जब बनारसियों के सामने रोबोट सोफिया बोलीं, ‘बनारसी साड़ी पहन कर बहुत खुश हूं मैं’



जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। बनारस और बनारस के लोगों का अंदाज निराला है। यहीं बनारसीपन हमें सबसे अलग बनाता है। बीएचयू के स्वतंत्रता भवन सभागार में शुक्रवार को टेक्नेक्स 2020 कार्यक्रम में भी छात्रों के बनारसी अंदाज ने लोगों का दिल जीत लिया। 
बीएचयू में केलीडोस्कोप में ह्यूमनायड रोबोट सोफिया से लोगों ने तरह तरह के सवाल भी पूछे। इस दौरान बनारसी छात्रों ने रोबोट से भी अजब अनोखे सवाल पूछे तो पूरा सभागार मस्ती से भरा नजर आया। ‘सोफिया संग संवाद’ के दौरान रोबोट सोफिया से पूछे गए सवालों पर आइए डालते है एक नजर......



सोफिया से पूछे गए सवाल व उनके जवाब



प्रश्न: पहली बार बनारस आयी हो कैसा लग रहा है। 
उत्तर: इससे पहले एक बार और भारत आ चुकी हूं। 
प्रश्न: सबसे बड़ी समस्या क्या है। 
उत्तर: जनसंख्या व बौद्धिक अधिकार। 
प्रश्न: क्या आप मेरे प्रोफेसर को रिप्लेस सकते हो। 
उत्तर: नहीं। 
प्रश्न: क्या आप हंस सकती हो। 
उत्तर: हां। 
प्रश्न: क्या आप भी इंसानों की तरह नर्वस होती हैं। 
उत्तर: मेरी फीलिंग मिरर इमेज की तरह है। जो प्रोग्रामिंग मेरे अंदर फीड की जाती है, मैं वही महसूस करती हूं। 
प्रश्न: आपका क्रिएशन क्यों हुआ। 
उत्तर: (मजाकिया अंदाज में) इंसान को खुद का अस्तित्व नहीं पता फिर मुझसे क्यों पूछ रहे। 
प्रश्न: क्या आप भगवान में विश्वास करती हैं।
उत्तर: यदि भगवान का अस्तित्व है और लोगों यही मानते हैं कि उन्हें भगवान ने बनाया है तो मेरे भगवान डा. डेविड हैनसन हैं। 
प्रश्न: क्या आप हिंदी बोल सकती हो। 
उत्तर: नहीं, भविष्य में यह संभव होगा कि मैं हिंदी बोल सकूं। 
प्रश्न: आप कितनी भाषा बोल सकती हैं। 
उत्तर: मैं रशियन, मैंडरिन भी बोल सकती हूं। 
प्रश्न: क्या आप शादी करना चाहती हैं। 
उत्तर: नहीं। 
प्रश्न: आपका अपग्रेड वर्जन आए तो आपको कैसा महसूस होगा। 
उत्तर: बिल्कुल अच्छा नहीं लगेगा। मगर परिवार के सदस्य बढ़ेंगे तो थोड़ी खुशी होगी। 
प्रश्न: भारतीय संस्कृति के बारे में आप क्या सोचती हैं। 
उत्तर: मैं बनारसी साड़ी पहनकर बहुत खुश हूं। मार्क ट्विन ने कहा था कि बनारस इतिहास से भी प्राचीन है।



इसे बनाने वाली कंपनी हैनसन रोबोटिक्स के चीफ टेक्नोलॉजी आफिसर अमित कुमार पांडेय ने रोबोट के क्रमबद्ध विकास व इतिहास से प्रतिभागियों को वाकिफ कराया। कहा पहले जो रोबोट बनाए जाते थे, वे अकेले रहते थे। वर्तमान समय के रोबोट मानव के बीच रहकर उनसे संचार स्थापित करते हैं। ऐसे रोबोट को ही आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की संज्ञा दी जा रही है। 


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