बीएचयू के छात्र ने शहाबगंज क्षेत्र में की 2 हजार साल पुरानी वस्तुएं की पहचान, प्रोफेसर ने लगाई मुहर



जनसंदेश न्यूज़
शहाबगंज/चंदौली। बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने शहाबगंज क्षेत्र के विभिन्न जगहों पर पुरातत्व वस्तुओं की पहचान की। इसकी सूचना क्षेत्र के लोगों में लगते ही लोगों में उत्सुकता बढ़ गई। लोगों का कहना था कि इस क्षेत्र में पुरातत्व चीजों की पहचान कर उसकी खोज करने से क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी। वहीं प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के अस्सिटेंट प्रोफेसर सचिन तिवारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि अगर इस क्षेत्र की खुदाई होती है तो बहुत कुछ जखीरे औऱ पुरा वस्तुएं मिलने की अनुमान है। यह चन्दौली के अतीत को प्रस्तुत कर सकता है।
बीएचयू प्राचीन इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के परास्नातक छात्र अरुण कुमार गुप्ता ने अपने शोध विषय के अनुसार क्षेत्र के विभिन्न जगहों का सर्वेक्षण किया। जहां बहुत सारे पुरा वस्तुएं को देखने को मिली। शोध के दौरान रामपुर गांव के शेषनाथ यादव के आँगन के फर्श से 30×30 लंबाई और चौड़ाई के ईंट के अवशेष मिले। छात्र के अनुसा इस प्रकार के ईंटे शुंगकाल में बनते थे, जो लगभग 2 हजार साल पुरानी है।



वहीं रामपुर से सटे बयापुर गांव से एक अति प्राचीन नाले से हनुमान जी का मूर्ति प्राप्त हुआ है। जिसके संबंध में भूत पूर्व प्रधान रमाकांत यादव के अनुसार बताया गया कि यह मूर्ति लगभग 250 वर्ष पुरानी है। बयापुर से सटे हुए ही इठियापर नामक स्थल से एनबीपीडब्लू काल के मृद भांड मिलने की उम्मीद है। जिसकी विशेषता यह है कि यह मृदभांड सबसे चमकदार होता है। 
इसी प्रकार अति प्राचीन मंदिर महड़ौरी देवी से गुप्तकाल के मंदिर के प्रवेश द्वार की अवशेष मिला है, जो अलंकरण युक्त है। इसी मंदिर से एक गणेश प्रतिमा भी मिला है, जिससे यह प्रमाणित होता है कि उस काल में जनमानस गणेश की पूजा करते थे। 


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