......तो बनारस में 87 फीसदी तक हो रही ‘बिजली चोरी’
जिले के 72 फीडर ऐसे, जिस पर 31 से 87 प्रतिशत तक एटीएण्डसी लॉस
दो माह में लाइन हानियों को दूर करने के लिए लगाये गये 72 अभियंता: एमडी
जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार कवायद के बावजूद बिजली चोरी थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसके लिए जितने जिम्मेदार बिजली चोरी करने वाले हैं तो वहीं उससे कम जिम्मेदार विभाग के लोग नहीं है। विभाग भी मानता है कि बिजली चोरी खूब रही है। इसमें लाइन हानियां भी शामिल है। विभाग की मानें तो जिले में 87 प्रतिशत तक बिजली चोरी हो रही है। इसके लिए विभाग ने जिले के 72 फीडर चिह्नित किये हैं।
विभागीय सूत्रों की मानें तो जिले के 72 फीडर ऐसे हैं, जिस पर 31 प्रतिशत से लेकर 87 प्रतिशत तक एटीएण्डसी लॉस (वाणिज्यिक एवं तकनीकी हानि) है। इसके चलते विभाग को अपेक्षित राजस्व नहीं मिल पा रहा है। कहने का आशय यह कि जिले के लिए जितनी बिजली खरीदी जा रही है, उस हिसाब से बिल जमा नहीं हो रहा है। जबकि विभाग की तरफ से बकायेदारों से लेकर बिजली चोरों के खिलाफ बराबर अभियान भी चलाया जाता है। बकायेदारों के कनेक्शन तक काटे जाते हैं और बिजली चोरों के खिलाफ संबंधित थाने में प्राथमिकी भी दर्ज करायी जाती है। बावजूद इसके बिजली चोरी रूक नहीं रही है।
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि. के प्रबंध निदेशक के. बालाजी ने बताया कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लखनऊ से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, जिले के 72 फीडर ऐसे चिह्नित किये गये हैं, जिन पर 31 प्रतिशत से लेकर 87 प्रतिशत तक एटीएण्डसी है। अधिक लाइन हानि वाले इन फीडरों की मानीटरिंग करने के लिए 72 अभियंताओं को जिम्मेदारी दी गयी है। एक-एक अभियंता को एक-एक फीडर आवंटित किया गया है। ये अभियंता अपने आवंटित फीडर की लाइन हानियों को कम करने के कार्यों के तत नियमित मानीटरिंग करेंगे। इन अभियंताओं को दो माह के भीतर लाइन हानियों को निर्धारित सीमा में आने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि निदेशक-कार्मिक अनिल कोहली, निदेशक-वाणिज्य ओपी दीक्षित के अलावा डिस्कॉम मुख्यालय के कई मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंताओं को इसके लिए लगाया गया है।