जिंदा था तो थी हनक,मरा तो कंधा तक नसीब नहीं
सुमित चौहान
ये हुआ हाल
झलकी मुफलिसी, नहीं दिखा कोई रिश्तेदार
एसटीएफ ने कराया टुन्ना का अंतिम संस्कार
वाराणसी। एसटीएफ से मुठभेड़ में मारा गया 50 हजार इनामी बदमाश राजेश पंडित उर्फ टुन्ना को खुद के साथियों ने ही ठुकरा दिया। जिंदा था तो सैकड़ों पूछने वाले थे मरा तो कोई झांकने तक नहीं आया।
बुधवार को बीएचयू पोस्टर्माटम हाउस कोई नहीं पहुंचा। यहां तक की परिजनों के पास उसके अंतिम संस्कार तक के पैसे नहीं थे। एसटीएफ अधिकारियों ने उसका अंतिम संस्कार कराया। पोस्टमार्टम हाउस पर टुन्ना के परिजनों बताया कि जिंदा था तो उससे मिलने वालों की संख्या हजारों में थी। लेकिन मरने के बाद कोई पूछा तक नहीं। बड़ी बहन अनिता पाण्डेय ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम होने के बाद उसको कंधा देने के लिए चार लोग भी नहीं पहुंचे । एसटीएफ इंस्पेक्टर विपिन राय और पुनीत परिहार ने अपने खर्चे से उसका अंत्येष्टि कराया। बहन की माने तो ऐसे मौके पर रिश्तेदार व परिचितों काम आते है लेकिन किसी ने अंतिम संस्कार में शामिल होने तक की हिम्मत नहीं जुटाई।