लीप ईयर वाले फरवरी महीने में खदान क्षेत्रों में होते है बड़े हादसे, लगातार तीसरी बार हुआ हादसा
जनसंदेश न्यूज़
डाला/सोनभद्र। ओबरा थाना क्षेत्र के बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र के खनन व्यवसाई सुरेश केशरी खदान में शुक्रवार को हुए हादसे में एनडीआरएफ की मदद से घटना के चौबीस घंटों के भीतर दो दबे हुए मजदूरों को अबतक बाहर निकाला जा सका। अन्य तीन मजदूरों को बाहर निकाले जाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा तीन पोकलेन मशीन लगाकर भसके हुए पत्थर को हटाने कार्य किया जा रहा है।
खदान भसकने के 16 घंटे बाद शनिवार की सुबह सात बजे मजदूर सुरेन्द्र उम्र 20 वर्ष पुत्र भुखन का शव बाहर निकाला गया। शव निकालने के चार घंटे तक रेस्क्यू आपरेशन को बंद करके गिर रहे पत्थरों की विधिवत सफाई कराने के बाद पुनः राहत बचाव कार्य सुबह ग्यारह बजे चालू हो गया। राहत कार्य के साढे चार घंटे बीतने के बाद शनिवार को ही दोपहर 3.40 पर छोटेलाल उम्र 37 पुत्र भुखन का शव निकाला जा सका। दोनों मृतक पटिहवां गुरमुरा थाना चोपन के रहने वाले है।
इस दौरान अपर जिलाधिकारी योगेन्द्र बहादुर, एडिशनल एसपी ओपी सिंह, एसडीएम सदर यमुना धर चौहान, नायब तहसीलदार तनुजा निगम, सीओ ओबरा भाष्कर वर्मा, पिपरी सीओ ज्ञान प्रकाश राय, जिला खनन अधिकारी के के राय सहित तमाम थानों की फोर्स राहत कार्य मे जुटी रही।
लीप ईयर में सुरक्षित नहीं रहते खदान क्षेत्र !
हर चाल के भीतर लीप ईयर के फरवरी माह में हादसे हुए, खनन हादसों के बाद जिला प्रशासन मात्र खाना पूर्ति करके शिकंजा कसने का मात्र कोरम पूर्ति करता रहा। जिसके कारण तीन बार खनन क्षेत्र में बडे हादसे हुए जिसको लेकर प्रायः खनन प्रभावित होता रहा। 27 फरवरी 2012 को खदान भसकने की वजह कुल ग्यारह मजदूरो की जान गई। 26 फरवरी 2016 मजदूरों के घरो ज्वलनशील मैटेरियल से ब्लास्ट हुआ। जिसके चलते तीन मजदूरों की चीथडे उड गए और दर्जन मजदूर घायल हो गए। 28 फरवरी 2020 में खनन हादसा हुआ। जिसमें पांच लोग दब गए, जिसमे अब तक दो लोगों को बाहर निकाला जा सका।