम बना दिया है।
गुजरात मॉडल के इन टॉयलेट्स की दुर्गती पर जब ‘जनसंदेश टाइम्स’ ने की खबर प्रकाशित की तो तत्कालीन सीडीओ सुनील कुमार वर्मा ने जांच करायी। मौके पर मुसहरों ने गुजरात माडल उन शौचालयों अपनाने से इनकार करते हुए कह दिया कि इस प्रकार के शौचालय में बहुत समस्या है। बाध्य होकर श्री वर्मा ने मुसहरों को ईंटों से निर्मित पक्का टॉयलेट देने का निर्देश दिया। लेकिनश्री वर्मा का तबादला होने के बाद कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मुसहरों की बस्ती में आजतक झांकने तक नहीं आया। इस बस्ती के लोग अब भी पक्के शौचालय की आस लगाए बैठे हैं और खुले में शौच के लिए जा रहे हैं।
किसी भी क्षेत्र के विकास में बिजली व्यवस्था मुख्य बिंदुओं में शामिल रहता है। आयर में उपकेंद्र तो है लेकिन विद्युत के तार और पोल मौत को ही दावत दे रहे हैं। आयर बाजार की खाली जमीनों पर मनमाने ढंग से पोल स्थापित कर तार लगा दिये गये। जबकि इस मार्केट में स्थित तमाम दुकानों में सैकड़ों लोग खरीदारी के लिए आते हैं। आबादी बडढ़ने के बाद यह बिजली के तार यमलोक जाने की घंटी की तरह दिखते हैं। किसी की छत के ऊपर तो किसी की दुकान के निकट से यह तार लटक रहे हैं।
आयर खास बस्ती में सीवर लाइन अधूरा बिछाकर छोड़ दिया गया है। इस कारण सीवर का गंदा पानी सड़क पर बह रहा है। परमहंस कुटिया पर जाने वाले श्रद्धालुओं को भी इसी नरक से होकर गुजरना पड़ता है। दूसरी ओर, ग्रामीण नागेंद्र यादव कहते हैं कि एकल समूह पेयजल योजना की देखभाल ग्राम पंचायत करती है। लेकिन उसकी पाइप लाइनों में दुरुस्त नहीं कराया जा रहा है। गांव के सुक्खु वनवासी को इज्ज्त घर चाहिए।
योजना की अनदेखी
- पं. दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत जर्जर तारों और पोलों को सुव्यवस्थित करने की योजना है। उसके बावजूद आयर में इस स्कीम के तहत बिजली के तारों को सुव्यवस्थित करने की जरूरत नहीं समझी गयी। ग्रामीणों को आरोप है कि विद्युत पोल और तारों के अतिक्रमण पर महकमे के अफसर और कर्मचारी चुप्पी साधे हुए हैं।
मंडी लाखों की, बांध रहे पशु
- लगभग 15 साल पहले आयर गांव में लाखों रुपये खर्च कर सब्जी मंडी बनायी गयी। मकसद था कि किसान अपनी सब्जी लाकर इस मंडी से बेचें। यह मंडी कभी चालू ही नहीं हुई। यहां अब सिर्फ पशु बांधे जा रहे हैं। मौके पर गोबर का अंबार है।
नहीं जल रहे सोलर लाइट्स
- आयर निवासिनी रन्नो देवी ने बताया कि गांव की नई बस्ती में बीते साल बगैर मुंडे का हैंडपंप लगा दिया गया। उस हैंडपंप को बच्चों ने खेल का साधन बना लिया है। ग्रामीण गुज्जन यादव और आयर व्यापार मंडल अध्यक्ष अनिल गुप्ता ‘गुड्डू’ ने बताया कि स्थानीय बाजार में केंद्रीय विद्यालय के निकट लगा सोलर लाइट नहीं जलता। जहां उजाला था अब वहां अंधेरा पसरा है। गांव के सोलर स्ट्रीट लाइट्स बेकार हो चुके हैं। ग्राम प्रधान ने इस बारे में कोई पहल नहीं की। ग्रामीण दयाराम राजभर ने आरोप लगाया कि दो साल पहले कृषि कार्य के लिए तीन एचपी का कनेक्शन कराए केलिन लगातार कर्मशियल बिल आ रहा है।
नहीं मिला आवास
- आयर निवासी रामअवध राजभर, श्रीनाथ, गुलाब उर्फ बोडर, राजेंद्र राजभर, मीरा देवी, मौनी राम, महेंद्र राजभर, पारस, सुक्खू, राजन, देवराज, राजेश राम, भारती, लालता, चुलबुल बनवासी, बुझारत, शारदा, कतवारू, हीरा राजभर, नंदू प्रजापति, सुनील राजभर, झगड़ू और वीरेंद्र विश्वकर्मा आदि के परिवार आवास की बाट जोह रहे हैं। प्रेम वनवासी का आवास अधूरा बनाकर छोड़ दिया गया।
पशुविहीन अश्राय स्थल
- छुट्टा पशुओं के लिए आयर में गोवंश आश्रय स्थल का उद्घाटन बीडीओ धर्मेंद्र प्रसाद द्विवेदी ने किया था। लेकिन आजतक उसमें एक भी पशु नहीं रखा गया जबकि तमाम गांवों के किसान आवारा पशुओं को लेकर परेशान हैं। गांव के लोग चुटकी लेते हैं कि फीता काटना अफसरों का शौक है, आश्रय स्थल पर पशुओं को रखने में उनकी कोई रुचि नहीं।
कभी भी ढह जाएगा कच्चा घर : श्रीनाथ
- ग्रामीण श्रीनाथ के मुताबिक जर्जर कच्चा मकान कब गिर जायेगा पता नहीं। इस डर से रात में ठीक से नींद भी नहीं आती। बारिश के पानी बचने के लिए छत पर त्रिपाल डाला है लेकिन वह अपर्याप्त है। मजबूरी में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।
बेपरवाह हैं ग्राम प्रधान : जगमोहन
- आयर के पूर्व ग्राम प्रधान जगमोहन ने वर्तमान ग्राम प्रधान गायत्री मिश्रा पर आरोप लगाया कि उन्होंने पंचायत भवन में कभी न तो बैठीं और न ही कभी वहां मीटिंग बुलायी गयी। इस भवन की मरम्मत पर मैंने अपने कार्यकाल में काफी पैसे खर्च किये। पर्दे, मैट, वीआईपी कुर्सी आदि से सुसज्जित कराया था। ग्रामीणों को भी उनके परिवार के विभिन्न आयोजनों पर वह र्प्नीचर भी उपलब्ध कराते थे। वर्तमान में ग्रामीणों को जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र आदि के लिए समस्या हो रही है।
विकास कार्यों में गोलमाल : सूर्य प्रकाश मौर्य
- चुनावी तैयारी में जुटे सूर्यप्रकाश उर्फ भीम मौर्य ने आराप लगाया कि ग्राम प्रधान ने कई विकास कार्यों में गोलमाल किया है। होरी धोबी के घर से चौरा माता मंदिर से होते हुए कतवारू राजभर के घर तक इंटरलाकिंग का इसका उदाहरण है। मनोज मौर्य के घर से चौरा माता मंदिर तक नाले का निर्माण अधूरा छोड़ दिया गया। खड़जा निर्माण में खराब क्वालिटी के इटों का प्रयोग हुआ।
कोटोदार कर रहा धांधली : सौरभ मिश्रा
- सौरभ मिश्रा ने आरोप लगाया कि कोटेदार धीरेंद्र खुलेआम घटतौली कर रहा है। इस बारे में टोके जाने पर झूठे मामलों में फंसाने की धमकी देता है। अंगूठा लगाने के बाद कहता है कि कल राशन ले जाना। उसके बाद क८ोटोदार का कल कभी नहीं आता।
प्रधानपति ने कराया अवैध कब्जा : बेचू गौड़
- आयर बीडीसी सेक्टर-3 के बीडीसी बेचू गौड ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान अपने वोटरों को ही योजनाओं का लाभ देते हैं। उनके प्रतिनिधि और प्रधानपति विपिन मिश्रा विकास कार्यों में मनमानी करते हैं। पात्रों की उपेक्षा कर अपने समर्थकों को लाभ पहुंचाते हैं। विपिन ने पूर्व कन्या पाठशाला की जमीन पर अवैध कब्जा कराया है।
काम नही मिलता मनरेगा भी बंद= मनभावती
- मुसहर बस्ती में मनभावती ने काम न देने की बात कहती है। कहती है कि मनरेगा बंद होने से घर का खर्च चलाना मुस्किल हो गया है। और कोई काम भी नही मिल रहा है।
यह सबसे घटिया कार्यकाल : श्यामबिहारी यादव
- पिछले चुनाव में महज 28 मतों पराजित श्याम बिहारी यादव ने कहा कि प्रधानी का वर्तमान कार्यकाल अबतक का सबसे घटिया कार्यकाल साबित हुआ है। ग्राम प्रधान को विकास कार्यों में कोई रुचि नहीं। विकास कार्यों में घटिया क्वालिटी की सामग्री का उपयोग हो रहा है।
गलत बाउंड्री बनायी : अभय सिंह
- ग्रामीण अभय सिंह के मुताबिक डीएम के निर्देश पर पूर्व कन्या पाठशाला के जर्जर भवन को ध्वस्त कर शिक्षा विभाग को सौंप दिया गया। वर्तमान ग्राम प्रधान ने एकल समूह पेयजल योजना स्थापित होने के बाद जमीन छोड़कर बाउंड्री का निर्माण कराया। इसमें उन्होंने अपने चहेते रमजान उर्फ पप्पू को लाभ पहुंचाया।
विरोधियों का आरोप निराधार : गायत्री मिश्रा
- आयर की वर्तमान ग्राम प्रधान गायत्री मिश्रा कहती हैं कि अपने कार्यकाल में मैंने लगभग 52 लाख रुपये का कार्य कराया है। विपक्षी बेवजह निराधार आरोप लगा रहे हैं। किसान सम्मान नीधि हो या पेंशन, कार्यालयों में जा कर पात्रों का ब्योरा संशेधित कराया है। ध्वस्त पंचायत भवन के स्थान पर नये भवन का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। गोवंश आश्रय स्थल रे लिए पर्याप्त धनराशि न मिलने से बाउंड्री का काम शेष है। आवास के लिए पात्रों की लिस्ट तैयार कर 219 की सूची भेजी गयी है। 42 इज्जत घर वेटिंग में हैं। आंगनबाडी केंद्रों के लिए निर्देश मिलने पर कार्य योजना बनायी जाएगी।