शिफ्टिंग के दौरान चार ट्रकों में ठूंसकर भरे गये छुट्टा पशु, दो ट्रकों में आपस में ही एक दर्जन गोवंश ने कुचलकर तोड़ा दम

अमौली सीमा पर जल निगम प्रांगण में कैद पशुओं को छाहीं शिफ्ट कर रहे थे


सोमवार रात्रि में छाहीं के ग्रामीणों ने आश्रय स्थल पर पशुओं को उतारने से रोका


छाहीं में दो और अमौली गांव में दस पशु ट्रक में पाये गये मृत, हुआ पोस्टमार्टम


घटना को लेकर खंड विकास अधिकारी व एसडीएम सदर जवाब देने से कतराए

जनसंदेश न्यूज
चिरईगांव। योगी सरकार में जहां गोवंशों की रक्षा के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही के कारण ट्रक में ठूंस-ठंूसकर लादे गये गोवंशों में से एक दर्जन गोवंशों ने वाहन के भीतर आपस में ही कुचलकर दम तोड़ दिया। यह हृदयविदारक घटना चिरईगांव ब्लाक के अमौली और छाहीं गांव में बीते सोमवार देर रात और मंगलवार सुबह के बीच हुईं। घटना की जिम्मेदारी लेने के लिए कोई तैयार नहीं है और अफसर पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ने में जुटे हैं।
अमौली गांव की सीमा पर स्थित जल निगम परिसर में तीन दिन पूर्व कैद किये गये गोवंशों को गत रविवार और सोमवार के बीच ट्रकों से लादकर छाहीं गांव स्थित गोवंश आश्रय स्थल भेजा गया था। वह जानवर चार ट्रकों में ठूंस-ठूंसकर लादे गये थे। सोमवार देर रात छाहीं के ग्रामीणों ने उन पशुओं को मौके पर उतारने से रोक दिया।
कर्मचारियों ने किसी प्रकार लोगों को समझाबुझाकर दो ट्रकों पर लदे पशुओं को आश्रय स्थल पर उतारा लेकिन उनमें से दो पशु ट्रक पर ही मृत पाये गये। दो अन्य ट्रकों पर लदे पशु उतारने में असफल रहे। फलस्वरूप वह ट्रक रातभर छाहीं में रुकने के बाद मंगलवार की सुबह वापस अमौली की सीमा पर स्थित जल निगम परिसर लौटे। 



वहां पशुओं को उतारने के बाद पता चला कि दस और गोवंश उन्हीं ट्रकों पर कुलचकर मर चुके हैं। जिम्मेदार अफसरों और कर्मचारियों की इस स्तर पर हुई लापरवाही की जानकारी मिलने पर गांव में हड़कंप मच गया। सूचना ब्लाक से लेकर विकास भवन तक पहुंची तो अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गये। आनन-फानन में विकास खंड के अफसर और पशुपालन विभाग के चिकित्सकों की टीम भी अमौली दौड़ पड़ी।गोवंशों की मौत का कारण पूछने पर बीडीओ विक्रमादित्य सिंह मलिक और एसडीएम सदर महेंद्र कुमार श्रीवास्तव को कोई जवाब नहीं सूझ रहा था। दोनों अफसर सीधा जवाब देने के बजाया घटना को टालने पर तुले रहे। उसी बीच मृत गोवंशों का पोस्टमार्टम सरसौल गांव में गंगातट पर ब्लाक के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आरए चौधरी ने किया। उसके बाद उन गोवंशों को मौके पर ही अमौली के ग्राम प्रधान धर्मेंद्र यादव, संकठा प्रधान, रमेश यादव अज्ञात आदि के सहयोग से दफना दिया गया। इसके लिए जेसीबी मशीन मंगवायी गई थी। पूरे घटनाक्रम को लेकर ग्रामीण और किसान अरोप लगाते रहे कि प्रशासनिक अनदेखी के चलते गोवंशों की मौत हुयी है।



पशुओं की मौत दुर्भाग्यपूर्ण: सीवीओ
जनपद के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी (सीवीओ) डॉ. वीबी सिंह ने मंगलवार की शाम अमौली पहुंचे। उन्होंने पूरे मामले की जानकारी ली। पूछे जाने पर उन्होंने गोवंशों की इस प्रकार हुई मौत को दुर्भाग्य पूर्ण बताते हुए कहा कि बुधवार को मैं एकबार फिर अमौली जाऊंगा। इस घटना की जिम्मेदारी तय करने का दायित्व ब्लाक व प्रशासन के अधिकार क्षेत्र में है। हमारा काम पशुओं का इलाज व पोस्टमार्टम करना है। अमौली में रखे गये गोवंशों के लिए शेड व चारा आदि का इंतजाम करा दिया गया है। छाहीं में स्थापित गोवंश आश्रय स्थल पूरपी तरह तैयार है।



अचानक लगायी चौपाल
चिरईगांव। ट्रकों पर लदे गोवंशों की मौत की घटना के बाद अमौली और छाहीं गांव से कुछ ही किमी दूर स्थित सीवों गांव में शाम को अफसरों ने चौपाल का आयोजन किया। सिर्फ एक घंटे तक चले इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों की समझ से परे रहा। चौपाल में ग्रामीणों ने प्रमुख रूप से छुट्टा पशुओं से हो रही समस्या पर अधिकारियों का ध्यान आकृषट किया। अफसरों ने उन्हें बताया कि छांही व मोकलपुर मे गोवंश आश्रय स्थल निमार्णाधीन है। आवारा पशुओं से जल्द ही छुटकारा मिल जाएगा।


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