बैंक से मायूस लौट रहे मजदूर, नहीं मिली योगी की सहायता राशि, सोशल डिस्टेंस और सावधानी भी नहीं!
जनसंदेश न्यूज़
चोलापुर। देश में कोविड-19 महामारी की समस्या बढ़ती जा रही है। तमाम सावधानियों के बावजूद मरीजों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही। प्रधानमंत्री द्वारा देश में 21 दिनों का लॉक डाउन किया गया है, वहीं लोगों को साफ-सफाई के साथ सोशल डिस्टेसिंग का ध्यान रखने की सलाह दी जा रही है। उसके बावजूद कहीं प्रशासनिक उदासीनता तो कहीं लोगों की लापरवाही इस खतरे को और बढ़ने का भय पैदा कर रही है।
ऐसा ही कुछ चोलापुर के काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक की शाखा में देखने को मिला। सीएम द्वारा मनरेगा मजदूर के खाते में 1000 हजार रूपये डाले जाने की सूचना ग्रामीणों को मिलीं। उसके अगले दिन ही बैंक के सामने सैकड़ों लोगों की भीड़ जुट गई। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गई। लापरवाही ऐसी कि सैकड़ों लोगों की भीड़ में ना किसी के पास मास्क है और ना ही किसी को कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने की चिंता। दूसरी तरफ स्थानीय पुलिस का कहीं अता-पता नहीं, जो पुलिसिया लापरवाही की पोल खोलती नजर आई।
बैंक की सर्किल के बेला, ताला, रैआना, बबियाव, तारी सहित आधा दर्जन ग्राम के मनरेगा मजदूर बैंक के बाहर भारी संख्या में जुट गये। हालांकि इनमें कई मजदूर ऐसे रहे, जिन्हें वहां से मायूस लौटना पड़ा, क्योंकि उनके खाते में पैसा नहीं आया था। सवाल है कि इतनी बड़ी महामारी और चेतावनी को दरकिनार करते हुए लोग एक-दूसरे से सटकर कर लापरवाही पूर्वक खड़े है। जो कि पुलिसिया व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है।
बैंक पर किसी भी पुलिसकर्मी या सिपाही भी मौजूदगी नहीं दिखीं। स्थानीय लोगों ने कोरोना संक्रमण की भयावहता को देखते हुए चोलापुर पुलिस से अवगत कराया। वहीं मांग किया कि बैंक पर पुलिस की ड्यूटी लगाई जाये जो जिससे कि वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का गंभीरता पूर्वक पालन हो सकें।