सोलर प्लांट से लैस हो रहे बनारस के प्रशासनिक भवन, खर्च होंगे करीब 47 लाख


कलेक्ट्रेट के विभिन्न भवनों और सदर तहसील में लगाए जा रहे है सोलर पैनल


प्रतिदिन 416 यूनिट बिजली के उत्पादन से हर साल 12 लाख रुपये की बचत


पूर्वांचल में दस किलोवाट और वाराणसी को पांच किलोवाट प्लांट की है मंजूरी

जनसंदेश न्यूज
वाराणसी। जिला प्रशासन से जुड़े भवनों में सौर ऊर्जा से विद्युत आपूर्ति के लिए सोलर प्लांट स्थापित किये जा रहे हैं। कलेक्ट्रेट स्थित एडीएम भवन, जिला रायफल क्लब, कोषागार, निबंधन कार्यालय समेत तहसील सदर में नेडा की ओर से यह कार्य आरंभ किया गया है। इन सभी भवनों पर ऑन ग्रिड सिस्टम के अंतर्गत विभाग कुल मिलालकर 104 किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल लगा रहा है। इस लगभग 46.70 लाख रुपये की लागत आएगी। 
कलेक्ट्रेट परिसर में जिलाधिकारी का प्राचीन संयुक्त कार्यालय ध्वस्त कर नयी बिल्डिंग बनाने की तैयारी है। इस कारण डीएम ज्वॉइंट ऑफिस की छत पर सोलर पैनल लगाने का कार्य संभव नहीं है। इसके चलते कलेक्ट्रेट परिसर के विभिन्न भवनों पर सोलर पैनल्स लगाकर सौर ऊर्जा चालित बिजली की उपलब्ध कराने की कवायद है। कोषागार भवन की छत पर कुल 47.52 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल लग रहे हैं।
इनमें से ट्रेजरी 19 किलोवाट की सौर ऊर्जा चालित बिजली मिलेगी। जबकि शेष उत्पादित बिजली कलेक्ट्रेट के अन्य भवनों को आंशिक रूप से प्राप्त होगी। इसी प्रकार निबंधन कार्यालय की छत पर 15 किलोवाट, एडीएम भवन की छत पर 29 किलोवाट और जिला रायफल क्लब सभागार की छत पर 14.48 किलोवाट के सोलर पैनल लगाएंगे। दूसरी ओर, तहसील  सदर सात किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल्स से लैस होंगे।
इस कार्य में कुल मिलाकर 46 लाख 69 हजार 600 रुपये की लागत आएगी। इन भवनों पर सौर ऊर्जा चालित विद्युत आपूर्ति आरंभ होने पर प्रतिदिन 416 यूनिट बिजली उपलब्ध होगी। फलस्वरूप जिला प्रशासन हर साल बिजली बिल के मद में लगभग 12 लाख रुपये की बचत करेगा। नेडा के परियोजना अधिकारी रणविजय सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के प्रत्येक जनपद को सौर ऊर्जा चालित बिजली से लैस करने का लक्ष्य है। 
उन्होंने बताया कि इसके लिए शासन ने 60 मेगावाट के विभिन्न प्लांट स्थापित करनी की मंजूरी मिली है। जिसके तहत पूर्वांचल को दस मेगावाट और वाराणसी जनपद को पांच मेगावाट सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य है। दूसरी ओर, मुख्य कोषाधिकारी शिवराम ने बताया कि कोषागार भवन में सोलर प्लांट स्थापित होने के बाद बिजली कटौती के कामकाम ठप होने की समस्या नहीं रहेगी और जेनरेटर के इंधन की भी बचत होगी।


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