मोहब्बत के दिन चलीं थीं नफरत की गोलियां


चिरईगांव। पुलवामा में आतंकियों के कायराना हमले में 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ के 40 जवान  शहीद हो गये। उन चालीस वीर सपूतों में काशी के लाल रमेश यादव भी शामिल रहे। थाना चौबेपुर अंतर्गत तोफापुर निवासी रमेश अपनी छुट्टी बिताकर 12 फरवरी 2019 को जम्मू-काश्मीर में ड्यूटी के लिए घर से 11 बजे निकले थे। 14 फरवरी को बेस कैंप जाते समय पुलवामा में आतंकी हमले में 40 वीर सपूतों संग रमेश भी शहीद हो गये। ये घटना उस दिन की है जब पूरी दुनिया वेलेंटाइन डे माना रही थी और दुश्मन वीर सपूतों पर नफरत की गोलियां बरसा था। इस घटना पर पूरा देश रोया था। इस कायराना हमले की भर्त्सना पूरी दुनिया में हुई।


सपूत की शहादत ने झकझोर दिया


 तोफापुर के शहीद रमेश यादव की मां राजमति बेटे की शहादत को याद कर बोली लाल देश के लिए शहीद हो गया। घर से तारीख 12 फरवरी 2019 को रमेश दिन में 11 बजे ड्यूटी के लिए निकला था। जाते वक्त मां की एक बात जो आज भी उन्हें याद है कि रमेश ने कहा था मां इस बार जब वापस आऊंगा तो घर बनवाऊंगा और हैंडपंप भी लगवाऊंगा लेकिन से उसके अपनी मां के लिए अंतिम शब्द थे।


तीन साल के बेटे को अब भी पिता का इंतजार


शहीद रमेश का साढ़े तीन वर्षीय पुत्री आयुष को आज भी अपने पिता का इंतजार है। कई मौके पर जब पापा को पूछता है तो मां समेत घर वालों की आंखे नम हो जाती हैं। भला अब कौन उसे बताए की उसके पापा मां भारती की सेवा में जान दे चुके हैं।



वादे तो हुए बहुत लेकिन मिला क्या


शहीद रमेश यादव का बड़ा भाई राजेश का कहना है कि उस समय तो कई घोषणा सरकार ने की जो आज भी इंतजार में बीत रही है।  विधायक व कैबिनेट मंत्री समेत कईयों ने नौकरी का भरोसा दिया लेकिन मिला क्या ये प्रश्न आज भी शहीद के  परिवार वालों का मौजूदा सरकार से हैं।


 



वीर पति की शहादत को सलाम


शहीद रमेश यादव की पत्नी रीनू यादव ने पति के खोने पर कहा कि देश की सुरक्षा के लिए पति शहीद हो गये। वो वीर योद्धा थे उनकी शहादत को सलाम करती हूं। उनके न रहने का गम क्या है इसे बयां नहंीं किया जा सकता। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि  शहीद पति की याद में बनने वाला गेट,खेल मैदान, सड़क और स्मारक अबतक पूरा नहीं हो सका।


सरकार हो या विपक्ष किसी ने नहीं सुनी


  शहीद के पिता श्यामनारायण को बेटे के शहीद होने पर गर्व है। लेकिन बड़े बेटे को रोजगार का वादा देने का प्रियंका गांधी ने वादा किया था उसे पूरा नहीं किया जा सका। वहीं सरकार भी इस मामले में सहयोग नहीं कर रही।


बरसी यादगार बनाने में जुटे ग्रामीण


तोफापुर के शहीद रमेश नौजवानों व गांव के बुजुर्गो ने शहीद की शहादत पर गांव में ही कई कार्यक्रम का आयोजन किये हैं। 14 फरवरी  सुबह 8 बजे शहीद के दरवाजे से सैकड़ों लोग तिरंगा यात्रा निकलेंगे, 11.00 बजे श्रध्दांजलि सभा का कार्यक्रम है वहीं शाम को  कैंडल मार्च निकलेगा।


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