'जनसंदेश टाइम्स' के शानदार आठ साल-बेमिसाल


समाचार संपादक विजय विनीत की कलम से


वो छह फरवरी का दिन था जब हमने बनारस के इतिहास में एक सजग, जिम्मेदार और जवाबदेह पत्रकारिता की नई और सधी हुई शुरुआत 'जनसंदेश टाइम्स' के रूप में की थी। तब हमने पाठकों का आह्वान किया था कि उनकी बात बेबाकी के साथ उठाएंगे। तीखे तेवर के साथ सजग प्रहरी की भूमिका अदा करेंगे। पिछले आठ सालों में हम न डरे..., न झुके...। सत्ता में कोई भी रहा  हो, हम सिर्फ जनता के पक्ष में खड़े रहे...अड़े रहे... और डटे रहे। हमने पत्रकारिता के मूल्यों और सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। बस अपने पाठकों के साथ हर कदम पर सहयात्री और सहभागी के रूप में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे। आपके स्नेह और समर्थन के बल पर 'जनसंदेश टाइम्स' देश-प्रदेश और समाज की तरक्की में न सिर्फ सीढ़ी बना, बल्कि समाज को बदलने के लिए एक लहर...एक बड़़ा वेग पैदा किया। नतीजा, सिर्फ देश ही नहीं, 'जनसंदेश टाइम्स' की खबरों ने दुनिया भर में हलचल मचाई। चाहे उभ्भा नरसंहार कांड रहा हो या फिर नमक-रोटी का सवाल।


बीते आठ साल की कोशिशों को सामने रखकर आप समीक्षा करें तो पाएंगे कि आपका लक्ष्य था कि दुनिया भर के ज्ञान, कौशल और विचार आप तक पहुंचे। इसका माध्यम 'जनसंदेश टाइम्स' बने। हमने रोज दुनिया भर की रोचक और ताजा-तरीन खबरें दीं। घटनाओं की पड़ताल और समीक्षा में ज्यादा गहराई और ज्यादा तीखापन लाने का प्रयास किया। यही वजह रही कि हमारी पत्रकारिता बाजार और भीड़ की पत्रकारिता से बिल्कुल अलग दिखी।


नेपथ्य में जाएं तो पता चल जाएगा कि जहां भी आम जनता का हित प्रभावित हुआ, जो लोग तरक्की व देश की खुशहाली में बाधक बने, जनता की गाढ़ी कमाई हजम करने की कोशिश की, उनसे हमने तगड़ा मोर्चा लिया। 'जनसंदेश टाइम्स' सिर्फ अखबार नहीं, लोकतांत्रिक प्लेटफार्म है। ऐसा प्लेटफार्म जिसकी ताकत के आगे जन-विरोधी ताकतों को अपनी सोच बदलनी पड़ी। मीरजापुर के नमक-रोटी कांड में नौकरशाही ने हमारे हौसलों को तोड़ने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। फर्जी मुकदमे लादे गए, हमारे साथी पत्रकारों की गिरफ्तारियां भी हुईं। लेकिन अपनी धारदार रिपोर्टिंग के जरिए बुजुर्आ और समांती सोच पर करारा प्रहार किया। सोनभद्र के सामूहिक जनसंहार कांड में हमने ऐसी स्टोरियां लिखी, जिसकी तारीफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी अपनी रिपोर्ट में की। समाज को झुनझुना दिखाने वालों पर हमने करारे हमले किए तो नेताओं की वादाखिलाफी को भी प्रमुखता से छापा, जिससे दबाव बना और स्थितियां सुधरीं। आगे भी हम अपने मिशन से नहीं डिगेंगे, यह हमारा आपसे वादा है।


मानसिक जड़ता, दीवालियापन और सामजिक संकुचन रोकने के लिए 'जनसंदेश टाइम्स' को आप हमेशा अपने साथ खड़ा पाएंगे। अखबार में छपे हमारे शब्द तीर जैसा पहले की तरह गंदे आचरण और गंदी व्यवस्था वाले लोगों पर बरसेंगे। हमने प्रण किया है कि लोगों को न सिर्फ कर्तव्यों के प्रति जागरूक करेंगे, बल्कि शिक्षित और प्रशिक्षित भी करेंगे। हम आपको वचन देते हैं कि हमारी पत्रकारिता निर्मल जल की तरह पारदर्शी दिखेगी। 'जनसंदेश टाइम्स' का आठ साल का सफरनामा एक बड़े सपने के साकार होने जैसा है। आज यह अखबार एक लंबी यात्रा के नए लक्ष्य के साथ नई मंजिल पर पहुंचने के लिए अग्रसर है। उम्मीद है कि आपका सहयोग, सुझाव और मार्गदर्शन हमेशा मिलता रहेगा।


Popular posts from this blog

'चिंटू जिया' पर लहालोट हुए पूर्वांचल के किसान

लाइनमैन की खुबसूरत बीबी को भगा ले गया जेई, शिकायत के बाद से ही आ रहे है धमकी भरे फोन

नलकूप के नाली पर पीडब्लूडी विभाग ने किया अतिक्रमण, सड़क निर्माण में धांधली की सूचना मिलते ही जांच करने पहुंचे सीडीओ, जमकर लगाई फटकार