हेल्थ सेंटर में दवा नहीं, अधूरी है सड़क, बड़ागांव विकास खंड के खरावन ग्राम पंचायत में विकास कार्य अवरुद्ध

- ग्रामीण लगा रहे हैं अपात्रों को योजनाओं का लाभ दिये जाने का आरोप


- तीन साल पहले नये तालाब को शुरु खोदाई आजतक नहीं हो सकी पूरी



जनसंदेश न्यूज


बाबतपुर। जहां पंचवर्षीय योजना धीरे धीरे समाप्त होने के कगार पर है। सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों को तमाम योजनाओं के लिए धन स्वीकृत किया जाता है लेकिन वहां के ग्रामीणों को कोई न कोई शिकायत रहती ही है। बड़ागांव विकास खंड के खरावन ग्राम सभा में भी तमाम ग्रामीण ग्राम प्रदान के कार्यों से संतुष्ट नहीं हैं।



यहां के ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान गीता देवी ने शासन की योजना-परियोजनाओं में स्वीकृत धनराशि का दुरुपयोग भी किया जाता है। फलस्वरूप कई पात्रों को स्कीम का लाभ नहीं मिल रहा है। दूसरी ओर, अपात्र और ग्राम प्रधान के करीबी लोगों के पास सरकारी सुविधाओं का भंडार है। खरावन के ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान विकास कार्य तो कराते हैं लेकिन कुछ पात्रों की उपेक्षा भी की जाती है। कहीं नाली की कमी है तो कहीं रास्ते की किल्लत। ग्राम सभा में तालाब तो कई हैं लेकिन सुंदरीकरण के नाम पर वहां कुछ नजर नहीं आता। तीन साल पहले खोदा गया तालाब आज तक अपने जीर्णोद्धार की राह देख रहा है।



खरावन के ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम प्रधान ने तीन साल पहले गांव के एक तालाब का निर्माण आरंभ कराया लेकिन आज तक यह अधूरा ही पड़ा है। दूसरी ओर, ग्राम प्रधान गीता देवी का तर्क है कि उस तालाब की जमीन पथरीली और काफी कंकड़ है। इस कारण खोदाई में मुश्किल हो रही है। लगभग छह हजार की आबादी वाले खरावन ग्राम सभा में करीब तीन हजार 200 वोटर हैं। महिला प्रधान होने के कारण ग्राम सभा अधिकांश विकास कार्य प्रधानपति संभालते हैं। दूसरी ओर, यहां के एक मात्र स्वास्थ्य उपकेंद्र पर मरीजों की संख्या बहुत कम है और खुद एएनएम पारो देवी ही स्वीकार करती हैं कि यहां दवाओं का टोटा है। वैक्सीन भी दूसरे सेंटर से मंगवाना पड़ता है। ग्रामीणों के मुताबिक व्यवहार कुशल महिला प्रधान कभी-कभी ग्रामीणों की समस्याओं की जानकारी लेने 8-10 दिन में गांव का भ्रमण करती रहती हैं।



जर्जर इंदिरा आवास : उर्मिला


- खरावन ग्राम सभा की दलित बस्ती निवासिनी उर्मिला को पबर्व में इंदिरा आवास मिल चुका है। रख-रखाव के अभाव में उसका यह घर जर्जर हाल में है। इस खस्ताहाल आवास में रहना उसके लिए काफी मुश्किल हो रहा है। उर्मिला ने कहा कि धनाभाव के कारण वह अपने इस आवास की मरम्मत कराने में असमर्थ है।



आवास न शौचालय : इंद्रावती


- विधवा इंद्रावती देवी के तीन बेटे अलग रहते हैं। परिणाम स्वरूप वह किसी तरह से अपना जीवन-यापन कर रही है। पात्र होने के बावजूद इंद्रावती को आवास नहीं मिला है। वह झोपड़ी बनाकर रहती है। उसने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन में उसे शौचालय की जरूरत भी है।



आवास की किश्त का इंतजार : विनोद


- ग्राम सभा खरावन की दलित बस्ती में रहने वाले विनोद ने बताया कि मुख्यमंत्री आवास योजना में घर तो मिला है लेकिन अबतक पूरी धनराशि प्राप्त न होने के चलते फर्श पक्का करने और दरवाजा लगाने का काम अधूरा है। इसके अलावा दीवार की साफ-सफाई भी नहीं हो सकी है। आवास योजना में अवशेष किश्त मिलने के बाद ही यह सभी कार्य कराना संभव होगा।



मिल रहा सिर्फ आश्वासन : संगीता चौहान


- बारिश के दौरान खरावन निवासिनी संगीता चौहान का कच्चा घर गिर गया। आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण वह अबतक अपना घर दोबारा बनाने में असमर्थ है। संगीता ने बताया कि आवास के लिए लाभार्थियों की सूची में मेरा नाम भेजे जाने की सूचना दी गयी थी। उसके बाद सेक्रेटरी आदि मौका-मुआयना करने आये थे। लेकिन आवास के लिए सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है। ग्राम प्रधान ने आवास स्वीकृत होने पर ही योजना का लाभ उपलब्ध कराने की बात कही है।



नहीं होती बैठकें : मो. अली


- ग्राम पंचायत सदस्य मोहम्मत अली ने आरोप लगाया कि पहले बने प्रस्ताव में जहां खड़ंजा लगना था, वहां आज तक संबंधित कार्य कराया ही नहीं गया। जहां जरूरत नहीं होती वहां कार्य करा दिया जाता है। ग्राम पंचायत कमेटी की बैठकें कभी होती ही नहीं। जबकि मैं खुद उस कमेटी का सदस्य ह७ूं। बैठकों के बारे में ग्राम प्रधान की ओर से कोई सूचना नहीं दी जाती।



ग्राम सभा की जमीनों पर अवैध कब्जे : नीलकमल जायसवाल


- ग्रामीण नीलकमल जायसवाल का कहना है कि ग्राम सभा खरावन में कई तरह की समस्याएं हैं। नाली, खड़ंजा, चकरोड, आवास समेत ग्राम सभा की जमीनों पर अवैध कब्जे हैं। ग्राम प्रधान के स्तर से इन समस्या का समाधान नहीं किया जाता। श्री जायसवाल ने बताया कि साधोगंज बाजार स्थित तालाब के भीटे पर सार्वजनिक मूत्रालय बनाया गया है लेकिन न तो टंकी है और न ही पानी। उस यूरिनल की साफ-सफाई की जाती है। फलस्वरूप मूत्रालय गंदगी भरा रहता है।



आवागमन की समस्या : सौरभ यादव


- खरावन ग्राम सभा के सौरभ यादव ने बताया कि गांव में सड़क की दिक्कत है। कई मार्ग अधूरे बनाकर छोड़ दिये जाने से बारिश के दिनों में लोगों को आवागमन में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कुछ दिन पहले ग्राम प्रधान की ओर से एक अधूरे मार्ग पर मिट्टी का कार्य कराया गया था। उसी रोड पर चारागाह और उपकेंद्र भी है। इस वजह से भी ग्रामीणों को आनेृजाने में समस्या का सामना करना पड़ता है।



दूसरे सेंटर से मंगाते हैं वैक्सीन: पारो देवी


- खरावन ग्राम सभा के स्वास्थ्य उपकेंद्र पर बीते चार साल से तैनात एएनएम पारो देवी ने मुताबिक इस हेल्थ सेंटर पर र७ोगियों की आमद बहुत कम है। इस केंद्र पर सिर्फ एक बेड है और दवाएं भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं रहतीं। टीकाकरण की दवा दवा बसनी या बिराव स्वास्थ्य केंद्र से मंगवाना पड़ता है। वह वैक्सीन प्राप्त होने के बाद ही गांव-गांव जाकर टीकाकरण करना संभव हो पाता है।



अधूरे कार्य पूर्ण कराने का करुंगी प्रयास : गीता देवी


- ग्राम सभा खरावन की ग्राम प्रधान गीता देवी कहती हैं कि इस क्षेत्र के लिए सरकार से स्वीकृत कार्यों में से अधिकांश कार्य पूर्ण कराया जा चुका है। मुसहर बस्ती में 19 आवासों का निर्माण कार्य जारी है। दो साल पहले 40 आवास बनवाए गये थे। दलित बस्ती में मुख्यमंत्री आवास भी बनवाया गया। स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) के जरिये 531 शौचालयों का निर्माण कार्य कराया। एलओबी के अंतर्गत 144 इज्जत घर बनावाये गये। पंचायत भवन और प्राइमरी पाठशाला में बाउंड्रीवॉल तथा प्रत्येक कमरे में टाइल्स के कार्य कराये गये हैं। इस ग्राम सभा का आकार काफी बड़ा है। इसलिए कुछ काम अधूरे रह जाते हैं। मैं अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले सभी अधूरे कार्यों को पूर्ण कराने का प्रयास करुंगी। सरकारी धनराशि के दुरुपयोग के आरोप गलत हैं।


 


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