नसबंदी के साल भर बाद महिला ने किया गर्भधारण, शिकायत करने पर सीएमओ ने झाड़ा पल्ला
जनसंदेश न्यूज़
दुद्धी/सोनभद्र। स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण करने पहली बार पहुंचे मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोनभद्र अपने पहले ही दौरे में सुर्खियों में आ गए। वह भी किसी अच्छे कार्य के लिए नहीं बल्कि फरियादियों के फरियाद न सुनने के कारण सुर्खियों में आना यह साबित कर दिया कि अब स्वास्थ्य विभाग सेवा नहीं बल्कि शासन करने का विभाग बनकर रह गया है।
विंढमगंज थाना क्षेत्र के ग्राम जोरुखाड़ की निवासिनी (28) फूलकुमारी पत्नी विनोद सीएमओ के आगमन के मद्देनजर गुरुवार को सुबह 9 बजे से ही आकर अस्पताल में बैठी थी। अपराहन 2 बजे सीएमओ के पहुंचने पर उसे एक आस जगी, लेकिन सीएमओ ने उसकी बात ना सुनकर उसकी आशाओं पर पानी फेर दिया।
पीड़िता ने बताया कि गत वर्ष जनवरी 2019 में सीएचसी दुद्धी में मैंने नसबंदी कराया था। करीब एक वर्ष बाद 23 जनवरी 2020 को पेट दर्द की शिकायत पर जब मैं दुद्धी अस्पताल आई तो केंद्र में तैनात महिला चिकित्सक डॉ स्मिता ने किट से जांच कराया। जिसमें पेट में बच्चा होने की बात बताई गई। यह सुनकर मेरे होश उड़ गए। मैंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए जब महिला चिकित्सक को नसबंदी की बात बताई तो उन्होंने लोकलाज का भेद दिखाकर एबॉर्शन कराने की सलाह दी।
महिला चिकित्सक ने मुझसे 3000 लेकर सफाई भी कर दी। दो-तीन दिन बाद अत्यधिक रक्तस्राव होने व पेट दर्द होने पर पुनः दुद्धी अस्पताल आकर उन्हें दिखाई। डॉ स्मिता ने महिला को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। 31 जनवरी को जिला अस्पताल पहुंचने पर वहां चिकित्सकों ने हिमोग्लोबिन जांच कराया जिसमें एचबी बहुत कम होने की पुष्टि हुई। तत्काल जिला अस्पताल ने उसे बनारस के लिए रेफर दिया गया।
5 फरवरी से वाराणसी के एक निजी अस्पताल में करीब 15 दिन तक भर्ती रखा गया। अस्पताल द्वारा कराए गए अल्ट्रासाउंड में पेट मे पल रहे डेढ़ माह का बच्चा होने की पुष्टि की गई। वाराणसी में करीब डेढ़ लाख खर्च करने के बाद महिला का एबॉर्शन करा फूल कुमारी की जान बचाई जा सकी।
इस प्रकरण की शिकायत करने पहुंचे दंपत्ति की बात सुन बगैर सीएमओ ने केंद्र अधीक्षक को इस मामले की सुनवाई कर आवश्यक कार्रवाई करने की बात कह कर चलते बने। सीएमओ के इस व्यवहार पर नगर के बुद्धिजीवी वर्ग ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मामले में जिलाधिकारी से हस्तक्षेप कर दोषियों के खिलाफ करवाई की मांग की है।